कुमार विकास, ख़बरीमीडिया
लोकसभा चुनाव अब धीरे धीरे करीब आ रहा है और इसी वजह से क्षेत्रीय पार्टियां अपने हिसाब से अपना सहयोगी दल ढूढ़ने के लग गई है। उत्तरप्रदेश की राजनीति में भी RLD प्रमुख जयंत चौधरी को लेकर राजनीतिक गलियारे में चहलकदमी बढ़ गई है कि क्या वो 2024 का चुनाव समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के साथ मिलकर लड़ेंगे या किसी अन्य दल जैसे एनडीए को जॉइन कर लेंगे।
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दरअसल RLD मुखिया जयंत चौधरी के गुरुवार को किये गए ट्वीट के बाद चुनावी मौसम में चहलकदमी और तेज हो गई। जयंत चौधरी ने अपने ट्वीट में लिखा है कि खिचड़ी, पुलाव, बिरयानी जो पसंद है खाओ। अपने उसी ट्वीट पर रिप्लाई करते हुए जयन्त चौधरी ने ट्वीट के जरिये कहा कि वैसे चावल खाने ही हैं तो खीर खाओ।
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वहीं जयंत के इस ट्वीट में जवाब देने वालो की बाढ़ आ गई है, आरएलडी प्रदेश प्रवक्ता रोहित अग्रवाल ने लिखा यह तो गजब हो गया, कुछ मीठा हो जाए। और इसी मामले के बाद सभी लोग सोच में पड़ गए है कि जयंत कौन सी खीर खाने की बात कर रहे हैं।कहि जयंत अखिलेश को छोड़कर NDA के साथ तो नहीं जाने का सोच रहे है।
महाराष्ट्र में आई राजनीतिक भुचाल के बाद RLD मुखिया जयंत चौधरी के इन ट्वीट्स के राजनीतिक पंडित कई मायने निकाल रहे है क्योंकि जयंत चौधरी का राजनीति में एक लंबा अनुभव रहा है और वो हर कदम बहुत ही सोच समझ कर लेते है।
जयंत चौधरी का पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपना एक अलग वोट बैंक और वर्चस्व है इसी को देखते हुए अखिलेश यादव ने 2022 के विधानसभा चुनाव में जयंत से हाथ मिलाया था और इसी का नतीजा रहा कि RLD को 8 सीटें मिल पाई । जयंत चौधरी पश्चिमी उत्तरप्रदेश के 27 लोकसभा सीटों पर जोरशोर से तैयारी कर रहे है इसी को देखते हुए सभी राजनीतिक दल यही कोशिश कर रहे है कि जयंत का साथ उन्हें मिले।