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Vehicle Relief: पुरानी गाड़ियों को स्क्रैप कराने वालों के लिए अच्छी ख़बर

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Vehicle Relief: पुरानी गाड़ियों को स्क्रैप कराने पर मिलेगी बड़ी छूट, पढ़िए पूरी खबर

Vehicle Relief: अगर आपके पास पुरानी गाड़ी है और आप स्क्रैप (Scrap) कराना चाहते हैं तो यह खबर खास आपके ही लिए है। आपको बता दें कि पुरानी और खटारा गाड़ियों की स्क्रैपिंग को प्रोत्साहित करने के लिए बिहार सरकार (Bihar Government) ने लंबित देनदारियों (Pending Liabilities) पर एकमुश्त छूट का प्रविधान किया है। सरकार ने प्राइवेट और व्यावसायिक वाहनों के लिए छूट की अलग-अलग व्यवस्था कर दी है। परिहवन विभाग (Department of Transportation) ने इसको लेकर अधिसूचना भी जारी की है। विभागीय अधिसूचना के मुताबिक, 15 साल से पुराने वाहन के स्क्रैप किए जाने पर पेडिंग देनदारी पर एकमुश्त छूट मिलेगी।
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पुराने सरकारी वाहनों पर मोटरवाहन टैक्स, हरित टैक्स (Green Tax) के साथ ही रजिस्ट्रेशन (Registration) , फिटनेस आदि की फीस और अर्थदंड (Penalty) दोनों में पूरी तरह से छूट प्रदान की जाएगी। वहीं, प्राइवेट वाहनों पर टैक्स में 90 प्रतिशत, जबकि अर्थदंड में 100 प्रतिशत की छूट का प्रविधान है। इसके साथ ही, परिवहन वाले व्यावसायिक वाहनों (Commercial Vehicles) को भी टैक्स में 90 प्रतिशत और अर्थदंड एवं अतिरिक्त फीस में 100 प्रतिशत की छूट का प्रविधान है। इस योजना का लाभ 31 मार्च, 2026 तक ले सकते हैं।

जिला खनन कार्यालयों में होगी जब्त वाहनों की पार्किंग

बालू-पत्थर और दूसरे खनिजों का अवैध खनन जब्त वाहनों को रखने के लिए अब जिला खनन कार्यालयों में ही पार्किंग की व्यवस्था कर दी गई है। सरकार ने फैसला किया है कि अवैध खनन मामले में जब्त किए गए वाहनों को जिला खनन कार्यालय में पार्किंग के लिए रैयती जमीन को किराये या लीज पर लिया जाएगा।

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खान एवं भू-तत्व विभाग के अपर सचिव की तरफ से सभी सहायक निदेशक और सभी खनिज विकास पदाधिकारियों को सरकार के इस फैसले को बताते हुए दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। पत्र में जानकारी दी गई है कि कुछ जिलों ने पूर्व में ही जिला खनन कार्यालय में पार्किंग के लिए जमीन किराये पर ली गई है। जिसका किराया आवंटित करने के लिए विभाग से राशि की मांग हो रही है।

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विभाग ने ऐसे जिलों को एक प्रपत्र भी जारी कर दिया है। जिला खनिज कार्यालयों को इस प्रपत्र में जिला का नाम, मौजा, थाना, रकबा्र प्रतिमाह किराया, कुल किराया, इकरारनामा कब हुआ इससे जुड़ी जानकारी देने के लिए निर्देश दिया गया है। साथ ही यह भी निर्देश दिया गया है कि जिन जिलों में यह काम नहीं हुआ है वैसे जिले जब्त वाहनों की पार्किंग के लिए स्थल का चयन करे और किराये या लीज राशि के साथ जमीन का पूरा विवरण सरकार को मुहैया कराएं।

आपको बता दें कि विभाग स्तर पर पिछले दिनों हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में जिलों के खनिज विकास पदाधिकारियों ने सूचना दी थी कि जब्त वाहनों का रखने में काफी समस्या हो रही है। इनके लिए पार्किंग का स्थान तय न होने के कारण से जब्त बालू या अन्य खनिजों के चोरी होने का खतरा बना रहता है। जिसके बाद विभाग ने पार्किंग के लिए रैयती जमीन किराये या लीज पर लेने का निर्णय किया है।