ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सोसायटी सुपरटेक ईकोविलेज1 के फ्लैट खरीदार खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। वजह है रजिस्ट्री, पजेशन समेत बुनियादी सुविधाओं का अभाव। फ्लैट बायर्स एसोसिएशन ने इसे लेकर बिल्डर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। एसोसिएशन ने एक पत्र जारी करके फ्लैट खरीदारों से आगे आने की अपील की है।
इको विलेज -1, ग्रेटर नोएडा वेस्ट के अंतर्गत आने वाली एक बड़ी सोसाइटी है। यहाँ करीब 8500 रिहायशी फ्लैट हैं। इसका निर्माण और रख-रखाव सुपरटेक लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। यह सोसाइटी ग्रेटर नोएडा वेस्ट की पहली सोसाइटी है जिसकी आधारशिला मार्च- 2010 में रखी गई थी।
बिल्डर के द्वारा लिखित में परियोजना पूर्ण करने की अवधि 15 महीने का दिया गया लेकिन सुपरटेक ने मार्च-2015 से फ्लैट का कब्ज़ा देना प्रारम्भ किया और 11 साल बाद अभी तक करीब 5000 फ्लैट का कब्ज़ा दिया जा चुका है और करीब 3500 फ्लैट का कब्ज़ा देना बाकि है, जिसकी वजह से आम मिडिल क्लास और गरीब खरीददार बहुत ही परेशान हैं । सुपरटेक की दो कंपनी है, पहली सुपरटेक लिमिटेड जो परियोजना निर्माण का कार्य देखती है और दूसरी, वाई जी एस्टेट्स के नाम से है जो रख रखाव का काम देखती है।
यहां 5000 परिवार यहाँ रह रहे हैं वो नियम के अनुसार बिल्डर को पूरा रख रखाव शुल्क दे रहे हैं, पर यहां रहने वाले लोगों को सुविधा के नाम पर कुछ नाम मात्र ही मिल पा रहा है। बिल्डर द्वारा मज़बूर परेशान खरीददार लोगों को झूठा आश्वासन देकर आधे अधूरे निर्माण में ही फ्लैट का कब्ज़ा दे दिया जा रहा है, जो कि मानक के अनुसार रिहायश के लिए कदापि उपयुक्त नहीं है ।
इस बिल्डर की कारगुजारियों की लम्बी फेहरिस्त है, यहाँ के निवासी सालों से फ्लैट का कब्ज़ा लेकर बाकि सुविधाओं के लिए जूझ रहे हैं। पूरा भुगतान बिल्डर को करने के बाबजूद भी पजेशन नहीं मिल पा रहा है।
1) निवासियों को फ्लैट का कब्ज़ा देते समय बिल्डर बायर समझौता का पालन नहीं किया जा रहा है और लोगों को बढाकर बकाया राशि बताई जा रही है। यहाँ फ्लैट खरीदने वाले अधिकतर निवासी मध्यम वर्गीय व निचले माध्यम वर्गीय परिवार से आते हैं और उन्हें बढे हुए डिमांड नोटिस भेजकर परेशान किया जा रहा है, ये प्रकरण सालों से चल रहा है ।
2) कई मल्टीस्टोरी टावरों में निवासियों को झूठा आश्वासन देकर फ्लैट का कब्ज़ा दे दिया पर अभी तक ज़रूरतन, पर्याप्त संख्या में लिफ्ट तक नहीं लगी है। लोग परेशान होकर बिल्डर को पार्थना कर रहे हैं, लेकिन बिल्डर पिछले पांच सालों से तारीख पर तारीख देता आ रहा है। अक्सर लिफ्ट नहीं होने के बजह से महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यहाँ तक कि 18-19 फ्लोर तक बच्चे, बुज़ुर्गों व महिलाओं को सीढ़ी से ही आना, जाना पड़ता है।
3) बहुत से टावरों में लोग सालों से रह रहे हैं लेकिन वहां रहने वाले परिवार की सुरक्षा ईश्वर के हाथ में है क्योंकि अभी तक अग्नि शमन यंत्र व अलार्म सिस्टम नहीं लगा है या फिर काम नहीं कर रहा है। सुपरटेक को इस बाबत हमलोग/ रेसिडेंट्स कई बार गुहार लगा चुके हैं, व लगाते रहते हैं, मगर सुपरटेक इस अहम् समस्या को भी नजरअंदाज कर किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है।
4) आज तक करीब 5000 परिवार को कब्ज़ा देने के बाद भी बेसमेंट पार्किंग की समस्या विकराल रूप लेती जा रही है। लोग सड़क पर गाड़ियों को लगाने के लिए मजबूर हैं, क्योंकि सुपरटेक फ्लैट का कब्ज़ा आधी अधूरी सुविधा के साथ देती है पर पार्किंग पर गंभीरता नहीं दिखाती। सुपरटेक से इस बाबत हमलोग/ रेसिडेंट्स कई बार गुहार लगा चुके हैं, लेकिन सुपरटेक इस अहम् समस्या को भी नजरअंदाज कर रहा है जिसके कारण हम सभी निवासियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
5) बेसमेंट की हालत इतनी ख़राब है की इसकी तुलना हम नर्क से कर सकते हैं, जगह जगह कूड़े का ढेर और पानी का जमाव है, जिसके बजह से यहाँ के निवासियों पर हमेशा गन्दगी व मच्छर जनित महामारी फैलने का खतरा मंडरा रहा है। सुपरटेक से बेसमेंट की सफाई ,बिजली की समुचित बयवस्था ,पार्किंग के विकास को लेकर हमलोग/ रेसिडेंट्स कई बार गुहार लगा चुके हैं, लेकिन सुपरटेक इस अहम् समस्या को भी नजरअंदाज कर रहा है जिसके कारण हम सभी निवासियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
6) कई टावरों में अभी तक बिजली कंट्रोल पैनल की स्थापना नहीं हुई है और वैकल्पिक अंडर कैपेसिटी केबल लगा रखा है, जिसको बदलने व दुरुस्त करने के लिए हमने बिल्डर और फैसिलिटी टीम से कई बार गुहार लगाई, इस केबल को बदलने का कार्य भी अधूरा है, जिसकी वजह से वोल्टेज फ्लक्चुएशन और लोड ट्रिपिंग की समस्या लगातार रहती है। कई निवासियों को इस बजह से अपने फ्लैट के बिजली उपकरण ख़राब हो जा रहे हैं और आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है, साथ ही फ्लैट व टावर में बिजली से आग लगने की समस्या निरंतर बनी रहती है ।
7) टावरों और बेसमेंट में कई जगह खुले हुए बिजली के केबल पड़े हुए हैं, कई जगह केबल ट्रे की जगह बिजली के केबल तार से बांध कर लटकाये हुए हैं। सुपरटेक से इस बाबत हमलोग कई बार गुहार लगा चुके हैं, लेकिन सुपरटेक इस अहम् समस्या को भी नजरअंदाज कर रहा है, जिसके कारण हम सभी निवासियों को किसी बड़े हादसे का भय हमेशा लगा रहता है।
8) सुपरटेक बिल्डर से निवासियों के द्वारा कई बार गुहार लगाने के बाद भी पूरी सोसाइटी के एक्सपेंशन जॉइंट भरने का कार्य, बेसमेंट वेंटीलेटर शाफ़्ट कवर करने का कार्य और ड्रेनेज पाइप लाइन ग्राउटिंग का कार्य अभी भी अधूरा है, जिसके बजह से आये दिन बेसमेंट में पानी भर जाता है। जगह जगह पर बड़े बड़े होल होने के बजह से किसी के गिरने की संभावना बनी रहती है। मजबूरन, बच्चों के खेलने के लिए पर्याप्त स्थान न होने की वजह से हमारे बच्चे इन स्थानों पर भी खेलते हैं, जिससे किसी बड़े हादसों का खतरा निरंतर बना रहता है।
9) आज तक करीब 5000 परिवारों को कब्ज़ा देने के बाद भी अभी तक सभी फ्लैटों में इंटरकॉम की स्थापना का कार्य अधूरा है। प्रत्येक फ्लैट में इंटरकॉम के लिए तीन स्थान का प्रोविजन है पर किसी फ्लैट में अभी तक ये व्यवथा नहीं की गई है।
10) सिक्योरिटी की समस्या हम सब को आये दिन झेलनी पड़ती है, बीते दिनों यहाँ चोरी की कई घटनाएँ हो चुकी है। सिक्योरिटी गार्ड सुरक्षा मानक के अनुसार नहीं हैं। हमलोगों के लगातार प्रयास और कई बार बिल्डर को अवगत करने के बाबजूद भी कोई सुधार नहीं है।
11) फैसिलिटी टीम, जो यहाँ के रख रखाव का कार्य देखती है, समयबद्ध तरीके से, लोगों की समस्याओं का निदान नहीं कर पा रही है। कई बार समस्या का निदान हुए बिना ही समस्या का हल हो गया दिखा दिया जाता है। इंफ्रास्ट्रक्चर की भारी कमी है। जितने लोग जब १००० परिवार रह रहे थे उतने ही लोग से मैंटेनैंस का काम करवा रहे हैं जबकि यहाँ रहने वाले परिवारों की संख्या 5000 के पार चली गई है।
12) रख रखाव की समस्या इतनी गंभीर है की कूड़े का निस्तारण, बागवानी, सफाई, बिजली, पानी इत्यादि जैसे कॉमन समस्याओं को लेकर हमलोग प्रतिदिन जूझते रहते हैं।
13) इसके अलावा बहुत सारी ऐसी समस्या है, जिससे आये दिन दो चार होना पड़ता है, जैसे
· टावर व फ्लैट में सीपेज,
टूटी हुई टाइल,
टावर शाफ़्ट कवर नहीं होना,
टावर के छत की वाटर प्रूफिंग न होना,
पाइप लाइन की पेंटिंग,
टावर के अंदर छोटे छोटे कार्य
जो यहां रहने वाले लोगों की समस्या को बढ़ा रहे है और टावर की आयु घटा रही है।
14) पूरी सोसाइटी में एक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट है जो बंद रहता है, सीवेज का सारा मलबा व पानी ओवरफ्लो होकर बेसमेंट में गिरता रहता है, जिसके बजह से बेसमेंट में खड़ा रहना दूभर होता है और बदबू टावरों के रिसेप्शन, फ्लैट व आम रास्तों पर बहुत आतीं है । इस बाबत कई बार हमलोगों ने अथॉरिटी और सुपरटेक में गुहार की पर अभी तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई। इस वजह से गंभीर बिमारियों का खतरा निरंतर बना रहता है।
15) पूरी सोसयटी में अनगिनत बहुत से टावरों के सामने व खुले स्थानों में जहाँ कि ग्रीन लैंडस्केपिंग एरिया होना चाहिए जैसा की सोसायटी के अथॉरिटी एप्रूव्ड मैप में विदित है, बिल्डर ने ऐसे एरिया को ओपन कार पार्किंग के लिए अतिक्रमण कर रखा है जो कि NGT की गाइडलाइन का खुला उल्लंघन है। वैसे ही ग्रीन एरिया का सोसायटी में अभाव है एवं इस अतिक्रमण की वजह से रही सही ग्रीन एरिया को सोसायटी के बिल्डर प्रोजेक्ट व फैसिलिटी टीम ने समाप्त कर रखा है।
16) आपके संज्ञान में लाना चाहेंगे की सुपरटेक बिल्डर और इनकी फैसिलिटी टीम ने, हमारे खून पसीने की कमाई से दिए हुए पैसों से बने हुए सोसायटी के क्लब को भी बहुत सालों से परमानेंट किराए पर दे रखा है, जिससे कि लाखों रुपये की गैरकानूनी आमदनी करता है, विदित हो कि ऐसी कोई दूकान रिहायश एरिया व लोगों के क्लब में चलाना बिलकुल गैरकानूनी है, यह क्लब आम लोगों की सुविधा और बच्चों के लिए बनाया गया हैं, जिसका बिल्डर जबरन अतिक्रमण करके बैठा है। इस क्लब का आम रेसिडेंट्स के लिए खाली होना अत्यंत आवश्यक है जो की नागरिकों के पैसे से ही बना है। हमारे अनगिनत प्रयासों के बावजूद भी बिल्डर अपने निजी गैरकानूनी लालच के चक्कर में इस क्लब को खाली नहीं करवा रहा ।
17) NPCL के गाइड लाइन के बाबजूद बिजली बिल मेंटेनन्स चार्जेज के साथ देना सरासर गलत है। काफी बोलने और मीटिंग में बार बार कहने के बाबजूद बिजली बिल को अलग नहीं किया जा रहा है। हमें हर हाल में बिजली बिल को मेंटेनन्स चार्जेज से अलग करना होगा।
18) क्लब में कोई निवासी अपना फंक्शन करता है तो साफ सफाई के नाम पर 5000 रूपये की वसूली की जाती है जो न्यायसंगत नहीं है। किस प्रकार निवासियों का दोहन हो रहा है इसका जीता जागता उदाहरण सामने है। क्लब मेम्बरशिप के लिए अलग से एकमुश्त पैसा दिया और फिर उसका प्रयोग करने पर निवासियों से पैसा वसूलना कहाँ से तर्कसंगत है?
19) जो 5000 परिवार यहाँ रह रहे हैं वो सुपरटेक लिमिटेड को पूरा भुगतान करने के बाबजूद कई सालों से अपने टावर की ओसी ,सीसी और फ्लैट की रजिस्ट्री के लिए सालों से इंतजार कर रहे है। इसमें जो अभी तक करीब 5000 फ्लैटों का कब्ज़ा मिला है उसमे करीब 1100 फ्लैटों का ही अब तक पंजीकरण हुआ है और करीब 3900 फ्लैटों का पंजीकरण होना बाकी है। इस बाबत कई बार बिगत चार सालों में यहाँ के निवासी सुपरटेक, प्राधिकरण, जन प्रतिनिधि, प्रशासन और सरकार से गुहार लगाते रहे हैं, कई बार ध्यानाकर्षण हेतु धरना और शांतिपूर्ण प्रदर्शन भी कर चुके है व कर रहे हैं, कई बार सुपरटेक और प्राधिकरण से इस सन्दर्भ में मीटिंग भी हुई लेकिन आज तक इसका कोई ठोस और कारगर निदान नहीं निकला। अवगत हो कि यहाँ रहने वाले ज्यादातर निवासी मध्यमवर्गीय व निचले मध्यमवर्गीय परिवार से आते हैं, अभी तक उनके फ्लैट की रजिस्ट्री नहीं होने के बजह से वो बैंकों को उच्चतम दर पर ब्याज देने को मज़बूर हैं। यहाँ कोई भी सरकारी/ प्राइवेट बैंक लोन नहीं दे रहा है या रजिस्ट्री न होने की वजह से लोन किसी दूसरे बैंक में शिफ्ट कर रहा हैं, जिसकी वजह से प्रॉपर्टी का रेट यहाँ न्यूनतम स्तर पर है। यहाँ के निवासियों को भारी आर्थिक नुकसान सहना पड़ रहा है। प्राधिकरण के बकाया राशि का भुगतान सुपरटेक के द्वारा नहीं किये जाने पर आखिर सरकार और प्रशासन का रवैया लचीला क्यों है।
अब समय आ गया है की एक एसोसिएशन का निर्माण कर हम सभी एक साथ अपने हक़ की लड़ाई लड़ें। आप सभी से अनुरोध है की कुछ समय अपने फ्लैट ,अपने टावर ,अपने समाज और अपने बेहतर कल के लिए जरूर निकालें क्योंकि एकता में ही बल मिलेगा और मुमकिन है की अच्छे socitey के निर्माण के दौरान सभी के बेहतर भविष्य का फूल खिलेगा। सभी एक साथ आएं और इस हक़ की लड़ाई को आगे बढ़ाएं।