सितंबर 2023 की रिपोर्ट का खुलासा
Delhi News: हाल ही में दिवाली के दौरान कई ग्रुप हाउसिंग सोसाइटीज में आग लगने, प्लास्टर गिरने और लिफ्ट में फंसने जैसी घटनाओं ने निवासियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता उत्पन्न की है। इन घटनाओं ने सुरक्षा मानकों की खामी और कमजोर संरचनाओं पर सवाल उठाए हैं, जो एक अत्यंत चिंताजनक स्थिति है। इसी कड़ी में, दिल्ली से एक और बड़ी खबर सामने आई है, जिसे लेकर समस्त निवासियों को जागरूक होना जरूरी है।
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गौतम बुद्ध नगर में 99 वर्षों की लीज पर बने फ्लैट्स की संरचनात्मक स्थायित्व को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। बिल्डर्स द्वारा ऑनर्स एसोसिएशन (AOA) को फ्लैट्स का हैंडओवर में 10 से 15 वर्ष की देरी भी इस समस्या को और बढ़ा रही है। इस संदर्भ में दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) द्वारा निर्मित सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट्स एक प्रमुख उदाहरण है। केवल 13 वर्ष पहले निर्मित इस परियोजना में 336 फ्लैट्स वाले 12 टावर शामिल हैं, जो अब गंभीर संरचनात्मक समस्याओं से जूझ रहे हैं। दीवारों में गहरी दरारें और छतों का गिरना जैसी समस्याएं अब आम हो चुकी हैं, जिससे निवासियों की सुरक्षा पर खतरा मंडरा रहा है।
IIT दिल्ली का निरीक्षण और DDA द्वारा पुनर्निर्माण की योजना
नवंबर 2022 में आईआईटी दिल्ली के विशेषज्ञों द्वारा किए गए निरीक्षण में यह स्पष्ट रूप से कहा गया था कि सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट्स अब रहने योग्य नहीं हैं। इसके बाद, दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) ने इस परियोजना के पुनर्निर्माण की प्रक्रिया शुरू की है। इस स्थिति में सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि यदि ऐसी स्थिति में दुर्घटना होती है और किसी तरह की जनहानि होती है, तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?
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कानूनी और संविदात्मक उत्तरदायित्व की आवश्यकता
इस गंभीर स्थिति में बिल्डर, प्राधिकरण और अन्य संबंधित पक्षों के कानूनी और संविदात्मक उत्तरदायित्व का निर्धारण अत्यंत आवश्यक हो गया है। निवासियों की सुरक्षा को लेकर इन पक्षों की जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी किसी भी दुर्घटना से बचा जा सके। यह महत्वपूर्ण है कि निवासियों के मौलिक अधिकारों और उनकी सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए और इस मुद्दे का न्यायसंगत समाधान सुनिश्चित किया जाए।