Noida News: नोएडा-ग्रेटर नोएडा के बिल्डरों को योगी सरकार का बड़ा अल्टीमेटम (Ultimetum) जारी किया है। नोएडा-ग्रेटर नोएडा में लाखों की संख्या में फ्लैट (Flat) बन गए हैं, लेकिन होम बायर्स को फ्लैट में उनका हक नहीं मिल रहा है। फ्लैट खरीदारों की सहूलियत के लिए शासनादेश जारी होने के डेढ़ महीने बाद भी सिर्फ 5 बिल्डरों (Builders) ने पैसे जमा किए हैं। वहीं बड़े बकायेदार बिल्डरों ने अभी सहमति नहीं दी है। जिस पर नोएडा प्राधिकरण सीईओ डॉ. लोकेश एम. (Dr. Lokesh M.) ने बाकी बचे बिल्डरों को सहमति देने के लिए एक सप्ताह का अल्टीमेटम दिया है। पढ़िए पूरी खबर…
ये भी पढ़ेः Noida News: Jaypee के फ्लैट खरीदार बिल्डर की जगह हनुमान की शरण में क्यों गए?
आपको बता दें कि नोएडा-ग्रेटर नोएडा के बिल्डरों को योगी सरकार (Yogi Sarkar) का बड़ा अल्टीमेटम जारी किया है। अमिताभ कांत (Amitabh Kant) समिति की सिफारिशों में 57 में से केवल 17 बिल्डरों ने ही पैकेज साइन करने पर सहमति दी है। सहमति देने वाले सभी बिल्डरों पर बकाया खासा कम है। वहीं बड़े बकायेदार बिल्डरों ने अभी सहमति नहीं दी है। ऐसे में नोएडा प्राधिकरण सीईओ डॉ. लोकेश एम. ने बाकी बचे बिल्डरों को सहमति देने के लिए एक सप्ताह का अल्टीमेटम दिया है।
नोएडा अथॉरिटी बिल्डरों पर कार्रवाई करेगा
नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों ने कहा है कि बाकी बिल्डरों को अथॉरिटी (Authority) ने नई योजना के अनुसार 7 दिनों का समय देने का फैसला किया है। बिल्डरों को सही-सही बताना होगा कि वह पैकेज साइन करेंगे या नहीं। वह अपनी परेशानी भी बता सकते हैं। लेकिन समिति की सिफारिशों को मानने और प्राधिकरण के साथ पैकेज साइन करने पर सकारात्मक जवाब देना होगा। ऐसा नहीं हुआ तो नोएडा अथॉरिटी ऐसे बिल्डरों (Builders) पर कार्रवाई करेगा। इसमें सीलिंग, आवंटन निरस्त करने जैसी कार्रवाई की जाएगी।
इन परियोजना में करीब 650 फ्लैट हैं
अधिकारियों ने बताया कि शहर में ऐसी 57 परियोजना (Project) हैं, जिनका किसी न्यायालय में विवाद नहीं चल रहा है। ऐसे में प्राधिकरण पहले चरण में इन्हीं परियोजनाओं में फ्लैट खरीदारों को कब्जा दिलाना और रजिस्ट्री कराना चाहता है। इनके साथ कई दौर की बात प्राधिकरण अधिकारियों के साथ बातचीत हुई।
इसके बाद मुश्किल से 5 परियोजना के बिल्डरों ने पैसे जमा किए हैं। इन परियोजना में करीब 650 फ्लैट हैं, जिनकी रजिस्ट्री होनी हैं। इसके साथ ही 4 परियोजना के बिल्डरों ने भी लिखित सहमति दे दी है कि वह जल्द ही कुल बकाए में से 25 फीसदी धनराशि जमा कर देंगे।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नोएडा समेत पूरे दिल्ली-एनसीआर और देशभर में रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स (Real Estate Projects) की समस्याओं का समाधान करने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी के आदेश पर नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत की अध्यक्षता में एक समिति का गठन 31 मार्च 2023 को किया गया था। समिति में उत्तर प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा के टॉप ब्यूरोक्रेट्स शामिल थे। इस कमेटी को दिल्ली-एनसीआर में अटके प्रोजेक्ट्स को पूरा करने का रास्ता बताने का जिम्मा दिया गया था।
इस कमेटी ने बिल्डर (Builder) से लेकर बायर्स तक की समस्याओं और हर पहलुओं का बारीकी से अध्ययन किया। इसके बाद 24 जुलाई 2023 को अपनी रिपोर्ट सबमिट की। सरकार ने उस रिपोर्ट को गौतमबुद्ध नगर के तीनों विकास प्राधिकरणों को भेजा था। अधिकारियों के अनुसार सरकार ने समिति की करीब आधी सिफारिशों को कुछ बदलाव के साथ लागू करने का निर्णय लिया है।
बिल्डर्स के तमाम प्रोजेक्ट सालों से अटके पड़े
नोएडा-ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी (Yamuna Authority) क्षेत्र में आने वाले दर्जनों बिल्डर्स के तमाम प्रोजेक्ट सालों से अटके पड़े हैं। किसी के पास फंड की कमी है तो किसी का प्राधिकरण पर बकाया है। इसके साथ ही कई बिल्डर आपराधिक मुकदमों का सामना कर रहे हैं। कुछ प्रोजेक्ट कोर्ट-कचहरी के चक्कर में फंसे हैं।