उद्भव त्रिपाठी, ख़बरीमीडिया
Delhi AQI: राजधानी दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से लगातार प्रदूषण तेज़ी से बढ़ रहा है…ख़ासकर दिल्ली के दो इलाकों में रविवार को AQI गंभीर श्रेणी में पहुंच गया। जहांगीरपुरी (Jahangirpuri) में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 412 रहा, वहीं नेहरू नगर में 403 दर्ज किया गया। मुंडका इलाके में भी प्रदूषण गंभीर स्थिति के करीब ही रहा। यहां AQI 392 दर्ज किया गया। विशेषज्ञों के मुताबिक अघले तीन दिनों तक दिल्ली (Delhi) में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में रह सकती है।
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राजधानी में औसत AQI 326 दर्ज किया गया, जो बेहद खराब श्रेणी में आता है। इससे पहले यह कुछ सामान्य था..बुधवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक 265 और गुरुवार को 309 पहुँच गया था, लेकिन यह तेजी से बढ़कर 326 पहुंच गया। इस कारण अधिकांश इलाकों में प्रदूषण बेहद खराब श्रेणी में रहा । विशेषज्ञों का मानना है कि अगले तीन दिन तक राजधानी में प्रदूषण और बढ़ेगा। छह दिनों के भीतर प्रदूषण बेहद खराब श्रेणी या खराब श्रेणी के बीच में रहेगा। फिलहाल, प्रदूषण में कमी आने की अभी कोई भी संभावना नहीं है।
हवा दक्षिण-पूर्व एवं उत्तर-पूर्व दिशा से चली। इसकी रफ्तार भी 4 से 8 किलोमीटर रही, जिसके चलते प्रदूषक कणों का बिखराब नहीं हो सका। पंजाब एवं हरियाणा में जलाई जा रही पराली के चलते अगले 10 से 15 दिन तक प्रदूषण से राहत मिलने की संभावना नहीं है।
एक नवंबर से डीजल बसों पर भी पाबंदी
बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए राजधानी में एक नवंबर से डीजल बसों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गई है..एनसीआर राज्यों से केवल सीएनजी (CNG), इलेक्ट्रिक और बीएस-6 मानक वाली बसें ही दिल्ली आ सकेंगी। इसे लेकर वायु गुणवत्ता आयोग के आदेश पर परिवहन विभाग द्वारा सर्कुलर जारी कर दिया गया है।
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने रविवार को कश्मीरी गेट बस अड्डे पर बस चालकों को इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दिल्ली के सभी प्रवेश मार्गों पर प्रदूषित ईंधन से संचालित बसों के खिलाफ परिवहन विभाग जांच अभियान चलाएगा। गोपाल राय ने वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए कश्मीरी गेट बस अड्डे का औचक निरीक्षण किया। साथ ही बताया कि अभी भी गाड़ियों से प्रदूषण खूब हो रहा है। दिल्ली में सभी बसें सीएनजी पर चल रही हैं। साथ ही, 800 से ज्यादा इलेक्ट्रिक बसें भी चल रही हैं, लेकिन यूपी, हरियाणा और राजस्थान से आने वाली बीएस-3 और बीएस-4 डीजल बसों के कारण प्रदूषण बढ़ रहा है।
उन्होंने आईएसबीटी (ISBT) में निरीक्षण के दौरान पाया कि यूपी और हरियाणा से आने वाली सभी बसें बीएस-3 और बीएस 4 है वहां से आने वाली कोई भी बस इलेक्ट्रिक या सीएनजी नहीं है। इसको लेकर उन्होंने केंद्र सरकार से भी आग्रह किया है कि वह हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के एनसीआर क्षेत्रों में संचालित होने वाली इन बसों को प्रतिबंधित करें।
कूड़ा जलाने वालों पर 50 हजार रुपये तक जुर्माना
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण को बढ़ते देख कई चीजों पर पाबंदी लगाई गई है। नवंबर के दूसरे सप्ताह में दिवाली भी है। ऐसे में दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने प्रदूषण की रोकथाम एवं नियंत्रण को लेकर सख्त कार्रवाई करने की रणनीति बनाई है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग द्वारा निर्धारित श्रेणीबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना (ग्रैप) के तहत निगम हर श्रेणी में सख्त कार्रवाई करेगा। खुले में कूड़ा जलाने पर कर्मचारी 200 रुपये से 50 हजार रुपये तक का चालान काटते हैं। वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पूरी दिल्ली में प्रदूषण की रोकथाम की लेकर दो से चार सप्ताह के दौरान सख्त कार्रवाई की जाएगी। दो हजार से अधिक कर्मचारियों की टीमें हर वार्ड में सर्विलांस करेंगी। कूड़ा जलाने व अन्य पदार्थों पर आग लगाने की घटनाओं को रोकने के लिए कई कदम उठाए जाएंगे।
ग्रेटर नोएडा बना देश का सबसे प्रदूषित शहर
ग्रेटर नोएडा गुरुवार को देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा। यहां का एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 292 अंक दर्ज किया गया। नोएडा का एक्यूआई 250 अंक दर्ज किया गया, जो देश का पांचवां सबसे प्रदूषित शहर रहा। प्रदूषण को कम करने के लिए नोएडा अथॉरिटी की 10 और उत्तर प्रदेश पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (यूपीपीसीबी) की चार टीमें निगरानी कर रही हैं, इसके बाद भी कंस्ट्रक्शन साइट पर खुले में सामग्री पड़ी है। सड़कों पर धूल के गुबार अब भी देखे जा रहे हैं। कचरे को खुले में जलाया जा रहा है। इस कारण स्थिति खतरनाक होती जा रही है। ठंड के आगमन से पहले ही बढ़ते प्रदूषण ने स्थिति को चिंताजनक बना दिया है।
70 जगह निरीक्षण, 6 को नोटिस
ग्रैप-1 लागू होने के बाद नोएडा अथॉरिटी की टीम ने 70 जगहों पर निरीक्षण किया। इस दौरान छह कंस्ट्रक्शन साइट पर एंटी स्मॉग गन नहीं मिली और निर्माण कार्य किया जा रहा था। अथॉरिटी की टीम ने सभी को नोटिस देते हुए कुल 3.40 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यह कार्रवाई अथॉरिटी की टीम ने बीते 24 घंटों में की है।
तीन दिन में 35.40 लाख रुपये का जुर्माना
पॉल्यूशन बोर्ड की चार टीमें शहर में निरीक्षण कर रही हैं। टीम ने 12.60 लाख रुपये का जुर्माना किया है। यह कार्रवाई टीम ने 8 जगहों पर की। बीते तीन दिनों में टीम ने कुल 35.40 लाख रुपये का जुर्माना किया।