गाजियाबाद में पूड़ी-सब्जी बेचने वाला निकला क़रोड़पति.. पढ़िए पूरी ख़बर

गाज़ियाबाद दिल्ली NCR
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Ghaziabad News: गाजियाबाद से एक चौका देने वाली खबर सामने आ रही है। आपको बता दें कि गाजियाबाद (Ghaziabad) में राज्य कर विभाग (State Tax Department) की टीम ने मालीवाड़ा चौक (Maliwada Chowk) के पास सैंया जी पूड़ी वाले (Saiya ji Puri wale) की दुकान पर छापा मारा। इस छापे में कर विभाग (Tax Department) की टीम ने 17.85 लाख रुपये की टैक्स चोरी पकड़ी है, जिसे दुकानदार ने जमा कराया है। आपको बता दें कि इस दुकान पर छापा 10 घंटे चला।

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Pic Social Media

तय मानकों का हो रहा था उल्लंघन

राज्य कर विभाग गाजियाबाद (Ghaziabad ) जोन दो के अपर आयुक्त ग्रेड-एक दिनेश कुमार मिश्रा ने जानकारी दी कि फर्म सैंया जी पूरी वाले द्वारा कंपाउड स्कीम में तय किए गए मानकों का उल्लंघन करते हुए बिजनेस कर रहे थे। जीएसटी पोर्टल पर डाटा एनालिसिस करने के बाद विभाग की विशेष अनुसंधान शाखा द्वारा फर्म की रेकी की गई।

8 अधिकारियों की टीम ने 10 घंटे तक की जांच

जांच में मिली जानकारी के अनुसार और डाटा एनालिसिस (Data Analysis) में पाई गई कमियों के मुताबिक फर्म पर छापामारी की गई। इस छापेमारी में 8 अधिकारियों की टीम ने व्यापारी के प्रतिष्ठान पर 10 घंटे तक जांच की। जांच में कच्चा एवं निर्मित माल पाया गया। फर्म पर कई टेबल एवं कुर्सी रखे पाए गए, जिन पर कई लोग भोजन करते हुए मिले।

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इतने लाख की टैक्सी चोरी आई सामने

फर्म को रेस्तरां के रूप में काम किया जा रहा था जबकि फर्म को फूड प्रिपरेशन के तहत जीएसटी में रजिस्ट्रेशन लेते हुए कंपाउंड स्कीम की आड़ में सरकार को कम टैक्स देने का काम हो रहा था। टीम द्वारा छापे में पहली नजर में 17.85 लाख रुपये की टैक्सी चोरी सामने आई है, जिसे व्यापारी ने स्वीकार करते हुए जमा कर दिया है।

खरीद-बिक्री और सीज किए गए दस्तावेजों की जांच करते हुए टैक्स चोरी की वास्तविक राशि का पता लगाया जाएगा। राज्य कर विभाग के गाजियाबाद जोन में जनपद गाजियाबाद, हापुड़ एवं बुलंदशहर में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस टूल्स और विभागीय सूचनाओं के आधार पर ऐसे व्यापारियों को चिह्नित किया गया है।

जो कंपाउंड स्कीम की आड़ में अपना टर्नओवर छिपा टैक्सी चोरी कर रहे हैं। उन्होंने जानकारी दी कि सालाना 1.50 करोड़ रुपये तक का टर्नओवर करने वाले व्यापारी समाधान योजना का लाभ ले सकते हैं। जिसमें सर्विस मुहैया कराने वालों के लिए 5 प्रतिशत, निर्माता इकाइयों के लिए 2 प्रतिशत और ट्रेडर्स के लिए एक प्रतिशत की करदेयता निश्चित है।