Noida News: नोएडा से गाजियाबाद जाने वालों के लिए राहत भरी खबर सामने आई है। आपको बता दें कि दिल्ली (Delhi) से एलिवेटेड रोड (Elevated Road) होते हुए राजनगर एक्सटेंशन (Rajnagar Extension), मुरादनगर, मोदीनगर व अन्य स्थानों पर आने-जाने वाले लाखों लोग रोजाना जाम का सामना करना पड़ता है। लोगों को इस समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए जीडीए (GDA) ने कवायद शुरू कर दी है। इस कड़ी में मंगलवार को प्राधिकरण सभागार में जीडीए अधिकारियों व किसानों के साथ बैठक हुई।
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जमीन न मिलने से रुका काम
किसानों ने जमीन देने के रजामंदी दे दी है। नादर्न पेरिफेरल रोड (Northern Peripheral Road), राजनगर एक्सटेंशन आउटर रिंग रोड व मिगसन सोसायटी के सामने जोनल प्लान की रोड जो वर्तमान में जमीन न मिलने की वजह से काम रुका है। उक्त सड़कों में किस किसान की कितनी जमीन आ रही है। इसके लिए प्राधिकरण का भू-अर्जन अनुभाग रिकॉर्ड खंगालकर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेगा, जिसके बाद जमीन लेने की प्रक्रिया शुरु होगी।
12 मार्च को किसानों के साथ होगी बैठक
जीडीए सचिव राजेश कुमार सिंह ने जानकारी दी कि बैठक में किसानों का रूख सकारात्मक रहा। अब प्राधिकरण अपने स्तर से कार्रवाई आगे बढ़ायेगा। किसानों के साथ अगली बैठक 12 मार्च को होनी है। बता दें कि उपरोक्त तीनों सड़कों में 3646 वर्गमीटर जमीन किसानों की आ रही है। जीडीए के मुख्य अभियंता मानवेंद्र सिंह ने कहा कि नादर्न पेरिफेरल रोड के लिए मोरटा गांव की 787 वर्गमीटर, राजनगर एक्सटेंशन आउटर रिंग रोड के लिए मोरटा गांव की 160 वर्गमीटर, शाहपुर गांव की 430 वर्गमीटर, अटौर गांव की 290 वर्गमीटर, मोरटी नूरनगर गांव की 500 वर्गमीटर और 45 मीटर चौड़ी रोड के लिए सिकरोड गांव की 900 वर्गमीटर व मोरटा की 559 वर्गमीटर जमीन ली जानी है।
डीएम सर्किल रेट की दर पर नए अधिग्रहण कानून के मुताबिक ही किसानों से जमीन खरीदी जाएगी। कोशिश की जाएगी कि समझौते के तहत किसानों को मुआवजा देकर जमीन ली जा सके, क्योंकि अधिग्रहण करने की प्रक्रिया लंबी है। इसमें जमीन लेने में ज्यादा समय लगेगा। इसीलिए समझौते के तहत मुआवजा देने के बाद जमीन लेकर तुंरत निर्माण कार्य शुरू किया जा सकेगा।