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Supertech: सुपरटेक के फ्लैट ख़रीदारों पर बड़ा ग्रहण !

ग्रेटर नोएडा- वेस्ट दिल्ली NCR नोएडा
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Supertech ग्रुप के फ्लैट खरीदार यह खबर जरूर पढ़ लें

Noida News: सुपरटेक ग्रुप (Supertech Group) के फ्लैट खरीदारों के लिए यह खबर बिलकुल भी अच्छी नहीं है। आपको बता दें कि राष्ट्रीय कंपनी अधिनियम अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) ने सुपरटेक ग्रुप के उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, कर्नाटक और हरियाणा में रुकी हुई 16 परियोजनाओं को पूरा करने की जिम्मेदारी दिसंबर में नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कंपनी (NBCC) को सौंप दी है। इन परियोजनाओं का निर्माण कार्य एनबीसीसी (NBCC) को 12 से 36 महीने में पूरा करना होगा, जिसको पूरा करने में 9945 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। परियोजनाओं के पूरा होने से टोटल 49,748 फ्लैट खरीदारों को उनका घर मिल जाएगा। इस आदेश पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने रोक लगा दी है।
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आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने नए सिरे से सुपरटेक और दूसरी कंपनियों से 16 प्रोजेक्टों को पूरा करने के लिए प्रस्ताव मांगे हैं। सुपरटेक (Supertech) ने दावा किया है कि वह 12 से 24 महीने में 20 हजार से ज्यादा लोगों को उनका आशियाना दे देगा, जिसका प्रस्ताव उसके पास तैयार है। आपको बता दें कि 12 दिसंबर 2024 को एनसीएलएटी ने सभी प्रोजेक्टों को पूरा करने की जिम्मेदारी एनबीसीसी को दी थी। सभी औपचारिकता पूरी करने के साथ मई में एनबीसीसी को काम शुरू करना था। एनबीसीसी को यह काम 12 से 36 महीनों के अंदर पूरा करना था।

खास बात यह थी कि इसके लिए बायर्स को सिर्फ वहीं पैसा देना होता जो बिल्डर पर उसका बकाया है। लेकिन इन प्रोजेक्ट में बनने वाले फ्लैट (Noida Flat) का अधिकांश पैसा बायर्स बिल्डर को दे चुके है। इन प्रोजेक्ट में नोएडा (Noida), ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) और यमुना विकास के लगभग 20 से 25 हजार बायर्स है।

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इन परियोजनाओं में शुरू होना था काम

इको विलेज-3
ग्रीन विलेज
हिलटाउन
स्पोर्ट्स विलेज
इकोविलेज
नाथ आई
अपकंट्री
इको विलेज-1
मेरठ स्पोर्ट्स सिटी
इको सिटी
अरावली
रिवर फ्रेंष्ट
केपटाउन परियोजना शामिल थी।

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एस्क्रो अकाउंट से होगा निर्माण खर्च

एनसीएलएटी ने सुपरटेक की इन रुकी हुई परियोजनाओं को पूरा करने के लिए एनबीसीसी को विस्तृत योजना बनाने का अधिकार दिया था। इससे पहले कंपनी को एक एस्क्रो अकाउंट खोलना होगा। यह अकाउंट नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कंपनी (एनबीसीसी) और इनसाल्वेंसी रीजोल्यूशन प्रोफेशनल (आइआरपी) दोनों की देखरेख में रहेगा। इसी खाते से पैसा निर्माण में खर्च किया जाना था।