मार्केट हब के रूप में विकसित होगा Punjab का यह एरिया, जानिए Maan सरकार की योजना
Punjab News: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान (CM Bhagwant Singh Mann) पंजाब के विकास के साथ साथ प्रदेश के किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। किसानों के घर खुशहाली लाने के लिए मान सरकार (Maan Sarkar) कई योजनाएं ला रही है। इसी क्रम में पंजाब की मान सरकार ने अपनी कृषि पॉलिसी (Agricultural Policy) बना ली है। पंजाब सरकार ने प्रदेश की पहली कृषि नीति-2023 का ड्राफ्ट जारी भी कर दिया है। इस पर पंजाब के किसान जत्थेबंदियों से जोकि स्टेकहोल्डर हैं, उनसे सुझाव मांगे गए हैं। ड्राफ्ट जारी करने के साथ ही खेती में बदलाव और सुधार के लिए कुछ सिफारिशें भी की गई हैं।
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पंजाब में 15 डार्क जोन में बैन लगाने की सिफारिश
पंजाब राज्य किसान आयोग के अध्यक्ष और कृषि वैज्ञानिक डॉ. सुखपाल सिंह (Dr. Sukhpal Singh) ने पंजाब में 15 डार्क जोन में धान की बुआई पर पूरी तरह बैन लगाने की सिफारिश कर दी है। उनके अनुसार ये वो डार्क जोन हैं, जहां भू-जलस्तर 400 से 500 फीट तक चला गया है। धान की बुआई की वजह से यहां बड़े लेवल पर जल संकट के साथ ही खराब पैदावार से किसानों को आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। इससे बेहतर है कि इन जोन में किसानों को दूसरी फसलों की बुआई करनी चाहिए। इसके साथ ही कहा है कि कृषि क्षेत्र में सब्सिडी (Subsidy) के रूप में खर्च हो रही बिजली सब्सिडी को रोकने के लिए तुरंत कदम उठाने की आवश्यकता है।
आपको बता दें कि पंजाब में 14 लाख कृषि पंपसेट (Agricultural Pumpset) हैं जोकि फ्री बिजली प्राप्त कर रहे हैं। इन्हें सालाना दी जाने वाली 10 हजार करोड़ की बिजली सब्सिडी को समाप्त करने की तरफ इशारा किया गया है। इसके साथ ही पंचायती जमीन पर धान की खेती न करने को भी कहा गया है। साथ ही कहा है कि ज्यादा पानी वाली फसलों के साथ हीवैकल्पिक फसलें बोई जानी चाहिए और सभी पर एमएसपी दिया जाना चाहिए।
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मार्केट हब के रूप में विकसित हो यह एरिया
नई नीति के अनुसार पंजाब सरकार को सुझाव दिया है कि वह केंद्र से संपर्क करें और किसानों को न केवल एमएसपी बल्कि उचित मूल्य भी दिया जाए। अगर फसलों पर एमएसपी नहीं है, तो एमएसपी और वास्तविक मूल्य के बीच के वित्तीय अंतर को भरने के लिए 1,000 करोड़ रुपये का एक कोष बनाया जाए। किसानों और खेत मजदूरों की आय में बढ़ोत्तरी हो। चंडीगढ़-जयपुर कॉरिडोर को कांडला बंदरगाह से जोड़ने के उद्देश्य से जीरकपुर और मोहाली को पंजाब, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और अन्य राज्यों के फलों और सब्जियों की मार्केटिंग के लिए मार्केट हब के रूप में तैयार किया जाना चाहिए।