Gurugram-Sohna Elevated Expressway

Greater Noida से गुरुग्राम जाने वाले जल्दी से ज़रूरी ख़बर पढ़ लीजिए

ग्रेटर नोएडा- वेस्ट दिल्ली NCR नोएडा
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Gurugram-Sohna Expressway: ग्रेटर नोएडा से गुरुग्राम जाने वाले लोगों के लिए बड़ी और जरूरी खबर सामने आ रही है। आपको बता दें कि गुरुग्राम-सोहना एलिवेटेड एक्सप्रेसवे (Gurugram-Sohna Elevated Expressway) 8 महीने के अंदर दूसरी बार धंस गया। इस बार सड़क सेक्टर-47 स्थित रहेजा मॉल के सामने धंसा है। एक प्राइवेट स्कूल (Private School) की बस सड़क पर बने गड्ढे में धंस गई। घटना के समय बस में 12 बच्चे बस में सवार थे, जिन्हें सुरक्षित बाहर निकाला गया। बाद में क्रेन की सहायता से बस को गड्ढे से बाहर किया गया। तीन साल पहले ही इसका उद्घाटन हुआ था।
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Pic Social Media

आपको बता दें कि, जिस जगह पर यह सड़क धंसी है, उसके नीचे से जीएमडीए (GMDA) की मुख्य सीवर लाइन जाती है। इसकी सूचना मिलने पर ट्रैफिक पुलिस (Traffic Police), एनएचएआई (NHAI) और जीएमडीए (GMDA) के अधिकारी तुरंत वहां पहुंचे। इस हाईवे की एक लेन को फिलहाल ट्रैफिक के लिए बंद कर दिया गया है। गुरुग्राम-सोहना एक्सप्रेसवे पर 20 साल पहले सीवर की मुख्य पाइपलाइन को डाला गया था। इस पाइपलाइन से गांव घाटा से वाटिका चौक (Vatika Chowk) और सुभाष चौक होते हुए गंदा पानी बहरामपुर के सीवर ट्रीटमेंट प्लांट में जाता है। आपको बता दें कि इस लाइन में गोल्फ कोर्स एक्सटेंशन रोड, सोहना रोड, गोल्फ कोर्स रोड के अलावा सेक्टर 45 से लेकर 57 तक सीवर का लगभग 80 एमएल गंदा पानी हरदिन आता है।

मंगलवार दोपहर को सीवर लाइन के क्षतिग्रस्त होने की वजह से मुख्य सड़क पर लगभग तीन फीट गोलाई में गड्ढा हो गया। आपको बता दें कि पिछले साल 24 दिसंबर को भी इस एक्सप्रेसवे पर रहेजा मॉल के सामने ही गड्ढा हो गया था।

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अधिकारियों की लापरवाही

जीएमडीए और एनएचएआई के अधिकारियों की की लापरवाही की कारण से यह सड़क धंसी है। एलिवेटेड हाईवे बनाने के दौरान एनएचएआई ने जर्जर अवस्था तक पहुंची इस सीवर लाइन को स्थानांतरित किया नहीं और न ही जीएमडीए ने इस सीवर लाइन की मरम्मत करवाई। साल 2019 में एनएचएआई ने लगभग 1944 करोड़ रुपये की लागत से लगभग 21 किलोमीटर लंबे इस एलिवेटेड हाईवे का निर्माण शुरू किया था। साल 2021 में इस हाईवे को ट्रैफिक के लिए खोला गया था।

ओरियंटल स्ट्रक्चरल इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड के परियोजना निदेशक जेपी गुप्ता ने बताया कि एक्सप्रेसवे निर्माण में कोई कमी नहीं है। जीएमडीए की पुरानी सीवर लाइन के कारण यह हुआ है। जीएमडीए को इसे दुरुस्त करना चाहिए था, लेकिन नहीं किया। इस कारण से यह दोबारा धंस गई है।

एनएचएआई के परियोजना अधिकारी योगेश पाठक ने इसको लेकर कहा कि जीएमडीए की सीवर लाइन धंसी है। जीएमडीए अधिकारियों को सूचना दे दिया गया है। इस सीवर लाइन को जीएमडीए को सर्विस रोड में स्थानांतरित करना था, लेकिन किया नहीं गया।