AajTak Azamgarh News: उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के अहम जिलों में शामिल है आजमगढ़ (Azamgarh)। जिसकी अपनी विशेष पहचान है और ऐतिहासिक रूप से भी महत्व रखता है।तमसा नदी के तट पर स्थित आजमगढ़ उत्तर प्रदेश के पूर्वी भाग में स्थित एक ऐतिहासिक जिला है। हालांकि आजमगढ़ को उत्तर प्रदेश के सबसे पिछड़े जिलों में गिना जाता है।
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बेहद समृद्ध व गौरवशाली इतिहास वाले इस जनपद की इस संसदीय क्षेत्र का राजनीतिक इतिहास भी शानदार रहा है। 2019 के आम चुनाव में बीजेपी (BJP) के विजयी रथ को रोकने के लिए समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव आजमगढ़ लोकसभा सीट से भी मैदान में उतरे। यादव बहुल इस संसदीय सीट पर अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने बीजेपी के प्रत्याशी और भोजपुरी सिनेमा के स्टार दिनेश लाल यादव (Dinesh lal yadav) उर्फ निरहुआ को हराया। बाद में उन्होंने यह सीट छोड़ दी. यहां पर हुए उपचुनाव में बीजेपी ने जीत दर्ज की। लेकिन इस बार आजमगढ़ की जनता सपा को जीत दिलाती है या मौजूदा सांसद निरहुआ पर फिर भरोसा जताएगी।
इसी सवाल का जवाब जानने के लिए आजतक की टीम सीनियर एंकर अंजना ओम कश्यप (Anchor Anjana Om Kashyap) के साथ पहुंची ऋषियों की पावन धरती रही आजमगढ़।
आजतक का मंच तैयार थे और उस पर जनता के सवालों को जवाब देने के लिए पार्टी के प्रवक्ता मौजूद थे। आपको बता दें कि आजमगढ़ से इस बार सपा ने धर्मेंद्र यादव, बीजेपी ने दिनेश लाल यादव और बसपा ने शबीहा अंसारी को टिकट दिया है।
पहला सवाल कांग्रेस (Congress) के प्रवक्ता से हुआ तो उन्होंने जवाब दिया कि परिवार हमारा देश है। जनता चुनती है इस परिवार को। इसी परिवार से देश ने दो प्रधानमंत्री खोए हैं बीजेपी के किसी की उंगली भी कटी है क्या? पूरी की पूरी कांग्रेस पार्टी छत्तीसगढ़ के नक्सली हमले में शहीद हो गयी थी। प्रधानमंत्री जी कहते हैं गारंटी की बात यहां पर भी गारंटी की बात हुई, आप मुझे बताइए पीएम मोदी सिर्फ बेरोजगारी की गारंटी दे सकते हैं, अग्निवीर की गारंटी दे सकते हैं नरेन्द्र मोदी जी यहां के बच्चों को पुलिस के पेपर की लीक की गारंटी दे सकते हैं।
नौकरी की गांरटी नहीं दे सकते हैं, महंगाई से मुक्ती की गारंटी नहीं दे सकते हैं। बीजेपी और उनके सहयोगी दल आज एक ऐसे पार्टी के साथ खड़ी है जिसके सांसद पर 2700 महिलाओं का बलात्कारी का आरोप है।
इस पर BJP के प्रवक्ता ने जवाब देते हुए कहा कि सपा की सरकार थी तो मोतियाबिंद हुआ था, जैसे ही एनडीए की सरकार आई आपरेशन हो गया तो दिखाई देने लगा। इनको जब मौका मिला था तो आजमगढ़ को खंडहर में ढ़केल दिया था। इन्होंने लूटने का काम किया। इन्होंने सिर्फ अपने परिवार का आगे बढ़ाया। अगर आजमगढ़ में फोर लेन सड़क बनी तो एनडीए की सरकार में बनी, महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण एनडीए के सरकार में मिल रहा है।
बीजेपी के प्रवक्ता ने कहा कि अभी कांग्रेस के साथी परिवार की परिभाषा बता रहे थे मैं बताना चाहता हूं कि हमारे जो समाज काम करने वाला व्यक्ति, समाज को उनका हल दिलाने वाला व्यक्ति परिवार की श्रेणी में नहीं आता है। लेकिन इसका जवाब भी मैं चाहूंगा कि मुलायम सिंह यादव के बाद अखिलेश यादव क्या कोई और नहीं हो सकता है क्या। सोनिया गांधी के बाद राहुल गांधी क्या कोई और नहीं हो सकता है क्या। बीजेपी सदैव परिवारवाद के खिलाफ रही है।
सपा प्रवक्ता ने सवालों का जवाब देते हुए कहा कि बीजेपी परिवारवाद की बात करती है अजीत पवार को अपने साथ लाए उनपर भ्रष्टाचार के आरोप हैं। पूरी की पूरी पार्टी परिवारवाद से भरी पड़ी है। कल्याण सिंह का बेटा और पोता मंत्री है। राजनाथ सिंह का बेटा एमअलए है। अनुराग ठाकुर ये सभी परिवारवाद के उदाहरण हैं।
एक बार फिर से सवाल जब कांग्रेस (Congress) प्रवक्ता के पास पहुंचा तो उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी का नारा 400 पार नहीं , हार है। हार हो रही है इस चुनाव में उनकी नरेन्द्र मोदी का सूरज 2014 में 9 बजे का था, 2019 में 2 बजे का था और 2024 में शाम के 7 बजे है। सूरज अस्त हो चुका है। लोकसभा चुनाव 2024 में हार रहे हैं।
जानिए आजमगढ़ और इसकी सियासत को
आजमगढ़ संसदीय सीट के तहत 5 विधानसभा क्षेत्र आते हैं, जिसमें गोपालपुर, सगड़ी, मुबारकपुर, आजमगढ़ और मेहनगर शामिल है। काशी और अवध के मध्य की भूमि कहे जाने वाले आजमगढ़ की धरती ऋषि-मुनियों साहित्यकारों की धरती के नाम से जाना जाता है। यहां के प्रमुख स्थान देवल दत्ता, दुर्वासा आश्रम और चंद्रमा ऋषि आश्रम है। यह स्थान राहुल सांस्कृत्यायन, हरिऔध, लक्ष्मीनारायण मिश्र, कैफी आजमी, अल्लामा शिब्ली के लिए भी जानी जाती है।
राजनीतिक रूप से आजमगढ़ में किसी खास पार्टी या व्यक्ति के प्रभाव में कभी नहीं रहा। 1978 में जब देश में कांग्रेस के खिलाफ लहर थी तब उपचुनाव में कांग्रेस की मोहसिना किदवई को जीत मिली। 90 के दशक में जिस समय पूरे देश में कांग्रेस के खिलाफ बीपी सिंह अपने पक्ष में लहर बनाएं थे तब यहां जनता दल और बीजेपी को बड़ी जीत मिली थी।
2022 उपचुनाव का जनादेश
पूर्व सीएम और सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव के विधानसभा चुनाव लड़ने के फैसले के बाद आजमगढ़ सीट खाली हो गई। जिसके बाद यहां उपचुनाव हुआ। उपचुनाव में आजमगढ़ सीट से बीजेपी के उम्मीदवार दिनेश लाल यादव निरहुआ ने जीत हासिल की और सपा के प्रत्याशी धर्मेन्द्र यादव को हराया। इस चुनाव में बसपा के शाह आलम तीसरे स्थान पर थें।
2019 का जनादेश
बात करें 2019 चुनाव की तो आजमगढ़ सीट पर एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव 6,21,578 वोटों से जीते थें। बीजेपी के उम्मीदवार दिनेश लाल यादव निरहुआ दूसरे स्थान पर थे उन्हें 3,61,704 को वोट मिले और एसबीएसपी के नेता अभिमन्यु सिंह सनी को 10,078 मिले थे।
2014 का जनादेश
2014 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी मुलायम सिंह यादव और बीजेपी के रमाकांत यादव के बीच मुकाबला था। इस चुनाव में मुलायम सिंह यादव ने जीत दर्ज करते हुए 3,40,306 वोट हासिल किए जबकि बीजेपी के रमाकांत को 277,102 के पक्ष में वोट आए। बसपा के शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली 266,528 वोट मिले थे।