Baba Khatushyam: खाटूश्याम बाबा के दर्शन को जाने वाले भक्तों के लिए बड़ी और जरूरी खबर है। आपको बता दें कि भारत के टॉप मंदिरों में शामिल और प्रदेश में धार्मिक पर्यटन में सर्वाधिक बढ़ोतरी वाली श्याम नगरी अब पर्यटन के हिसाब से न्यू डेस्टिनेशन (New Destination) बन गया है। लेकिन उसकी तुलना में सुविधाएं उतनी बेहतर नहीं है। कहने को तो जिला प्रशासन सुविधाओं की बात कहता है। लेकिन हकीकत काफी अलग है। देश-विदेश से आने वाले भक्तों को खाटू नगरी में प्रवेश करते ही पग-पग पर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
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कुछ दिन पहले ही पर्यटन विभाग (Department of Tourism) ने आंकड़े जारी करते हुए खाटूश्यामजी मंदिर में साल 2023 में 2.63 करोड़ श्रद्धालुओं के दर्शन को पहुंचने का दावा किया है। इससे श्याम मंदिर प्रदेश के प्रमुख पांच मंदिरों में टॉप वन पर पहुंच गया है। मार्च माह में भरे फाल्गुनी लक्खी मेले के 53 दिन बाद मेले की समीक्षा को लेकर सीकर जिला कलक्टर कमर उल जमान चौधरी 15 मई को खाटू के मेला मजिस्ट्रेट कार्यालय में संबंधित अधिकारियों की मीटिंग लेंगे।
धरातल पर नहीं दिख रहा बदलाव
खाटूश्यामजी में 2019 में नगरपालिका का पहला बोर्ड बनने के बाद से अब तक डीएलबी पालिका क्षेत्र का मास्टर प्लान बना सकी। लेकिन इसको लेकर जिला और स्थानीय लेवल पर कई बैठक हो हुई है लेकिन धरातल पर नहीं काम नहीं दिखा। इसकी वजह से रिंग रोड, चौड़ी सड़क नहीं होने से रोज स्थानीय वासियों और श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
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दो साल से वैंडिंग जोन नहीं बना पाई पालिका
कस्बे के रास्ते अतिक्रमण हटवाकर ठेले-रेहड़ी वालों को रोजगार करने का पर्याप्त स्थान मिले, इसके लिए पूर्व और वर्तमान जिला कलक्टर ने नगर पालिका को वैंडिंग जोन बनाने को कहा था, लेकिन पालिका दो साल में वैंडिंग और नॉन वैंडिंग जोन नहीं बना पाई। इससे कस्बे में अतिक्रमण बढ़ता जा रहा है।
अलग से मिले जाप्ता, नई चौकी हो स्थापित
स्थानीय पुलिस और ट्रैफिक पुलिस (Traffic Police) के अधिकारियों के मुताबिक खाटूश्यामजी प्रदेश के मंदिरों में भक्तों की आवक के हिसाब से पहले स्थान पर है। बावजूद यहां थाने में पर्याप्त जाप्ता नहीं है और जो है वह वीवीआईपी दर्शन सहित मुकदमों की जांच आदि में लगा रहता है। ऐसे में यहां नई चौकी बनाई जाए। वहीं एक आरएससी की बटालियन भी हो। बिगड़ी यातायात व्यवस्था को ठीक करने के लिए अलग से थाना बने।
आरएएस कैडर के अधिकारी की हो तैनाती
खाटूधाम में वीवीआईपी मूवमेंट (VVIP Movement) और श्रद्धालुओं व आमजन की समस्यों को लेकर यहां पर स्थाई आरएएस केडर के अधिकारी की स्थाई रूप से तैनाती की जाए। क्योंकि यहां महीने में कई बार वीवीआईपी लोगों की आवाजाही रहती है। ऐसे में जिला कलक्टर, एसपी, सहित प्रशासनिक अधिकारियों को आना होता है। यहां आरएएस अधिकारी की नियुक्ति से प्रोटोकॉल के लिए जिला मुयालय से आने वाले अधिकारियों को भी परेशानी भी समाप्त हो जाएगी।
ई-रिक्शा को लेकर यह है निर्देश
मालिक ही ई-रिक्शा चलाएगा और उसके पास रिक्शा के कागजाद और ड्राइवरिंग लाइसेंस सहित समिति द्वारा जारी किए पंजियन नंबर और चालक के मोबाइल नंबर रिक्शे पर लिखे होना जरूरी है। रिक्शा चालक प्रति सवारी 20 रूपए और पूरे रिक्शे के 100 रूपए ही किराया ले सकेगा। लेकिन इन सब के बाद भी खाटू में बिना पंजीयन के रिक्शा चल रहे हैं। नाबालिग भी बैखोफ होकर रिक्शा चला रहे है। मंदिर के प्रवेश और निकासी मार्ग सहित भीड़ भाड़ वाले रास्तों पर ई-रिक्शा की भरमार है। इससे रोज हादसे हो रहे हैं
प्राइवेट रूट की बसों और टैक्सी गाड़ियों को निर्देश
रोडवेज बस स्टैंड की 150 मीटर परिधी में निजी रूट की बसों और टैक्सी गाड़ियों को खड़े नहीं रहने और आरटीओं विभाग को कार्रवाई के के निर्देश दिए गए थे लेकिन रोडवेज बस स्टैंड से सटकर खड़ी रहती है प्राइवेट रूट की बसें व टैक्सी गाड़ियां। आरटीओ की कार्रवाई का भी इन पर कोई असर नहीं दिखा
यह मिला जवाब
अनु शर्मा, सहायक निदेशक, पर्यटन विभाग सीकर ने कहा कि सरकार अयोध्या और काशी विश्वनाथ की तरह खाटूश्यामजी में कोरिडोर बनाना चाहती है। पर्यटकों की सहायता के लिए पर्यटन पुलिस आदि सुविधा बढ़ोतरी का प्रस्ताव सरकार तक पहुंचाने के लिए उच्च अधिकारियों को भेजा गया है।
बुनियादी सुविधाओं का अभाव
धार्मिक पर्यटन के नजरिए से खाटूश्याम मंदिर का नाम अब देश की टॉप डेस्टीनेशन के तौर पर लिया जा रहा है। यहां पिछले साल सबसे ज्यादा पर्यटक पहुंचे हैं। वहां जाने के लिए कनेक्टिटी तो ठीक है लेकिन बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। यहां सबसे बड़ी समस्या पार्किंग की है। इसके साथ ही संकेतक नहीं होने के कारण देश विदेश से आने वाले पर्यटक मंदिर जाने का रास्ता पूछते रहते हैं। सरकार को यहां सुविधाओं का विस्तार करना चाहिए।