Nodia News: अगर आप भी नोएडा की हाई-राइज सोसाइटियो में फ्लैट खरीदने का सोच रहे हैं तो यह खबर जरूर पढ़ लीजिए, नहीं तो आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। आपको बता दें कि नोएडा (Nodia) की एक हाई-राइज सोसाइटी में फ्लैट के लिए बिल्डर कंपनियों को लाखों रुपए की जमा पूंजी देने के बाद लोगों को उनका फ्लैट तो मिला लेकिन सोसाइटी में तमाम परेशानियां अभी भी मौजूद हैं। नोएडा सेक्टर 143 स्थित गुलशन इकेबाना सोसाइटी (Gulshan Ikebana Society) में हजारों लोग रहते हैं। इन परेशानियों को लेकर फ्लैट बायर्स (Flat Buyers) लगातार बिल्डर के खिलाफ प्रदर्शन करते आ रहे हैं। लेकिन प्रदर्शन के बाद भी कोई फर्क नहीं पड़ता है। इसके कारण यहां निवास करने वाले लोगों को काफी परेशानियां का सामना करना पड़ रहा है।
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इस सोसाइटी के फ्लैट बायर्स (Flat Buyers) का आरोप है कि सोसाइटी में रजिस्ट्री भी नहीं हुई है। मेंटेनेंस चार्ज पूरा देने बाद भी लिफ्ट अटकने और सोसाइटी में प्लास्टर गिरने के साथ पानी का टीडीएस (TDS) बढ़ने की समस्या हो रही है। फ्लैट बायर्स के मुताबिक सोसाइटी में लगभग 1450 हजार फ्लैट है और करीब 6000 लोग रहते हैं। सोसाइटी में सालों पहले हमे कब्जा तो मिल गया लेकिन रजिस्ट्री का कोई अता पता नहीं है। बिल्डर की देख रेख के बाद भी सोसाइटी में अचानक से लिफ्ट अटकना, छत का कभी भी प्लास्टर टूटकर गिरना, पार्किंग, पानी का बढ़ा हुआ टीडीएस और लाइट का कटना जैसी समस्याओं से हजारों सोसाइटी निवासी परेशान हैं।
बिल्डर पर है प्राधिकरण का इतना बकाया
सोसाइटी निवासियों ने आरोप लगाते हुए बताया कि बिल्डर हमारी सोसाइटी गुलशन इकेबाना के बराबर में दूसरे प्रोजेक्ट में काम करवा रहा है। लेकिन बिल्डर पर प्राधिकरण का 60 करोड़ बकाया है जो नहीं दिया है। अगर बिल्डर बकाया दे देता है तो हमारी रजिस्ट्री हो सके और फिर सोसाइटी में AOA का गठन होने के साथ हमारी सोसाइटी में समस्याएं है हमें उससे छुटकारा मिल सके। कई बार इस बारे में बिल्डर को अवगत कराया गया है, लेकिन उसके कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है।
बिल्डर ने दिया यह जवाब
सोसाइटी में संजीव वोहरा जो मेंटेनेंस डिपार्टमेंट में डीजीएम के पद नियुक्त हैं। उन्होंने कहा कि रजिस्ट्री के लिए प्राधिकरण से लगातार बात चीत हो रही है। जल्द ही रजिस्ट्री शुरू कर दी जाएगी। लिफ्ट की समस्या के लिए ऑडिट का काम हो रहा है। इसके साथ ही जहां-जहां प्लास्टर टूटकर गिरा है वो ठीक करवाया जा रहा है। रही बात पानी के टीडीएस की तो ये प्राधिकरण द्वारा दिया जा रहा है। इसमें हम कुछ नहीं कर सकते है।