Farmers Movement: किसान आंदोलन की हुंकार से नोएडा से दिल्ली तक हाहाकार मचा हुआ है। आपको बता दें कि दिल्ली में सारे बॉर्डर पर बैरिकेड लगा दिए गए हैं और किसान फतेहगढ (Fatehgarh) से किसान हरियाणा में एंट्री कर गए हैं। किसानों और केंद्र सरकार (Central government) के मध्य चंडीगढ़ में देर रात तक हुई मीटिंग से कोई हल न निकलने के बाद पंजाब- हरियाणा (Punjab- Haryana) के किसानों से आज राजधानी दिल्ली (Delhi) की तरफ बढ़ना शुरु कर दिया है।किसान आंदोलन (Farmers Protest) पर अड़े किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च के ऐलान को देखते हुए दिल्ली और हरियाणा में धारा-144 लागू की गई है।
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दिल्ली की तीन प्रमुख सीमाओं सिंधु, टीकरी, गाजीपुर में लोहे और कंक्रीट के बैरिकेड लगाकर बंद कर दिए गए हैं। कंटीले तार, कंटेनर और डंपर लगाकर भी रास्ते बंद किया जा रहा है। सिर्फ यही नहीं सुरक्षा कारणों से दिल्ली में दो मेट्रो स्टेशनों के गेट भी बंद कर दिए गए हैं। साथ ही दिल्ली-नोएडा के बॉर्डर एरिया के स्कूलों को भी बंद कर दिया गया है।
सुरक्षा कारणों से 2 मेट्रो स्टेशनों के गेट बंद
किसान आंदोलन को लेकर दिल्ली मेट्रो में भी सुरक्षा और बढ़ा दी गई है। उद्योग भवन मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 1, 3 और 4 को से एंट्री और एग्जिट गेट को सुरक्षा कारणों का हवाला देकर बंद कर दिया गया है। वहीं केंद्रीय सचिवालय मेट्रो स्टेशन का गेट 2 शाम तक बंद रहेगा।
दिल्ली-हरियाणा में हाई अलर्ट
पंजाब (Punjab) से किसानों के दिल्ली कूच को लेकर दिल्ली अलर्ट पर है। आपको बता दें कि पंजाब से किसानों का जत्था ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के काफिलों में निकल दिए हैं। इससे दिल्ली से हरियाणा तक पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां को हाई अलर्ट पर रखा गया है। हरियाणा के अधिकारियों ने किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च को रोकने के लिए अंबाला, जींद, फतेहाबाद, कुरुक्षेत्र में कई स्थानों पर पंजाब के साथ लगती राज्य की सीमा की कंक्रीट के बैरिकेड, लोहे की कील और कंटीले तार लगाकर घेराबंदी भी की है। हरियाणा सरकार ने पुलिस अर्द्धसैनिक बलों 114 कंपनिया तैनात की हैं। 15 जिलों में धारा 144 लागू कर दी गई है, साथ ही मोबाइल इंटरनेट सेवा और बल्क एसएमएस पर प्रतिबंध है।
केंद्रीय नेताओं के साथ हुई मीटिंग के बाद किसान नेताओं ने कहा कि सरकार ने हमें किसी मांग पर ठोस आश्वासन नहीं दी है। जिन मांगों को लेकर आंदोलन का ऐलान किया गया है उनमें से कई पर सरकार ने पिछली बार भी सहमति दी थी लेकिन कोई फैसला नहीं ली। किसानों का कहना है कि सोमवार रात को हुई बैठक से भी हमें कुछ हासिल नहीं हुआ। सरकार ने हमें कुछ प्रस्ताव दिए हैं, जिन पर हम विचार करेंगे। लेकिन हमारा दिल्ली कूच जारी रहेगा। बैठक में केंद्र सरकार की ओर से केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और अर्जुन मुंडा शामिल हुए थे।
ट्रैक्टर-ट्रॉलियों संग फतेहगढ़ साहिब से शुरू हुआ ‘दिल्ली चलो’ मार्च
पंजाब के किसानों ने ट्रैक्टर-ट्रॉलियों और राशन-पानी के साथ फतेहगढ़ साहिब से अपना ‘दिल्ली चलो’ मार्च शुरू किया है। इससे पहले मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि कांग्रेस हमें कोई सपोर्ट नहीं कर रही है। हम कांग्रेस को भी उतना ही दोषी मानते हैं जितनी भाजपा दोषी है। हम किसी के पक्ष वाले लोग नहीं हैं। हम किसान और मजदूर की आवाज उठाने वाले लोग हैं।
किसान आंदोलन के चलते नोएडा के कई स्कूलों में छुट्टी की घोषणा
किसान आंदोलन को लेकर नोएडा के कई स्कूलों ने छुट्टी कर दी गई है। इस दौरान स्कूलों में ऑनलाइन क्लास चलती रहेंगी।
दिल्ली के सिंघु, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डरों पर वज्र वाहन तैनात
दिल्ली पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारी किसानों को दिल्ली में प्रवेश रोकने के लिए सिंधु, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डरों पर भारी सुरक्षा के बीच वज्र वाहनों की तैनाती के साथ बैरिकेड्स लगाए गए हैं।
दिल्ली-नोएडा और गाजीपुर बॉर्डरों पर भी भारी ट्रैफिक जाम
किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च से पहले आज बैरिकेडिंग के चलते दिल्ली-नोएडा को जोड़ने वाले चिल्ला बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर भी भारी ट्रैफिक जाम लगा हुआ है।
हम आम आदमी को असुविधा नहीं पहुंचाना चाहते
किसान नेता लखविंदर सिंह ने पंजाब के फतेहगढ़ साहिब में कहा कि लोग तैयार हैं और बैठक भी हो रही है…हम आम आदमी को असुविधा नहीं पहुंचाना चाहते… जैसे ही हमें निर्देश मिलेगा बैठक के बाद हम आगे बढ़ेंगे।
इस क्यों कर रहे हैं किसान आंदोलन
किसानों का यह आंदोलन फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देने वाले कानून को बनाने की मांग को लेकर है। किसानों की मांग है कि सरकार की ओर से न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी दी जाए। किसानों के 12-सूत्रीय एजेंडे में मुख्य मांग सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी के लिए एक कानून बनाना और डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार फसल की कीमतों का निर्धारण करना है।
जानिए क्या है किसानों की मांगें
किसानों और मजदूरों की पूर्ण कर्ज माफी हो।
भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 का कार्यान्वयन, जिसमें अधिग्रहण से पहले किसानों से लिखित सहमति और कलेक्टर दर से चार गुना मुआवजा देने का प्रावधान है।
अक्टूबर 2021 में लखीमपुर खीरी हत्याकांड के अपराधियों को सजा हो।
भारत को विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) से हट जाना चाहिए और सभी मुक्त व्यापार समझौतों पर रोक लगानी चाहिए।
किसानों और खेतिहर मजदूरों के लिए पेंशन दी जाए।
दिल्ली विरोध प्रदर्शन के दौरान मरने वाले किसानों के लिए मुआवजा, जिसमें परिवार के एक सदस्य के लिए नौकरी भी दी जाए।
बिजली संशोधन विधेयक 2020 को रद्द किया जाए।
मनरेगा के तहत प्रति वर्ष 200 (100 के बजाय) दिनों का रोजगार, 700 रुपये की दैनिक मजदूरी और योजना को खेती से जोड़ा जाना चाहिए।
नकली बीज, कीटनाशक, उर्वरक बनाने वाली कंपनियों पर सख्त कानून और जुर्माना, बीज की गुणवत्ता में सुधार हो।
मिर्च और हल्दी जैसे मसालों के लिए राष्ट्रीय आयोग का गठन किया जाए।