Chandigarh पीजीआई ट्रॉमा सेंटर में गंभीर मरीज के लिए अच्छी खबर है।
Chandigarh: चंडीगढ़ पीजीआई ट्रॉमा सेंटर (PGI Trauma Centre) में गंभीर मरीज के लिए अच्छी खबर है। बता दें कि चंडीगढ़ पीजीआई (Chandigarh PGI) के रेडियोडायग्नोसिस और इमेजिंग डिपार्टमेंट द्वारा इमरजेंसी रेडियोलॉजी सोसायटी के 11वें वार्षिक कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन इमरजेंसी रेडियोलॉजी प्रोटोकॉल (Emergency Radiology Protocol) चर्चा हुई। पढ़िए पूरी खबर…
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इस दौरान ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ. नवीन कालरा (Dr. Naveen Kalra) ने बताया कि इमरजेंसी या ट्रॉमा सेंटर में आने वाले घायल या गंभीर रूप से बीमार मरीजों को किस तरह से जल्द इलाज मुहैया करवाया जाए इसको लेकर गाइडलाइन पर चर्चा हुई।
आपको बता दें कि इस दौरान कहा गया कि अगर कोई गंभीर रूप से घायल मरीज ट्रामा में इलाज के लिए आया है तो उसे सिटी स्कैन की जरूरत है तो उसे ओरल कॉन्ट्रास्ट, जो कि सिटी स्कैन करने से 40 मिनट पहले दिया जाता है, वह न देकर सीधे सीटी स्कैन करके डायग्नोस कर लिया जाएगा और उसका इलाज शुरू हो जाएगा। इससे घायल को तुरंत इलाज मिलेगा और जान बचाने में मदद मिलेगी। इसी तरह से किसी भी घायल या क्रॉनिक मरीज की तकलीफ का पता लगाने के लिए तुरंत रेडियो इंटरवेंशन किए जाएंगे।
यूएसए से आए राजीव गुप्ता (Rajeev Gupta) ने बताया कि इस तरह के प्रोटोकॉल से जल्द मर्ज का पता चलेगा और इलाज जल्द शुरू होने से उनकी जान बचाने में सफलता मिलेगी। वहीं बेंगलुरु से आए रेडियोलॉजिस्ट डॉ. अर्जुन कल्याणपुर ने बताया कि रेडियोलॉजी में एआई का इस्तेमाल करने के लिए मशीनों में ज्यादा से ज्यादा डाटा अपलोड किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि स्ट्रोक दो तरह के होते हैं एक जिसमें मस्तिष्क में क्लॉट हो जाता दूसरा ब्रेन हेम्बरेज से होता है। मरीज को कौन-सा स्ट्रोक है इसका एआई में फीड डाटा से तुरंत डायग्नोस हो जाएगा कि कौन-सा स्ट्रोक है। कॉन्फ्रेंस में आयोजन अध्यक्ष डॉ. परमजीत सिंह और ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ. नवीन कालरा के नेतृत्व में किया गया।
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शुरू की जा रही टेली रेडियोलॉजी स्कैनिंग की सुविधा भी
कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ पीजीआई के पूर्व डायरेक्टर प्रो. वाईके चावला (Prof. YK Chawla) ने किया। चंडीगढ़ में हुए टेस्ट को बाहर बैठा रेडियोलॉजिस्ट भी देखकर बताएगा इलाज डॉ. अर्जुन कल्याणपुर ने बताया कि टेली रेडियोलॉजी स्कैनिंग की सुविधा भी शुरू की जा रही है। इसका मकसद यह है कि देश में 1000 मरीजों पर एक रेडियोलॉजिस्ट है। ऐसे में मरीज का टेस्ट होने के बाद भी उसे क्या दिक्कत वह डायग्नोस नहीं हो पाती है।
सोसायटी के माध्यम से हम टेली रेडियोलॉजी स्कैनिंग (Tele Radiology Scanning) की सुविधा शुरू करने जा रहे हैं। इसमें पीजीआई में टेस्ट हुआ और अगर वहां पर रेडियोलॉजिस्ट नहीं है जो जांच रिपोर्ट को दे सके, ऐसे में रिपोर्ट ऐसे सेंटर पर ट्रांसफर कर दी जाएगी जहां पर रेडियोलॉजिस्ट होगा। यह व्यवस्था ग्लोबली होगी। वह रेडियोलॉजिस्ट रिपोर्ट को देखकर तुरंत बता देगा कि मरीज को क्या बीमारी है और उसे किस तरह के इलाज जरूरत है।