Punjab News: अगर आप भी पंजाब की बसों में सफर करते हैं तो यह खबर जरूर पढ़ लीजिए। आपको बता दें कि कल से पंजाब की बसों (Punjab Buses) में सफर करना थोड़ा मुश्किल भरा हो सकता है, क्योंकि कर्मचारी यूनियनें बसों में उतनी ही सवारियां बिठाएंगी जितनी बस में सीट होंगी। केंद्र सरकार (Central Government) द्वारा बनाए गए हिट एंड रन (Hit and Run) काले कानून के कारण पंजाब रोडवेज और पी.आर.टी.सी. कर्मचारियों ने इसके खिलाफ आवाज उठाते हुए जमकर विरोध प्रदर्शन किया। रोडवेज और पी.आर.टी.सी. कर्मचारियों (PRTC Employees) ने सरकार के खिलाफ विरोध जताते हुए बसों में जितनी सीटें हैं उतनी सवारियां बैठाने का फैसला किया है, क्योंकि हिट एंड रन कानून को लेकर कोई भी जोखिम नहीं लेना चाहते हैं।
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इस कानून को लेकर ड्राइवर-कंडक्टरों को काफी मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है। इसके साथ ही जो लोग रोजाना सरकारी बसों में सफर करते हैं उन्हें भी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। इस विरोध प्रदर्शन में डिपो प्रधान सतनाम सिंह, शमशेर सिंह, गुरप्रीत सिंह, जगतार सिंह ने बताया कि वे पंजाब सरकार की कर्मचारियों के प्रति द्वेषपूर्ण नीतियों से परेशान हो गए हैं क्योंकि सरकार उनके बारे में कुछ भी सोच ही नहीं रही है। इससे कर्मचारियों में काफी नाराजगी है। उन्होंने आगे बताया कि गणतंत्र दिवस के मौके पर वे पंजाब के मुख्यमंत्री का घेराव कर विरोध प्रदर्शन दर्ज कराएंगे। ट्रांसपोर्ट के मुलाजिमों द्वारा 52 सीटों वाली बस में 23 जनवरी से 52 सवारियों को सफर करवाया जाएगा। 23 जनवरी को लुधियाना में ट्रक यूनियन और पनबस, पी.आर.टी.सी. के वर्करों को संगठित किया जाएगा।
सरकार को साढ़े तीन करोड़ में पड़ती है स्कीम
पंजाब में महिलाओं की फ्री यात्रा से सरकार को काफी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। सरकार को फ्री बस योजना के पैसे पी.आर.टी.सी. व पंजाब रोडवेज को अदा करने पड़ रहे हैं। सूत्रों के अनुसार सरकार फ्री बस सेवा के बदले सरकारी ट्रांसपोर्ट कंपनियों को सालाना करीब 350 करोड़ रुपये देती है और वर्तमान में ट्रांसपोर्ट कंपनियों का सरकार पर करोड़ों रुपये का बकाया हो गया है। प्राप्त सूचना के अनुसार, पुरुष यात्रियों के मामले में ली जाने वाली आधी राशि नकद में भुगतान की जाती है, जबकि महिला यात्रियों के लिए 20 लाख रुपये दैनिक किराये का भुगतान सरकार द्वारा किया जाता है।