Sonia Gandhi Letter: कांग्रेस संसदीय दल की चेयरपर्सन सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने रायबरेली के लोगों को इमोशनल पत्र लिखी है। इसमें उन्होंने कहा है कि दिल्ली में मेरा परिवार अधूरा है। रायबरेली (Raebareli) आकर मेरा परिवार पूरा होता है। उन्होंने रायबरेली से अपनी भावनाओं का जिक्र किया है। रायबरेली सीट छोड़ने के कारणों का भी जिक्र सोनिया ने अपने पत्र (Letter) में किया है। पढ़िए पूरी खबर…
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उत्तर प्रदेश के रायबरेली से सांसद सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने अपने संसदीय क्षेत्र के लोगों को इमोशनल पत्र लिखी है। बता दें कि सोनिया गांधी ने बीते बुधवार को जयपुर पहुंचकर राज्यसभा की सदस्यता के लिए नामांकन दाखिल किया है। ऐसे में रायबरेली संसदीय सीट छोड़ने की चर्चा तेज हो गई है।
साल 2019 में ही लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के दौरान सोनिया गांधी ने अगला चुनाव न लड़ने की घोषणा की थी। अब वे राज्यसभा के जरिए अपनी राजनीति को आगे बढ़ाएंगी। ऐसे में उन्होंने पत्र लिखकर रायबरेली के प्रति अपनी भावनाओं का इजहार किया है। पत्र लिखा में उन्होंने रायबरेली की जनता से भावुक अपील करते हुए परिवार को संभाल लेने की बात कही है।
सोनिया ने अपने पत्र में क्या लिखा?
14 फरवरी को लिखे अपने पत्र में सोनिया ने कहा कि रायबरेली (Raebareli) के साथ हमारे परिवार के रिश्तों की जड़ें बहुत गहरी हैं। आजादी के बाद हुए पहले लोकसभा चुनाव में आपने मेरे ससुर श्री फीरोज गांधी जी को यहाँ से जिताकर दिल्ली भेजा। उनके बाद मेरी सास इंदिरा गांधी जी को आपने अपना बना लिया। तब से अब तक, यह सिलसिला जिंदगी के उतार-चढ़ाव और मुश्किल भरी राह पर प्यार और जोश के साथ आगे बढ़ता गया और इस पर हमारी आस्था मजबूत होती चली गई।
इंदिरा ने पत्र में लिखा राजीव गांधी की हत्या का जिक्र
रायबरेली की जनता को लिखे गए पत्र में सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने अपनी सास इंदिरा गांधी और पति राजीव गांधी की हत्या का भी जिक्र किया। साथ ही, मोदी लहर को भी संकेतों में बताश है। पत्र में उन्होंने लिखा है कि सास और जीवनसाथी को हमेशा के लिए खोकर मैं आपके पास आई। आपने अपना आंचल मेरे लिए फैला दिया। पिछले दो चुनावों में विषम परिस्थितियों के बाद भी आप एक चट्टान की तरह मेरे साथ खड़े रहे। मैं यह कभी भूल नहीं सकती। यह कहते हुए मुझे गर्व है कि आज मैं जो कुछ भी हूं, आपकी बदौलत हूं। मैं इस भरोसे को हरदम निभाने की हरदम की है।
उन्होंने लिखा की अब स्वास्थ्य और बढ़ती उम्र के चलते मैं अगला लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) नहीं लडूंगी। इस निर्णय के बाद मुझे आपकी सीधी सेवा का अवसर नहीं मिलेगा, लेकिन यह तय है कि मेरा मन-प्राण हमेशा आपके पास रहेगा। मुझे पता है कि आप भी हर मुश्किल में मुझे और मेरे परिवार को वैसे ही संभाल लेंगे जैसे अब तक संभालते आये हैं।