Noida Authority में मचा हड़कंप, जानिए क्या है कारण
Noida Authority: नोएडा अथॉरिटी से बड़ी खबर सामने आ रही है। आपको बता दें कि नोएडा अथॉरिटी (Noida Authority) में बीते तीन चार दिनों से हड़कंप मचा हुआ है। एक ओर शासन की ओर से लंबे अरसे से प्राधिकरण में तैनात अधिकारियों को सस्पेंड (Suspended) कर दिया है तो वहीं दूसरी तरफ प्राधिकरण में अधिकारियों के ट्रांसफर की लिस्ट जारी हो गई है। इस लिस्ट में 3 अधिकारियों को इधर से उधर भेजा गया है। इस एक्शन के बाद अथॉरिटी में हलचल और बढ़ गई है। बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में बड़े पैमानों पर सी और डी विभाग में कर्मचारियों के विभाग बदले जा सकते हैं।
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इन अधिकारियों के बदल गए विभाग
नोएडा प्राधिकरण ने अपने कुछ अधिकारियों के विभाम बदले हैं। आपको बता दें कि आलोक कुमार अग्रवाल प्रबंधक (प्रशासन/सामान्य) हैं। पहले वे कार्मिक विभाग, आवासीय प्लॉट और स्वागत कक्ष, कॉल सेंटर विभाग में कार्यरत थे। अब उन्हें सिर्फ कार्मिक विभाग और स्वागत कक्ष, कॉल सेंटर विभाग में काम करना पड़ेगा। दूसरे प्रभात कुमार सिंह प्रबंधक हैं। वे पहले वाणिज्यिक और स्पोर्ट्स सिटी में कार्यरत थे। बदलवा के बाद उन्हें अपने पुराने काम के साथ-साथ आवासीय प्लॉट का काम भी देखना होगा। तीसरी मंजू रानी, जो स्टाफ अधिकारी हैं। उन्हें आवासीय प्लॉट विभाग से कार्मिक विभाग में तैनात किया गया है। आपको बता दें कि इसका आदेश ओएसडी वंदना त्रिपाठी ने जारी किया है।
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7 अधिकारी हुए सस्पेंड
नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) में काफी समय से नियुक्त अधिकारियों पर योगी सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है। इस एक्शन में उत्तर प्रदेश के मंत्री नंद गोपाल नंदी ने प्राधिकरण के सात वरिष्ठ अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है। इन अधिकारियों पर आरोप है कि ट्रांसफर होने के बाद भी यह लंबे समय से प्राधिकरण में तैनात थे। इस कार्रवाई के बाद नोएडा प्राधिकरण में करीब 60 प्रतिशत अधिकारी और कर्मचारी ही बचे हैं। यह स्थिति हाल ही में हुए कई स्थानांतरणों और अब इन निलंबनों के कारण पैदा हुई है।
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अभी और अधिकारी हो सकते हैं सस्पेंड
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह कार्रवाई सिर्फ 7 अधिकारियों और कर्मचारियों तक सीमित नहीं है। विभागीय जांच में और भी अधिकारी संदेह के घेरे में हैं, जो ट्रांसफर के बाद भी अपनी जगह छोड़ने को तैयार नहीं थे। इस मामले में कुल 14 अधिकारियों की पहचान हुई है, जिन पर आगे और कार्रवाई हो सकती है। इन सभी अधिकारियों की पत्रावली मंगवाकर जांच की जा रही है और अगले कुछ दिनों में और भी सस्पेंशन के आदेश जारी किए जा सकते हैं।