Jyoti Shinde,Editor
‘देश तभी आगे बढ़ेगा..जब देश का एक-एक बच्चा शिक्षित होगा‘। ये कहना है भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी(Prime Minister shri Narendra Modi) का। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने गुजरात दौरे के दौरान 27 सितंबर यानी बुधवार को गुजरात के बोडेली, छोटा उदयपुर पहुंचे जहां उन्होंने 5200 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया. जिसमें मिशन स्कूल ऑफ एक्सीलेंस कार्यक्रम के तहत 4500 करोड़ रुपये से अधिक की कई परियोजनाएं भी शामिल हैं। विद्या समीक्षा केंद्र(Vidya Samiksha Kendra) 2.0 (VSK 2.0) भी मिशन स्कूल ऑफ एक्सीलेंस का अहम हिस्सा है।
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PM मोदी ने की विद्या समीक्षा केंद्र की तारीफ़
इस दौरान अपने संबोधन में पीएम मोदी ने विद्या समीक्षा केंद्र की जमकर तारीफ़ का मुख्य आधार हैं।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि VSK गुजरात को शीर्ष पर लाने की दिशा में एक बड़ा कदम है.. इसके लिए पीएम ने गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल और उनकी पूरी टीम को बधाई दी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “मिशन स्कूल ऑफ एक्सीलेंस(Mission School Of excellence के प्रोजेक्ट विद्या समीक्षा केंद्र 2.0 का स्कूली शिक्षा पर सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है जो देश के विकास में अहम भूमिका निभाएगा।
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गुजरात के विद्या समीक्षा केंद्र के बारे में जानिए
पीएम मोदी ने कहा कि शक्ति, सेतु और साधना तीनों ही विद्या समीक्षा केंद्र के मुख्य आधार हैं। जो गुजरात के बच्चों की शिक्षा में अहम योगदान दे रहे हैं। आपको बता दें ये केंद्र पूरे गुजरात के 1 करोड़ 15 लाख छात्रों, लगभग 5 लाख शिक्षकों और 50,000 स्कूलों के शैक्षणिक और प्रशासनिक डेटा को इकट्ठा करने के साथ उसका विश्लेषण करता है।
अमेरिकी विदेश मंत्री-वर्ल्ड बैंक के CEO कर चुके हैं तारीफ़
कुछ महीने पहले G-20 देशों की बैठक में भाग लेने पहुंची अमेरिकी वित्त मंत्री जेनेट येलेनhttps://khabrimedia.com/ ने गुजरात के विद्या समीक्षा केंद्र को दुनिया के लिए मॉडल करार दिया था. वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने वर्ल्ड बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा के साथ विद्या समीक्षा केंद्र का दौरा किया। इसके मौके पर जेनेट येलेन ने वहां पर कुछ स्कूली बच्चों से भी बात की।
इसके बाद उन्होंने कहा कि इस तरह के विचारों को सभी जगह में लागू करना चाहिए। निश्चित रूप से इसके लिए देश को हमारे साथ काम करने की जरूरत है। तो इस मौके पर वर्ल्ड बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा ने कहा कि वह इसे देश के बाहर ले जाने के लिए उत्सुक हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र को एक उदाहरण के रूप में रखा जा सकता है कि बड़ी युवा आबादी वाले देश में विकास कैसे किया जाए।
विद्या समीक्षा केंद्रों के बारे में विश्व बैंक(World Bank) के अध्यक्ष अजय बंगा(Ajay Banga) के साथ अपनी बातचीत को याद करते हुए, श्री मोदी ने बताया कि अध्यक्ष ने उनसे भारत के प्रत्येक जिले में विद्या समीक्षा केंद्र स्थापित करने का आग्रह किया और विश्व बैंक इस नेक काम का समर्थन करने के लिए तैयार है। उन्होंने रेखांकित किया कि इस तरह की पहल से प्रतिभाशाली छात्रों के साथ-साथ उन लोगों को भी बहुत फायदा होगा, जिनके पास संसाधनों की कमी है. उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य जनजातीय क्षेत्रों के युवाओं को अवसर प्रदान करते हुए योग्यता को प्रोत्साहित करना है.”
आपको बता दें विद्या समीक्षा केंद्र ConveGenius का ड्रीम प्रोजेक्ट है जिसका मकसद स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर और ज्यादा बेहतर बनाना है। ConveGenius के सीईओ जयराज भट्टाचार्या(Jairaj Bhattacharya) का कहना है कि VSK मॉडल की प्रेरणा माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी(PM Narendra Modi) के डेटा-आधारित शिक्षा के विज़न पर आधारित है, और इस मॉडल को सबसे पहले प्रधानमंत्री जी ने स्वयं पिछले वर्ष गुजरात में लांच किया था ..जिसका मकसद बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान करना है।
कैसे काम करता है VSK?
विद्या समीक्षा केंद्र जिला और ब्लॉक दोनों ही स्तरों पर स्कूलों में ऑनलाइन उपस्थिति निगरानी की सुविधा के लिए एआई – आधारित डेटा एनालिटिक्स का उपयोग करता है। विद्या समीक्षा केंद्र ने शिक्षा सीखने की प्रक्रिया को रियल टाइम की निगरानी और ऑनलाइन उपस्थिति ट्रैकिंग में अहम भूमिका निभाई है। इसने पूरे राज्य भर के बच्चों के लिए सीखने के परिणामों को बढ़ावा देने के लिए डेटा को संचालित अंतर्दृष्टि भी प्रदान की है।
इस मिशन के तहत स्कूलों के साथ उनमें पढ़ने वाले प्रत्येक बच्चे के प्रदर्शन पर भी अब सीधी नजर रखी जा रही है। इतना ही नहीं, ट्रैकिंग के जरिए ये भी पता चल पाएगा कि किस स्कूल या किस बच्चे के प्रदर्शन में क्या कमी है। इसके आधार पर उसमें जरूरी सुधार भी किए जा सकेंगे। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) लागू किए जाने के बाद स्कूली शिक्षा में सुधार को लेकर उठाए गए कदमों में यह एक बड़ा माना जा रहा है।
राज्य की शिक्षा विभाग अब इस पहल को और भी आगे बढ़ाने के लिए गुजरात के सभी 33 जिलों में विद्या समीक्षा केंद्र को स्थापित करने जा रहा है। वीएसके रणनीतिक रूप से जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थान ( DIIT) केंद्रों पर स्थित होंगे। गांधीनगर स्थित VSK केंद्र राज्य और उसके तालुकाओं के बीच का एक अहम पुल के रूप में काम करेगा और जिला स्तर पर शैक्षिक प्रदर्शन को बेहतरीन बनाने में सहायता करेगा। गांधीनगर में केंद्र के लॉन्च के चार वर्षों के बाद, गुजरात के सभी 251 तालुकाओं को बढ़ाने की योजना है। तालुका भवन में डैशबोर्ड होंगे, हर स्कूल में डैशबोर्ड रखने की योजना बनाई जा रही है।
विद्या समीक्षा केंद्र क्यों जरूरी?
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अप्रैल 2022 में वीएसके(VSK) का दौरा किया और छात्रों, शिक्षकों और स्कूल प्रबंधन समिति (एसएमसी) के सदस्यों के साथ बातचीत की। जिसके बाद उन्होंने सभी राज्यों से मॉडल को दोहराने के लिए कहा। शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक यह पहल इसलिए भी अहम है क्योंकि अभी प्रत्येक स्कूल और उनमें पढ़ने वाले बच्चों के प्रदर्शन पर नजर रखने की कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में स्कूलों और उनमें पढ़ने वाले बच्चों के प्रदर्शन से जुड़ी सही जानकारी नहीं मिल पा रही थी। फिलहाल इस नई व्यवस्था के तहत जिले में कितने स्कूल है। प्रत्येक स्कूलों में शिक्षक और जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थिति क्या है।
इसके साथ ही स्कूलों में प्रतिदिन कितने बच्चे उपस्थित रहे है। कितने बच्चों ने मिड-डे मील लिया। इसके साथ ही बच्चों का रिपोर्ट कार्ड क्या है। किस विषय में बच्चे ने बेहतर प्रदर्शन किया और किस विषय में वह कमजोर है। खेल-कूद और दूसरी गतिविधियों में उसकी सक्रियता क्या है। आदि का पूरा ब्यौरा जिला स्तर पर तैयार होने वाले विद्या समीक्षा केंद्रों पर रहेगा। जो राज्य और केंद्र स्तर तक भी जोड़ा जाएगा। ताकि स्कूलों के प्रदर्शन से जुड़ी जानकारी को भी जांचा जा सके।
बच्चों के खराब प्रदर्शन पर शिक्षकों की भी लगेगी क्लास
विद्या समीक्षा केंद्र सिर्फ स्कूलों से जुड़ा सिर्फ रीयल टाइम डाटा ही मुहैया नहीं कराएगा बल्कि यह भी बताएगा कि किस स्कूल में किस कक्षा में किस विषय में बच्चों को प्रदर्शन तय मानकों के अनुरूप नहीं है। फिलहाल अभी जो योजना बनाई गई है, उसके तहत यदि किसी कक्षा में 50% से ज्यादा बच्चों का प्रदर्शन खराब पाया जाता है, तो उस विषय को पढ़ाने वाले शिक्षक की क्लास लगेगी।
केंद्र ऐसे शिक्षकों को न सिर्फ नए सिरे से प्रशिक्षण देने की सिफारिश करेगा बल्कि यदि लगातार उनका प्रदर्शन खराब मिलेगा तो उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की भी अनुशंसा कर सकेगा। इसके साथ ही यदि किसी विषय में बच्चें का प्रदर्शन लगातार आउट स्टैडिंग रहता है तो उसे क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए या फिर कलस्टर सेंटर में उसे विशेष कक्षाओं के लिए भी प्रेरित किया जाएगा।
इन राज्यों में शुरू हुई पहल
विद्या समीक्षा केंद्र मूलत: गुजरात की मॉडल का है। एनईपी के अमल के दौरान इसे सभी राज्यों के सामने गुजरात ने प्रमुखता से रखा था। जिसे सभी राज्यों ने सर्वसम्मति से इसे अपनाने का फैसला लिया था। बाद में शिक्षा मंत्रालय ने इसे लेकर सभी राज्यों को स्कूलों की संख्या के हिसाब से वित्तीय मदद मुहैया कराई।
फिलहाल गुजरात के बाद इसे उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, ओडिशा, असम, बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, पंजाब, मिजोरम, मेघालय, दिल्ली, अरुणाचल प्रदेश, चंड़ीगढ़, अंडमान निकोबार आदि राज्यों व केंद्र शासित प्रदेश लागू करने की दिशा में आगे बढ़े है। बाकी राज्य भी इसकी तैयारी में है।