Hathras stampede: उत्तर प्रदेश के हाथरस भगदड़ हादसे से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है। आपको बता दें कि हाथरस भगदड़ (Hathras stampede) मामले में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने बड़ा एक्शन लिया है। इस हादसे पर विशेष जांच टीम (SIT) ने 300 पन्नों की जांच रिपोर्ट सबमिट कर दी है। जिसके बाद अब SDM समेत 6 अधिकारी सस्पेंड कर दिए गए। सिकंदरामऊ के तहसीलदार भी सस्पेंड हो गए हैं। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के हाथरस में 2 जुलाई को साकार विश्व हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ के बाद 121 लोगों की जान चली गई थी। इस मामले की जांच के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे।
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अब सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई
खबर यह भी सामने आ रही है कि इस मामले की सुनवाई अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में होगी। भगदड़ को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल जनहित याचिका पर जल्द से जल्द सुनवाई की मांग की गई थी। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है।
हादसे का यह कारण
एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में हादसे को लेकर बताया है कि सत्संग का आयोजन कराने वाली कमेटी की लापरवाही की वजह से यह हादसा हुआ है। इसके साथ ही प्रशासन पर भी सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं। हालांकि रिपोर्ट में भोले बाबा का कहीं भी जिक्र नहीं है। प्राप्त जानकारी के अनुसार एसआईटी की इस रिपोर्ट में 119 लोगों के बयान भी दर्ज किए गए हैं।
आपको बता दें कि एसआईटी (SIT) की इस टीम में एडीजी आगरा जोन अनुपम कुलश्रेष्ठ और अलीगढ़ कमिश्नर चैत्रा वी शामिल थीं। एसआईटी ने कहा है कि मामले में गहन जांच की भी आवश्यकता है, जिससे घटना से जुड़े कुछ बड़े खुलासे होने का अंदेशा लगाया जा सकता है।
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एसआईटी की जांच में यह बात आई सामने
एसआईटी ने अपनी जांच के दौरान यूपी पुलिस के कई आला अधिकारियों से भी पूछताछ की। जिनमें हाथरस के डीएम आशीष कुमार और एसपी निपुण अग्रवाल से भी पूछताछ हुई।
एसआईटी के खुलासे में बड़ी बाद सत्संग में जुटे लोगों की संख्या से जुड़ी थी। एसआईटी की रिपोर्ट के अनुसार सत्संग में 2 लाख से अधिक लोग पहुंचे थे, जबकि अधिकारियों ने लगभग 80,000 लोगों के लिए अनुमति मांगी थी। 2 जुलाई को जिस दिन भगदड़ हुई, उस दिन ड्यूटी पर तैनात पुलिस अधिकारियों के बयान भी लिए गए हैं। सआईटी रिपोर्ट में पीड़ित परिवारों के बयान भी लिए गए हैं। इससे पहले, उत्तर प्रदेश न्यायिक आयोग की टीम ने हाथरस भगदड़ मामले में कई प्रत्यक्षदर्शियों के बयान दर्ज किए थे।
रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि उप जिला मजिस्ट्रेट सिकन्दराराऊ ने बिना कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण किए कार्यक्रम की अनुमति दे थी। अगर प्रशासन सतर्क होता तो इस तरह की घटना को होने से रोका जा सकता था। आयोजकों पर भी कार्रवाई होने की पूरी संभावना है क्यों सबसे ज्यादा लापरवाही बरतने में उनका हाथ सबसे ज्यादा है।