Uttarakhand में लागू होगा नया भू कानून…भूमि संबंधित समस्याओं का होगा समाधान
Uttarakhand News: उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) प्रदेशवासियों के बेहतरी के लिए लगातार काम कर रहे हैं। इसी क्रम में उत्तराखंड (Uttarakhand) की धामी सरकार प्रदेश में भूमि संबंधित समस्याओं को हल करने के लिए नया भू-कानून बनाने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसको लेकर कहा कि आगामी बजट सत्र में नए भू-कानून (Land Law) से संबंधित विधेयक विधानसभा में पेश किया जाएगा। इस कानून के अनुसार जमीन की अवैध और मनमाने ढंग से खरीद-बिक्री पर सख्ती से रोक लगाने की योजना है।
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सीएम धामी (CM Dhami) इस नई पहल के लिए किसानों, बुद्धिजीवियों, पक्षकारों और दूसरे हितधारकों से सुझाव मांगने का फैसला लिया है। उत्तराखंड सरकार ने आदेश जारी किया है कि प्रदेश के समस्त परगनों के सहायक कलेक्टर अपने-अपने क्षेत्रों से वर्तमान भू-कानून में जरूरी संशोधन के सुझाव लिपिबद्ध करेंगे। ये सुझाव जिला कलेक्टर के जरिए से राजस्व परिषद को भेजे जाएंगे। राजस्व परिषद 16 दिसंबर तक इन सुझावों को एकत्र करके सरकार के पास भेजेगी।
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13 नवंबर को सीएम धामी ने की बैठक
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसी 13 नवंबर को गैरसैंण (Garsain) स्थित ग्रीष्मकालीन विधानसभा भवन में बुद्धिजीवियों और प्रदेश के वर्तमान और पूर्व उच्चाधिकारियों के साथ मीटिंग की थी। इस मीटिंग में भू-कानून के ड्राफ्ट पर चर्चा की गई और तहसील स्तर पर जनता से सुझाव लेने के निर्देश दिए गए। सीएम धामी ने कहा कि इन सुझावों को नए भू-कानून में शामिल किया जाएगा जिससे यह कानून सभी पक्षों के हितों का ध्यान रखे।
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16 दिसंबर तक सरकार के पास भेजा जाएगा सुझाव
राजस्व परिषद के आयुक्त और सचिव के साथ ही राज्य के सभी जिलाधिकारियों को भू-कानून से संबंधित सुझाव प्राप्त करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। सहायक कलेक्टरों को सभी परगने में सभी महत्वपूर्ण सुझाव एकत्र करने को कहा गया है। ये सुझाव जिलाधिकारियों के पास जाएंगे और वहां से इन्हें राजस्व परिषद के पास भेजा जाएगा। राजस्व परिषद इन सभी सूचनाओं को 16 दिसंबर तक सरकार के पास भेजा जाएगा।
भूमि संबंधित समस्याओं को हो जाएगा समाधान
आपको बता दें कि उत्तराखंड में भू-कानून में बदलाव की जरूरत काफी समय से महसूस की जा रही थी, खासकर भूमि खरीद-बिक्री में अव्यवस्था और बाहरी लोगों द्वारा अवैध तरीके से भूमि कब्जाने के मामलों के बाद भू-कानून में बदलाव की मांग उठने लगी थी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के इस कदम से राज्य में भूमि संबंधित समस्याओं का समाधान होने की उम्मीद जताई जा रही है।