Dr. Mahesh Sharma News: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कल अपनी कैबिनेट के साथियों के साथ लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लिए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ कई नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली। लेकिन हैरानी की बात यह है कि मोदी कैबिनेट में इस बार भी नोएडा (Noida) के हाथ मायूसी ही लगी है। बड़े अंतर से जीत के बाद भी गौतमबुद्ध नगर से मंत्री पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे डॉ. महेश शर्मा (Dr. Mahesh Sharma) को केंद्रीय मंत्रिमंडल (Union Cabinet) में शामिल नहीं किया गया है। साल 2014 की बीजेपी सरकार में डॉ. महेश शर्मा को मंत्री पद मिला था। उस समय उन्होंने जेवर में बन रहे एयरपोर्ट के लिए विभिन्न मंजूरियां दिलाने में खास भूमिका भी निभाई थी।
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माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में बीजेपी कम सीटें जीतने के कारण, क्षेत्र व जातियों को साधने के क्रम में उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल नहीं की। आपको बता दें कि डॉ. महेश शर्मा ने गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट रेकॉर्ड मतों से जीत कर हैट्रिक लगाई हैं। उन्होंने 8 लाख 57 हजार 829 वोट हासिल कर गठबंधन के सपा प्रत्याशी डॉ. महेंद्र नागर को 5 लाख 59 हजार 472 वोटों से हराया है।
वोटों के नजरिये से देंखे तो यूपी में उनकी सबसे बड़ी जीत है। उन्हें 59.69 प्रतिशत मत मिले। डॉ. महेश शर्मा बीजेपी के कद्दावर नेताओं में शामिल हैं। वह लगातार तीन लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं। नोएडा विधानसभा क्षेत्र के वह पहले विधायक भी रह चुके हैं। 2014 की मोदी सरकार में डॉ. महेश शर्मा को संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय मिला था। इसके साथ ही वह नागरिक उड्डयन मंत्रालय के राज्य मंत्री भी रह चुके हैं। 2019 में फिर मोदी सरकार बनी। लेकिन इस बार उन्हें मंत्री पद नहीं मिला। इस बार जहां बीजेपी को देश स्तर पर नुकसान हुआ है, वहीं डॉ. महेश शर्मा ने वोटों के लिहाज से यूपी में सबसे बड़ी जीत दर्ज कर अपना दम दिखाया।
इसके आधार पर माना जा रहा था कि उन्हें इस बार फिर से कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है। समर्थकों को इसकी पूरी उम्मीद थी, लेकिन रविवार को उनका नाम मंत्री पद की शपथ लेने वाली सूची में शामिल नहीं हुआ। इससे समर्थक काफी निराश नजर आए। डॉ. महेश शर्मा ने कहा है कि पहली बार, दूसरी बार और तीसरी बार एनडीए जीता है। आगे भी एनडीए ही जीतेगा। हमने मिलकर चुनाव लड़ा है। पीएम मोदी की अगुवाई में सब अपनी-अपनी भूमिका में काम करेंगे। मोदी देश को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं।
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जानिए क्या हो सकते हैं कारण
मोदी कैबिनेट में इस बार जाति और क्षेत्र के समीकरण साधने के साथ-साथ एनडीए के सहयोगियों को भी साधने की मजबूरी है। यूपी में इस बार बीजेपी को कम सीटें मिली हैं। ऐसे में यूपी में मंत्रियों की संख्या सीमित रखी गई। इसमें आरएलडी को भी साधना है। बीजेपी की ओर से डॉ. महेश शर्मा बड़ा ब्राह्मण चेहरा हैं, लेकिन जितिन प्रसाद इनसे भी सीनियर हैं। नोएडा को बीजेपी की सुरक्षित सीट भी माना जा रहा है। लिहाजा पार्टी ने बड़ी जीत को हलके में लिया है। एनसीआर और वेस्ट यूपी में मंत्रियों की संख्या को देखते हुए डॉ. महेश शर्मा का नंबर मंत्री पद के लिए नहीं आ सका।