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UP News: यूपी में अब 15 की जगह 20 साल तक चला सकेंगे गाड़ी, लेकिन चुकानी होगी इतनी फ़ीस

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UP News: उत्तर प्रदेश में 15 साल पुराने वाहनों के मालिक अब अपने वाहन को 20 साल तक चला सकेंगे।

UP News: सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने नया नोटिफिकेशन (New Notification) जारी किया है, जिसके तहत अब 15 साल पुराने वाहनों का दोबारा रजिस्ट्रेशन (Registration) कराने की सुविधा दी जाएगी। पहले यह सीमा केवल 15 साल तक थी, लेकिन अब वाहन अधिकतम 20 साल तक सड़कों (Streets) पर चल सकेंगे। लेकिन इसके लिए वाहन मालिकों को पहले से कहीं ज्यादा फीस देनी होगी। पढ़िए पूरी खबर…

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15 साल पुराने वाहनों के लिए नया नियम

पहले 15 साल से अधिक पुराने वाहनों का रजिस्ट्रेशन रिन्यू कराना एक जटिल प्रक्रिया थी, और कई बार ऐसे वाहनों को सड़कों पर चलाने की अनुमति नहीं थी। आगरा के आरटीओ अरुण कुमार वार्ष्णेय ने कहा कि नए नियमों के तहत अब वाहनों को उनकी पहली रजिस्ट्रेशन तारीख से अधिकतम 20 साल तक रजिस्टर किया जा सकता है। लेकिन, 15 साल पूरे होने के बाद वाहन मालिकों को दोबारा रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा, और इसके लिए बढ़ी हुई फीस देनी होगी।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश से राहत

नए नियमों के अनुसार, 15 साल से अधिक पुराने वाहनों को घर पर रखने के लिए सीज करने की कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश तक रोक रहेगी। लेकिन, इन वाहनों को सड़कों पर चलाने की अनुमति तभी मिलेगी, जब उनका रजिस्ट्रेशन रिन्यू किया जाएगा। यह प्रावधान वाहन मालिकों को कुछ राहत देता है, लेकिन सड़क पर वाहन चलाने के लिए रजिस्ट्रेशन रिन्यूअल अनिवार्य है।

विभिन्न श्रेणियों के लिए तय की गई फीस

  • मोटरसाइकिल: 2,000 रुपये
  • थ्री-व्हीलर/क्वाड्रिसाइकिल: 5,000 रुपये
  • लाइट मोटर व्हीकल (कार आदि): 10,000 रुपये
  • इंपोर्टेड मोटर वाहन (2 या 3 पहिया): 20,000 रुपये
  • इंपोर्टेड मोटर वाहन (4 या अधिक पहिया): 80,000 रुपये
  • अन्य वाहन: 12,000 रुपये

बता दें कि यह फीस 15 से 20 साल पुराने वाहनों के लिए है और इसमें जीएसटी शामिल नहीं है।

पर्यावरण और स्क्रैपेज नीति से जुड़ा कदम

यह नया नियम सरकार की वाहन स्क्रैपेज नीति और पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों का हिस्सा है। पुराने वाहन, खासकर बीएस-द्वितीय उत्सर्जन मानकों से पहले निर्मित वाहन, अधिक प्रदूषण फैलाते हैं। बढ़ी हुई फीस का उद्देश्य लोगों को पुराने वाहनों को रखने के बजाय नए, पर्यावरण के अनुकूल वाहनों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना है। यदि यह ट्रायल सफल रहा, तो इसे पूरे देश में लागू किया जा सकता है।