Vice President Election: जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से अचानक इस्तीफा देने के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।
Vice President Election: जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से अचानक इस्तीफा देने के बाद राजनीतिक (Political) हलचल तेज हो गई है। अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि अगला उपराष्ट्रपति (Vice President) कौन होगा। संख्या बल में एनडीए मजबूत है, लेकिन कांग्रेस की अगुवाई वाले इंडिया गठबंधन (India Coalition) ने भी नामांकन फॉर्म लिया है, जिससे साफ है कि इस बार मुकाबला रोचक होगा। पढ़िए पूरी खबर…

राधाकृष्णन का नाम क्यों अहम?
तमिलनाडु से ताल्लुक रखने वाले सी. पी. राधाकृष्णन (C. P. Radhakrishnan) के नामांकन को भाजपा दक्षिण भारत की राजनीति से भी जोड़कर देख रही है। पार्टी को उम्मीद है कि आरएसएस पृष्ठभूमि वाले राधाकृष्णन को उतारने से तमिलनाडु की सत्ताधारी द्रमुक के समर्थन आधार को चुनौती मिल सकती है। बीजेपी अध्यक्ष जे. पी. नड्डा ने राधाकृष्णन का नाम घोषित करते हुए कहा कि एनडीए ने आपसी सहमति से यह फैसला लिया है।
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विपक्ष की बैठक और रणनीति
सूत्रों के मुताबिक, विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन के नेता सोमवार को राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) के कार्यालय में बैठक करेंगे। यह बैठक सत्तारूढ़ एनडीए द्वारा सीपी राधाकृष्णन के नाम की घोषणा के एक दिन बाद होगी।
लेकिन एनडीए को लगता है कि राधाकृष्णन की आरएसएस पृष्ठभूमि और तमिलनाडु से संबंध उन्हें विपक्षी पार्टियों के कुछ वर्गों का समर्थन दिला सकते हैं, लेकिन यह देखना बाकी है कि विपक्ष क्या रुख अपनाता है।
सी. पी. राधाकृष्णन का राजनीतिक सफर
20 अक्टूबर 1957 को तिरुपुर (तमिलनाडु) में जन्मे सी. पी. राधाकृष्णन (C. P. Radhakrishnan) ने 16 साल की उम्र में आरएसएस और जनसंघ से जुड़कर राजनीति की शुरुआत की। 1996 में वह भाजपा तमिलनाडु के सचिव बने और 1998 व 1999 में कोयंबटूर से लोकसभा सांसद चुने गए। 2003 से 2006 तक वह भाजपा तमिलनाडु प्रदेश अध्यक्ष भी रहे। राधाकृष्णन ने 2004 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत का प्रतिनिधित्व किया और ताइवान की पहली संसदीय यात्रा में भी हिस्सा लिया।
राज्यपाल से उपराष्ट्रपति पद की दावेदारी
महाराष्ट्र के मौजूदा राज्यपाल राधाकृष्णन इससे पहले झारखंड के राज्यपाल रह चुके हैं। इस दौरान उनके पास तेलंगाना और पुदुचेरी का अतिरिक्त प्रभार भी था। भाजपा नेतृत्व का मानना है कि उनकी सादगी और संगठनात्मक अनुभव उन्हें उपराष्ट्रपति पद का मजबूत दावेदार बनाते हैं।
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एनडीए की मजबूत स्थिति
निर्वाचक मंडल में एनडीए की संख्या बल के कारण राधाकृष्णन की जीत लगभग तय मानी जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राधाकृष्णन को बधाई देते हुए उनकी विनम्रता, बुद्धिमत्ता और सामुदायिक सेवा के प्रति समर्पण की सराहना की। उन्होंने कहा, ‘राधाकृष्णन ने तमिलनाडु में जमीनी स्तर पर व्यापक कार्य किया है और मुझे विश्वास है कि वह एक प्रेरक उपराष्ट्रपति होंगे।’ लेकिन, विपक्षी गठबंधन के उम्मीदवार की घोषणा के बाद ही इस चुनाव की तस्वीर पूरी तरह स्पष्ट होगी।