राजस्थान की सांस्कृतिक और न्यायिक राजधानी सूर्य की नगरी जोधपुर ( Jodhpur) न केवल घूमने के लिए बल्कि अपने खान पान के लिए भी काफी ज्यादा मशहूर है। यहां की वेश भूषा से लेकर के खान पान तक विदेशों तक में एक्सपोर्ट होता है। अभी सर्दी का समय चल रहा है तो दूध फीणी अपने आप में ही काफी ज्यादा महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
जोधपुर में ही एक 60 – 70 साल पुरानी एक दुकान है जिसमें फीणी बनाई जाती है। ये तब से लेकर आज तक लोगों को काफी ज्यादा पसंद आ रही है। लोग इस फीणी को न केवल जोधपुर से बल्कि दूर दूर से खाने के लिए आते हैं। स्पेशली सर्दी के मौसम में इस दुकान में अच्छी खासी भीड़ भाड़ लगती है। जोधपुर की इस दुकान का नाम पदमजी फीणी वाले है जिसकी फीणी देश ही नहीं बल्की विदेशों तक में मशहूर है।
स्पेशली सर्दी के मौसम में बढ़ जाती है फीणी की डिमांड
सर्दियों के मौसम में ये खास तरह की मिठाई फीणी बाजारों में मिलने लग गई है। सर्दी बढ़ने के साथ साथ फीणी की डिमांड विदेशों तक में पहुंच गई है। न केवल यहां के लोग बल्कि दूर दराज के लोग इस मिठाई को चाव से खाना पसंद करते हैं। खाने के साथ साथ लोग यहां से फीणी पैक करवाकर भी लेकर के जाते हैं।
कैसे तैयार करी जाती हैं फीणी
फीणी मिठाई विदेशों तक में खूब ज्यादा पसंद आती है। इसे मेहमानों को भी बहुत ही ज्यादा रुचि के साथ खिलाया जाता है। फीणी को शुद्ध देशी घी में डालकर तैयार किया जाता है। इसे बनाने के लिए जमे हुए घी का इस्तेमाल किया जाता है।
हजारों परिवारों को इससे मिल रहा है रोजगार
फीणी को अलग अलग फ्लेवर में बनाकर तैयार किया जाता है जैसे कि केसर फीणी, मलाई फीणी, मीठी फीणी और लाल फीणी आदि। इसलिए आप इसका सेवन रोजाना कर सकते हैं। सेहत के लिए भी इसे फायदेमंद माना जाता है।