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Amazon में काम करने वाले लोगों के लिए कंपनी ने जारी किया गजब का फरमान

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Amazon News: ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन के वेयरहाउस (Amazon Warehouse) में एक तुगलकी फरमान जारी हुआ है। यह फरमान यहां काम करने वाले कर्मचारियों (Employees) के लिए है। इसके कारण यहां के कर्मचारियों को काफी परेशानी हो रही है। इसका सबसे ज्यादा असर महिलाओं (Women) पर पड़ रहा है। पढ़िए क्या है पूरा मामला…
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Amazon News: दुनिया की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों (E-Commerce Companies) में से एक ऐमजॉन के मानेसर यूनिट में कर्मचारियों को एक शपथ दिलाई गई है। यहां के गोदाम में काम करने वालों को टॉयलेट या टी ब्रेक तभी मिलेगा, जब वे अपना टारगेट पूरा कर लेंगे। ऐमजॉन पर लग रहे इन आरोपों को लेकर कंपनी के तरफ से सफाई भी आई है।

परफॉर्मेंस सुधारने के लिए ब्रेक से समझौता

Amazon News: मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा के मानेसर (Manesar) स्थित 5 में से एक गोदाम में कर्मचारियों की स्थिति काफी चिंताजनक है। बीते 16 मई को एक 24 साल के एक कर्मचारी से 30 मिनट के टी-ब्रेक के बाद कहा गया कि जब तक वे 6 ट्रक से सामान नहीं उतार देंगे, तब तक वे ब्रेक पर नहीं जा सकेंगे। कर्मचारी का कहना है कि उन्हें सप्ताह में 5 दिन और प्रतिदिन 10 घंटे काम करने होते हैं। उन्हें हर महीने 10,888 रुपए सैलरी मिलती है। उन्हें चाय और लंच के लिए हर दिन 30-30 मिनट के ब्रेक मिलते हैं।

Amazon News: ऐसी परिस्थिति से गुज़रने वाले कर्मचारी का कहना है कि “अगर हम बिना किसी ब्रेक के भी काम कर लें तब भी हम एक दिन में चार ट्रकों से अधिक सामान नहीं उतार सकते। दो दिन पहले हमने शपथ ली थी कि हम परफॉर्मेंस सुधारने और टारगेट पूरा करने के लिए चाय-पानी और टॉयलेट के लिए ब्रेक पर नहीं जाएंगे।” कर्मचारी का कहना है कि सीनियर हम पर निगाह बनाए रखते हैं। समय-समय पर यह भी चेक करते हैं कि कोई टॉयलेट या अन्य जगहों पर समय तो नहीं बिता रहा।

महिलाओं की स्थिति और खराब

Amazon News: अमेजन की इस यूनिट के रवैये से महिला कर्मचारी (Female Employee) भी परेशान हैं। गोदाम में काम करने वाली एक महिला कर्मचारी ने बताया कि वहां कोई रेस्टरूम नहीं है। उन्होंने कहा, “अगर कोई बीमार है, तो उसके पास वॉशरूम या लॉकर रूम में ही जाने का ऑप्शन है। उसमें भी केवल एक बेड है और वहां से भी 10 मिनट बाद कर्मचारियों को जाने के लिए कह दिया जाता है।” महिला ने आरोप लगाया कि एक बार जब वह शौचालय में थोड़ा रेस्ट करते हुए पकड़ी गई, तो सुपरवाइजर ने उसके आईडी कार्ड की फोटो खींच ली और उसे ब्लॉक करने की धमकी दी।

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अमेजन इंडिया के प्रवक्ता ने दी सफाई

Amazon News: कंपनी ने इस मामले पर अपना पक्ष सामने रखा है। ऐमजॉन इंडिया (Amazon India) के प्रवक्ता ने कहा कि वे इन आरोपों की जांच कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “हम इन दावों की जांच कर रहे हैं। लेकिन यह स्पष्ट है कि हम अपने कर्मचारियों से इस तरह का कोई काम करने को कभी नहीं कहेंगे। अगर हमारे संज्ञान में ऐसा कोई वाकया आता है तो हम तुरंत इसे रोकेंगे। हम ये सुनिश्चित करेंगे कि इसमें शामिल मैनेजर को दोबारा ट्रेनिंग दी जाए।”

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लेबर यूनियन ने भी लगाए आरोप

Amazon News: भारत की लेबर यूनियन (Labor Union) ने भी नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया है। यूनियन का कहना है कि मानेसर और उसके आसपास चल रहे 5 गोदामों में फैक्ट्री एक्ट, 1948 के नियमों का पालन नहीं होता है। हरियाणा में काम करने के घंटे को अब हर दिन में 10 घंटे से कम कर दिया गया है, जिस कारण अब कंपनी के कर्मचारी सुबह 8.30 बजे से शाम 6.30 बजे तक काम करते हैं।

Amazon News: नियमों के अनुसार, अगर कोई कर्मचारी (Employee) हर दिन 9 घंटे से अधिक या सप्ताह में 48 घंटे से अधिक काम करता है, तो वो अपने वेतन से दोगुना वेतन पाने का दावा ठोंक सकता है। साथ ही कानून में आराम करने का समय भी तय किया गया है। उसके अनुसार, कोई कर्मचारी कम से कम 30 मिनट का ब्रेक मिलने से पहले 5 घंटे से ज्यादा काम नहीं करेगा। लेकिन वर्कर्स एसोसिएशन का दावा है कि ये सब फॉलो नहीं किया जा रहा है।

पहले भी लग चुके हैं आरोप

Amazon News: ऐमजॉन पर लगा यह आरोप कोई नया नहीं है। कंपनी (Company) को इसी तरह के आरोपों का पहले भी सामना कर चुकी है। अमेरिका में व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य प्रशासन ने साल 2022 और 2023 में ऐमजॉन के खिलाफ अनसेफ वर्किंग कंडीशन, 6 गोदामों में चोटों की ढंग से रिपोर्ट नहीं करने को लेकर नोटिस जारी किए थे।