IGI To Jewar Airport: दिल्ली और नोएडा वासियों के लिए एक अच्छी खबर है। अब नोएडा जेवर हवाई अड्डे (Jewar Airport) से दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (Indira Gandhi International Airport) के बीच की दूरी मात्र 80 मिनटों में पूरी की जा सकेगी। दिल्ली (Delhi) के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से जेवर अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के बीच रैपिड रेल कॉरिडोर (Rapid Rail Corridor) को यूपी सरकार से मंजूरी मिल गई है। पढ़िए पूरी खबर…
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इस योजना का अनुमानित लागत 16 हजार करोड़ रुपए है। यानि अब लोग 1 घंटा 20 मिनट में दिल्ली से नोएडा एयरपोर्ट पहुंच जाएंगे। इस कॉरिडोर के बनने से न केवल 2 एयरपोर्ट (Airport) बल्कि दिल्ली के अन्य हिस्से भी आसानी से जुड़ जाएंगे। रूट की डीपीआर तैयार होने के बाद दोनों एयरपोर्ट के पास रहने वाले हजारों लोगों की उम्मीदें तो बढ़ ही गई हैं, साथ ही यहां के निर्माणाधीन प्रोजेक्ट में घर ले चुके लोग भी खासे उत्साहित हैं।
प्रस्ताव के मुताबिक नोएडा एयरपोर्ट (Noida Airport) का लिंक गाजियाबाद स्टेशन से निकलेगा, जो दिल्ली मेरठ रैपिड रेल ट्रांसपोर्ट के लिए इंटरचेंज स्टेशनों में से एक के रूप में कार्य करता है। यात्री दिल्ली-मेरठ रेल के आरंभिक स्टेशन सराय काले खां के माध्यम से निर्माणाधीन दिल्ली-अलवर रैपिड रेल से भी जुड़ जाएंगे। दिल्ली-अलवर रेल 2025 के मध्य तक पूरी होने की उम्मीद है, इसमें इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे और एयरोसिटी पर एक स्टेशन होगा।
इसे पूरा होने में 4 साल लगने का अनुमान
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के नोडल अधिकारी शैलेन्द्र भाटिया (Shailendra Bhatia) के मुताबिक नोएडा एयरपोर्ट से आईजीआई एयरपोर्ट के बीच में रैपिड रेल की एक बार परियोजना शुरू होने के बाद इसे पूरा होने में 4 साल लगने का अनुमान है। यह नया रैपिड रेल कॉरिडोर ग्रीन फील्ड नोएडा हवाई अड्डे के आकर्षण को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगा। और इसे दिल्ली हवाई अड्डे से यात्री यातायात को नियंत्रित करने में सक्षम बनाएगा।
इस बारे में एक्सपर्ट अर्दी ट्वीन्स के सीईओ निशांत कुमार (Nishant Kumar) का कहना है कि पिछले कुछ सालों में नोएडा-ग्रेटर नोएडा में लगातार पब्लिक ट्रांसपोर्ट और अन्य सुविधाएं बढ़ने से नए उद्योग लगने के साथ ही यह एरिया बिजनेस हब के रूप में भी विकसित हुआ है। ऐसे में यहां नए स्टार्टअप्स भी आए हैं और रोजगार के नए अवसर मिले हैं। इसका सीधा फायदा लाखों कर्मचारियों को हुआ है। क्योंकि उनका ट्रैवल टाइम कम हो गया है। इससे उनका जीवन भी बेहतर हुआ है।
कॉरिडोर का निर्माण 2 चरणों में होगा
कॉरिडोर (Corridor) का निर्माण 2 चरणों में किया जाएगा। पहले चरण में गाजियाबाद से ईकोटेक 6 के बीच 37.15 किमी का कॉरिडोर साल 2031 तक तैयार होगा। वहीं दूसरा चरण ईकोटेक 6 से नोएडा एयरपोर्ट तक 35.11 किमी का बनेगा। यह साल 2041 तक पूरा होगा।
ग्रुप 108 के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. अमिष भूटानी (Dr. Amish Bhutani) का कहना है कि रैपिड रेल कॉरिडोर के बनने से यहां प्रॉपर्टी की मांग में जबरदस्त उछाल आएगा। प्रॉपर्टी की जबरदस्त मांग के चलते रेजिडेंशियल और कमर्शियल प्रॉपर्टी की कीमतें तेजी से बढ़ेंगी। साथ ही निवेशकों को शानदार रिटर्न मिलेगा। भविष्य में इन जगहों पर नए-नए प्रोजेक्ट भी शुरू होंगे।
इस कॉरिडोर में 12 स्टेशन होंगे
रैपिड रेल के रूट पर गाजियाबाद आरआरटीएस (Ghaziabad RRTS), गाजियाबाद साउथ, ग्रेटर नोएडा वेस्ट (सेक्टर 4), ग्रेटर नोएडा (सेक्टर 2), नॉलेज पार्क 5, सूरजपुर, परी चौक, इकोटेक-5, दनकौर, यीडा नॉर्थ (सेक्टर-18), यीडा सेंट्रल (सेक्टर-21, 35) और नोएडा एयरपोर्ट स्टेशन होंगे।
एसकेए ग्रुप के डायरेक्टर संजय शर्मा का कहना है कि दिल्ली, एनसीआर में बस कुछ ही समय में रियल स्टेट सेक्टर एक नये सफर पर चलेगा। रैपिड रेल 2 इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा। जिससे लोगों का सफर तो आसान होगा ही साथ ही क्षेत्र में प्रॉपर्टी की मांग में जबरदस्त उछाल आएगा।
मेरठ-गाजियाबाद को भी फायदा होगा
इस प्रोजेक्ट (Project) के धरातल पर आते ही विकास में तेजी आएगी। मिगसन ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर यश मिगलानी (Yash Miglani) का कहना है कि रैपिड रेल कॉरिडोर बनने से नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट और नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट आपस में बेहतर तरीके से जुड़ जायेंगे। इसके साथ ही इन दोनों मुख्य शहरों के अलावा इसकी गाजियाबाद और मेरठ के बीच भी आवागमन और बेहतर होगा।