Jyoti Shinde,Editor
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र Delhi-NCR में लगातार बढ़ रही लोगों की संख्या और शहरों पर बढ़ते दबाव से जल्द ही राहत मिल सकती है। दरअसल “न्यू नोएडा” के नाम से एक नया और आधुनिक शहर बसाने की पूरी तैयारी हो चुकी है। नए शहर का मास्टरप्लान जिसे दादरी-नोएडा-गाजियाबाद निवेश क्षेत्र (डीएनजीआईआर) के नाम से भी जाना जाता है, अंतिम चरण में है और अगस्त में अनुमोदन के लिए प्रस्तुत किए जाने की संभावना है।
इस महीने बोर्ड द्वारा मास्टरप्लान को मंजूरी मिलने के बाद नोएडा प्राधिकरण को जल्द ही “न्यू नोएडा” के लिए भूमि अधिग्रहण शुरू करने की उम्मीद है।
न्यू नोएडा के विकास के लिए प्राधिकरण ने गौतमबुद्ध नगर और बुलंदशहर जिलों के 86 गांवों में 21,000 हेक्टेयर कृषि भूमि की पहचान की है। दादरी-सिकंदराबाद क्षेत्र में औद्योगिक विकास पर फोकस रहेगा। रिपोर्ट के मुताबिक, भूमि अधिग्रहण और आंतरिक विकास के लिए प्राधिकरण ने इस साल 1,000 करोड़ रुपये अलग रखे हैं।
मास्टरप्लान के मसौदे के अनुसार न्यू नोएडा में लगभग 6 लाख निवासियों के रहने का प्रबंध होगा। इसमें उद्योगों, कार्यालयों, विश्वविद्यालयों और आवासीय उद्देश्यों के लिए समर्पित क्षेत्र होंगे। 8,100 हेक्टेयर उद्योगों के लिए और 1,600 हेक्टेयर मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के लिए निर्धारित किए जाएंगे। लगभग 2,000 हेक्टेयर भूमि आवासीय परियोजनाओं के लिए नामित की जाएगी।
नोएडा प्राधिकरण यह अनुमान लगा रहा है कि नए नोएडा के लिए कौन सा विकास मॉडल सबसे अच्छा होगा। प्राधिकरण के पास तीन विकल्प हैं। पहला गुरुग्राम में लागू मॉडल, दूसरा, नोएडा-ग्रेटर नोएडा मॉडल जहां प्राधिकरण के पास संपूर्ण भूमि होगी और भूमि के उपयोग के आधार पर डेवलपर्स या उद्योगों को भूखंड आवंटित किया जाएगा। और तीसरे विकल्प के रूप में एक मिश्रित मॉडल पर भी बातचीत चल रही है।
स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर (एसपीए) द्वारा तैयार किए जा रहे मास्टरप्लान में कृषि, खाद्य प्रसंस्करण और एफएमसीजी क्षेत्रों की औद्योगिक इकाइयों के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्र शामिल होंगे। नए नोएडा में लॉजिस्टिक्स हब, ज्ञान केंद्र, एकीकृत टाउनशिप और कौशल विकास केंद्र होने की भी संभावना है।