Greater Noida West) ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सोसायटी सुपरटेक इकोविलेज-1(Supertech Ecovillage-1) में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। बुनियादी सुविधाएं खासकर बिजली की समस्या को लेकर लोग परेशान हैं।
सुपरटेक इकोविलेज 1 सोसाइटी में रविवार को निवासियों ने सोसाइटी के महत्वपूर्ण और ज्वलंत समस्याओं पर नीतीश अरोड़ा, डायरेक्टर और उनकी पूरी टीम के साथ सोसाइटी के क्लब 1, में मीटिंग की। जिसमें निम्नलिखित समस्याओं पर चर्चा कर समाधान की कोशिश हुई।
निवासियों द्वारा उठाये गये मुद्दों पर बिल्डर द्वारा अपना पक्ष रखा गया।
1) निवासी पक्ष – 1 किलोवाट बिजली भार बढ़ाने के एवज में 29500 रुपया वसूला जा रहा है जबकि प्राधिकरण के साथ बैठक में 11800 रुपए पर सभी पक्षों की सहमति बनी थी।
बिल्डर पक्ष – मंगलवार तक का समय का समय बिल्डर द्वारा मांगा गया है तथा कम हुए दर की सूचना माय गेट अथवा ईमेल के द्वारा सभी निवासियों को सूचित कर दी जाएगी।
2) निवासी पक्ष – सोसाइटी में प्रतिदिन बिजली कटौती की समस्या हो रही है जबकि एनपीसीएल द्वारा कोई कटौती नहीं की जा रही है। रोज रात में ट्रिपिंग, ओवरलोडिंग, फ्यूज उड़ने की समस्या से निवासी रात दिन इस भीषण गर्मी में परेशान हैं।
बिल्डर पक्ष – इसपर ने अपनी टीम की गलती मानते हुए बिल्डर नीतीश अरोड़ा ने कहा की उसपर आज काम किया जा रहा है और अब आज से इस प्रकार की समस्या लोकल स्तर पर नहीं आएगी।
3) निवासी पक्ष – NPCL बिजली का बकाया करीब 1.5 करोड़ से ऊपर हो गया है जबकि निवासियों से बिजली का भुगतान एडवांस में लिया जा रहा है।
बिल्डर पक्ष – बिल्डर द्वारा बताया गया कि NPCL को बकाया भुगतान कर दिया गया है और इसका प्रूफ के रूप में रेसिप्ट कि कॉपी निवासियों को ईमेल के द्वारा भेज दिया जायेगा।
4) निवासी पक्ष – NPCL से 4300 KW बिजली भार स्वीकृत कराकर निवासियों को करीब 15000KW बिजली भार क्यों चार्ज किया जा रहा है?
बिल्डर पक्ष – इसपर बिल्डर नीतीश अरोड़ा जी ने मेंटेनेंस में घाटे की बात कही और इस मद में लिए गए पैसे को मेंटेनेंस के घाटे की भरपाई बताया जिसपर हम सभी निवासियों ने विरोध जताया और ऑडिट कराने की मांग कि बात दोहराई।
5) निवासी पक्ष – अप्रूव्ड नक्शे के अनुसार ग्रीन एरिया का अतिक्रमण किया जा रहा है। फैसिलिटी द्वारा अवैध पार्किंग, दुकानें खोली जा रही है जिससे सोसाइटी की हरियाली गायब होती जा रही है।
बिल्डर पक्ष – इसपर बिल्डर नीतीश अरोड़ा जी ने अपनी टीम को त्वरित कार्यवाही करने को कहा तथा निर्देशित किया की नक्शे के अनुसार कार्यवाही सुनिश्चित हो।
नोट – यहां पर निवासी पक्ष अप्रूव्ड नक्शे की बात कर रहे थे जो लास्ट प्राधिकरण द्वारा 2014 में अप्रूव्ड किया गया है पर बिल्डर द्वारा उसके बाद प्राधिकरण में जमा किए गए नक्शे के अनुसार कार्य करने की बात कही जा रही थी जो अभी अप्रूव्ड नहीं है। निवासियों ने एप्रूव्ड नक्शे के अनुसार ही कार्यवाही करने की बात कही है।
6) निवासी पक्ष – पार्किंग की कुव्यवस्था चरम पर है। ड्राइव वे पर चारों तरफ गाडियां खड़ी रहती है। सभी गाड़ियों को उचित पार्किंग देने में फैसिलिटी विफल रही है, अवैध पार्किंग का निर्माण हो रहा है और अलॉटमेंट की जा रही है।
बिल्डर पक्ष – इसपर बिल्डर द्वारा तत्काल कार्यवाही कर ड्राइव वे पर खड़ी गाड़ियों को उचित पार्किंग दी जाने और नक्शे के अनुसार अवैध पार्किंग को हटा कर अप्रूव्ड मैप के अनुसार ग्रीन एरिया को घास तथा पौधे लगाकर हरियाली विकसित करने क आश्वासन दिया गया।
7) निवासी पक्ष – बिल्डर या फैसिलिटी को किसी भी मद में किए गए भुगतान पर निवासियों को GST का बिल नहीं दिया जा रहा है जिससे फैसिलिटी की मंशा पर सवाल उठ रहा है।
बिल्डर पक्ष – इसपर बिल्डर नीतीश अरोड़ा जी ने कुछ अपने यहां सॉफ्टवेयर अपडेशन की बात स्वीकार की और कहा की 1 जुलाई से नियमित रूप से मेंटेनेंस सहित सभी मदों में किए गए भुगतान पर जीएसटी बिल सभी को दिया जाएगा।अगर किसी को पुराना बिल चाहिए तो उसे भी दिया जायेगा।
8) निवासी पक्ष – सप्पोर्टिंग स्टाफ कि सोसाइटी फैसिलिटी में भारी कमी है जिस कारण समय सीमा के अंदर निवासियों की समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा है। कोई सुनने को राजी नहीं है।
बिल्डर पक्ष – इसपर पहले एस्केलेशन मैट्रिक्स देने की बात कही गई जिसका मूल्यांकन करने के बाद जरूरत पड़ने पर और सप्पोर्टिंग स्टाफ रखने की बात कही गई।
9)निवासी पक्ष – लिफ्ट के संचालन तथा रख रखाव के लिए मेंटेनेंस शेड्यूल फैसिलिटी द्वारा नहीं दिया जा रहा है तथा प्रॉपर तरीके से लिफ्ट का मेंटेनेंस नहीं होने के वजह से आए दिन समस्या आती रहती है। सुरक्षा निदेशालय द्वारा अभी तक 24 लिफ्ट का ही विद्युत सुरक्षा सर्टिफिकेट निर्गत किया गया है जबकि पूरी सोसाइटी में 94 लिफ्ट कार्यरत हैं।
बिल्डर पक्ष – इसपर बिल्डर द्वारा तत्काल लिफ्ट मेंटेनेंस शेड्यूल निवासियों को साझा करने की बात कही गई। सभी लिफ्ट सेफ्टी सर्टिफिकेट निवासियों को दो तीन दिन के अंदर आधिकारिक रूप से साझा की जाएगी जिसे निवासी सुरक्षा निदेशालय से सत्यापित करा सकेंगे।
10) निवासी पक्ष – यहां कार्यरत ट्रांसफार्मर, डीजी सेट तथा बिजली लोड के लिए विद्युत सेफ्टी सर्टिफिकेट तथा संबंधित विभागों के अनापत्ति प्रमाण पत्र दिखाने की मांग की गई।
बिल्डर पक्ष – बिल्डर द्वारा डीजी सेट के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र तथा सेफ्टी सर्टिफिकेट देने की असमर्थता जताई गई क्योंकि वो किराए पर है और चिमनी नहीं बनाई गई है।बाकी उपकरण पर सर्टिफिकेट दो दिन में देने की बात कही गई।
11) निवासी पक्ष – सुरक्षा मापदंड पर यहां के अधिकतर सुरक्षा गार्ड नहीं उतरते। कई महीनों से सुरक्षा गार्ड की भारी कमी तथा अनट्रेंड गार्ड की भरमार पर चिंता जताई गई।
बिल्डर पक्ष – बिल्डर द्वारा इसका मूल्यांकन कर दुरुस्त करने एवं लगातार ट्रेनिंग को बढ़ा कर सुरक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ करने एवं उसकी जानकारी साझा करने कि बात कही गई।
12) निवासी पक्ष – सोसाइटी के टॉवर् S3B और यूरो किड्स बेसमेंट के नीचे साफ सफाई, लाइटिंग तथा पी सी सी करने और उस एरिया की पार्किंग खोलने की बात कही गई।
बिल्डर पक्ष – बिल्डर द्वारा इस एरिया में पीसीसी जल्द करा कर एवं सभी व्यवस्था कर इस एरिया को पार्किंग के लिए खोलने का आश्वासन दिया गया।
और भी कई अन्य समस्याओं पर निवासियों एवं बिल्डर में चर्चा हुई साथ साथ उपरोक्त समस्या पर नियमित रूप से लोकल स्तर पर 15 दिन में अपडेट लेने तथा ईमेल के जरिए सभी विषयों पर संबंधित आईआरपी, बिल्डर, फैसिलिटी तथा अन्य विभागों से जुड़े रहने पर सहमती बनी। एक महीने के उपरांत उपरोक्त तथा अन्य समस्या पर बिल्डर नीतीश अरोड़ा से रिव्यू मीटिंग निश्चित हुई है।
मीटिंग में भारी संख्या में इकोविलेज 1 के निवासियों ने भाग लिया।