I.N.D.I.A. Alliance: इंडिया गठबंधन (I.N.D.I.A. Alliance) की शुरुआत करने वाले नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के बीजेपी (BJP) के साथ एक बार फिर सरकार बनाने के ख़बर के बीच उत्तरप्रदेश में समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने कांग्रेस के साथ अपने सीट बटवारें की घोषणा कर दी और कांग्रेस (Congress) को 80 में से 11 सीट दे डाली।
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सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया X अकाउंट पर पोस्ट करते हुए इसकी जानकारी दी है। उन्होंने ने लिखा कि कांग्रेस के साथ 11 मज़बूत सीटों से हमारे सौहार्दपूर्ण गठबंधन की अच्छी शुरुआत हो रही है… ये सिलसिला जीत के समीकरण के साथ और भी आगे बढ़ेगा। INDIA गठबंधन की टीम और PDA की रणनीति इतिहास बदल देगी।
हालांकि कांग्रेस अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के द्वारा किये गए सीट बटवारें से खुश नहीं है और इसलिए यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि हमारी राष्ट्रीय कमेटी, सीटों के बंटवारे पर बात कर रही है। अखिलेश यादव ने जिन 11 सीटें को देने की बात कही है उस बारे में अभी तक मुझे कोई जानकारी नहीं है। हालांकि मुकुल वासनिक के नेतृत्तव वाली कमेटी में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से बात चल रही है।
उत्तर प्रदेश में कुल 80 लोकसभा की सीटें हैं और पिछले दो चुनावों से भारतीय जनता पार्टी यहां एकतरफा जीत रही है। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस की कोशिश है कि और दूसरे विपक्षी दलों को साथ लाकर भारतीय जनता पार्टी को मात दी जाए। अखिलेश ने कहा है कि ये सिलसिला जीत के समीकरण के साथ और भी आगे बढ़ेगा। अखिलेश ने दावा किया है कि इंडिया की टीम और पीडीए की रणनीति इतिहास बदल देगी। इस तरह ये तय हो गया है कि कांग्रेस पार्टी उत्तर प्रदेश में 11 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। ध्यान रहे कि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी में तो अब सीट समझौता हुआ है। राष्ट्रीय लोक दल और समाजवादी पार्टी के बीच लोकसभा चुनाव को लेकर पहले ही बातचीत पक्की हो चुकी है।
सूत्रों के मुताबिक समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) 2024 लोकसभा चुनाव में खुद 62 सीट पर चुनाव लड़ेगी तो वहीं कांग्रेस 11 और आरएलडी 7 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। गौरतलब है कि पहले सपा और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे को लेकर तनातनी देखने को मिल रही थी। लेकिन कई दौर की बैठकों के बाद कांग्रेस और सपा के बीच सीट शेयरिंग को लेकर बात बन गई। पहले खबरें आई थीं कि कांग्रेस बड़ी संख्या में सपा से सीटें मांग रही थी। लेकिन अखिलेश इसके लिए राजी नहीं थे। कांग्रेस के परदे के पीछे से मायावती के संपर्क में होने की बात भी अखिलेश को आखिरी थी। लेकिन आखिरकार अब सपा-कांग्रेस में सीट शेयरिंग हो गई है और मायावती अलग लड़ेंगी।
साल 2019 में कांग्रेस और सपा के बीच लोकसभा चुनाव में कोई औपचारिक गठबंधन नहीं था। लेकिन, सपा ने अमेठी सीट से कोई उम्मीदवार मैदान में नहीं उतारा था। साल 2019 में बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल ने मिलकर चुनाव लड़ा था। उत्तर प्रदेश में सपा ने 37, बसपा ने 38 और आरएलडी ने तीन सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। साल 2019 में सपा ने 37 में से पांच सीटें जीती थीं, वहीं 31 उम्मीदवार दूसरे नंबर पर रहे थे।
साल 2019 में कांग्रेस ने 80 में से 67 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। इसमें से कांग्रेस सिर्फ एक सीट जीत पाई थी। वहीं तीन सीटों पर कांग्रेस दूसरे नंबर पर रही थी। अमेठी से राहुल गांधी भी अपनी सीट हार गए थे। तो वहीं बीजेपी को 2019 में 62 सीट और उसके सहयोगी दल अपना दल को 2 सीट मिली थी तो 2014 में 74 सीट एनडीए के खाते में गए थे। अब देखने वाली बात ये है कि क्या इस बार राहुल और अखिलेश की दोस्ती कोई रंग दिखाती है या बीजेपी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सहारे एक बार फिर से 70 से अधिक सीट दर्ज करने में कामयाब हो पाएगी।