Greater Noida

पूरे देश में बसाए जाएंगे ग्रेटर नोएडा जैसे 12 शहर, लिस्ट देख लीजिए

Trending ग्रेटर नोएडा- वेस्ट दिल्ली NCR नोएडा
Spread the love

Greater Noida जैसै पूरे देशभर में बसाए जाएंगे और 12 शहर

Smart City Project: राजधानी दिल्ली से लगे हुए उत्तर प्रदेश के नोएडा और ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) शहर बड़े औद्योगिक शहर के रूप में उभरे हैं। इसी को देखते हुए अब सरकार देशभर में 12 और ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) जैसे स्मार्ट इंडस्ट्रियल शहर (Smart Industrial City) बसाने की योजना बना रही है। आपको बता दें कि देश में घरेलू विनिर्माण (Domestic Manufacturing) को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) और गुजरात के धोलेरा के जैसे ही दूसरे राज्यों में भी 12 नए औद्योगिक शहर स्थापित किए जाएंगे। उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) के सचिव राजेश कुमार सिंह ने इसको लेकर जानकारी देते हुए कहा कि इस तरह के दो औद्योगिक शहर आंध्र प्रदेश और एक बिहार में विकसित किए जा रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि ऐसे 8 शहर पहले से ही कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं।

ये भी पढे़ंः Delhi Metro में रील बनाने वाले यात्रीगण कृपया ख़बर ज़रूर पढ़ें

Pic Social Media

आपको बता दें कि गुजरात के धोलेरा, महाराष्ट्र के ऑरिक (औरंगाबाद), मध्य प्रदेश के विक्रम उद्योगपुरी और आंध्र प्रदेश के कृष्णापत्तनम में इन शहरों की बसावट के लिए सहयोगी बुनियादी ढांचा तैयार किया जा चुका है और अब उद्योगों के लिए प्लॉटों का आवंटन के लिए काम हो रहा है।

ख़बरीमीडिया के Whatsapp ग्रुप को फौलो करें https://whatsapp.com/channel/0029VaBE9cCLNSa3k4cMfg25

ऐसे ही चार दूसरे औद्योगिक शहरों में भी सरकार की विशेष इकाई वाहन सड़क संपर्क, पानी और बिजली सप्लाई जैसे बुनियादी ढांचे के निर्माण की प्रक्रिया में तेजी से काम कर रही है। सिंह ने एक मीडिया एजेंसी से बातचीत में कहा कि ये 8 शहर पहले से ही विकास के चरण में हैं और बजट में 12 नए औद्योगिक शहरों की घोषणा की गई है, जिससे देश में इन शहरों की कुल संख्या 20 हो जाएगी।

ये भी पढे़ंः Noida-ग्रेटर नोएडा वालों के लिए खबर बिल्कुल भी अच्छी नहीं है

उन्होंने आगे कहा कि ये औद्योगिक स्मार्ट शहर हैं। इन 12 नए शहरों के आने पर कुल संख्या 20 पहुंच जाएगी। हमने बुनियादी ढांचा खड़ा करने के बाद प्लॉट आवंटित किए। हम पूरे शहर के लिए पर्यावरण मंजूरी लेते हैं, लिहाजा वहां जाने वाली कंपनी को सिर्फ अपना काम शुरू करना होता है। सचिव राजेश कुमार सिंह ने बताया कि डीपीआईआईटी नए शहरों के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल से संपर्क करेगा। इसके लिए योजनाएं तैयार हैं और जमीन राज्य सरकारों के पास है। हमें बस इसके लिए गठित विशेष उद्देश्य वाली इकाइयों (एसपीवी) को इक्विटी मंजूरी देनी है।

मैन्युफैक्चरिंग और जॉब क्रिएशन में भी होगी सहायता

इस फैसले से देश के सकल घरेलू उत्पाद में विनिर्माण की हिस्सेदारी बढ़ाने और रोजगार सृजन में सहायता मिलेगी। स्मार्ट औद्योगिक शहरों की स्थापना के ऐलान पर शार्दुल अमरचंद मंगलदास एंड कंपनी में साझेदार आशु गुप्ता ने बताया कि राज्यों और प्राइवेट सेक्टर के सहयोग से यह अभिनव सुधार औद्योगिक विकास एवं शहरी नियोजन को काफी बढ़ावा दे सकता है।

आशु गुप्ता ने आगे बताया कि ये परियोजनाएं गतिशील आर्थिक केंद्र बन जाएंगी जो विकास और नवाचार को बढ़ावा देंगी और स्थायी प्रभाव पैदा करेंगी। बजट2024-25 में सरकार ने विनिर्माण और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सीमा शुल्क को युक्तिसंगत बनाने जैसे अन्य उपायों की भी घोषणा की है।