ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सोसायटी सुपरटेक इकोविलेज-1 में रजिस्ट्री, पजेशन समेत दूसरी बुनियादी सुविधाओं को लेकर फ्लैट खरीदार अब आर-पार के मोड में आ गए हैं। इकोविलेज 1 के निवासियों ने यहां की बदहाल स्थिति से दो दिन पहले माननीय विधायक श्रीमान तेजपाल नागर जी को अवगत कराया था जिसपर विधायक जी ने समस्याओं को लेकर अथॉरिटी और सुपरटेक के साथ निवासियों की मीटिंग कराकर समस्याओं के निराकरण का भरोसा दिया था। इसी संदर्भ में शुक्रवार को ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में सुपरटेक बिल्डर और अथॉरिटी के अधिकारी के साथ जनप्रतिनिधि श्रीमान दीपक यादव जी के मौजूदगी में ईको विलेज 1 निवासियों की मीटिंग हुई जिसमे कुछ अहम समस्या पर चर्चा हुई एवम इसके निस्तारण के लिए समयबद्ध तरीके से अथॉरिटी अधिकारियों द्वारा संज्ञान लिया गया।
निवासियों द्वारा उठाई गई मुख्य समस्या पर अथॉरिटी ने गंभीरता से संज्ञान लेते हुए बिल्डर को इसके निवारण के लिए निर्देशित किया
1) बिजली इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास और NPCL द्वारा मल्टी प्वाइंट कनेक्शन पर तत्काल कार्यवाही हो
2) जिन टावरों की ओसी सीसी हो गई है उसके रजिस्ट्री तत्काल कराई जाय और जिन टावरों की ओसी सीसी अभी नहीं मिली है उसके लिए बिल्डर तत्काल अप्लाई कर रजिस्ट्री कराए।
3) दूसरे STP का निर्माण और जल्द ट्रीटमेंट आरंभ किया जाए ताकि पहले STP से ओवर फ्लो रोका जा सके और बेसमेंट में फैल रही बदबू से राहत मिल सके।
4) क्लब की जगह स्कूल खोलने के बिल्डर की कार्यवाही पर तत्काल रोक लगे एवम निवासियों के सुविधा के लिए उस जगह को उपलब्ध कराया जाए।
5)अग्नि शमन यंत्र,फायर अलार्म सिस्टम,स्मोक डिटेक्टर का ऑडिट कराकर जल्द से जल्द सभी टावर और कौमन एरिया में खामियों को दुरुस्त कराया जाए।
6)4300 KW का बिजली भार स्वीकृत कराकर करीब 14000 KW का निवासियों से फिक्स चार्ज वसूलना बंद किया जाए एवम पहले वसूले गए पैसे को निवासियों को वापिस किया जाए। कूपन चार्ज को बंद किया जाए।
7)क्लब में फंक्शन करने के नाम पर निवासियों से 5000 रुपया वसूला जाता है जबकि निवासियों के अनुसार एग्रीमेंट में आजीवन क्लब मेंबर शिप दी हुई है जो तत्काल प्रभाव से बंद होनी चाहिए।
8) निवासियों का कहना था की GNIDA के बेब साइट पर बिल्डर के द्वारा 1.5 रुपया + सर्विस टैक्स लेने की बात कही गई थी फिर ये 2 रुपया + जीएसटी निवासियों से मेंटेनेंस चार्ज क्यों वसूल रहा है। प्रारंभ से लेकर अभी तक वसूले गए पैसे को बिल्डर तत्काल वापिस करे।
9) स्ट्रक्चरल ऑडिट के लिए बिल्डर को नोटिस दिया जाए ताकि तत्काल बाकी बचे टावरों की ओसी अप्लाई हो सके और निवासियों को सुरक्षित महसूस हो सके।
10) बिल्डर हर कार्य का ठीकरा IRP पर फोड़ता है।किसी भी कार्य को न करने का दोषी बिल्डर IRP को बनाता है। सरकारी विभाग ये कहकर पल्ला झाड़ लेती है की बिल्डर NCLT में है जबकि IRP सिर्फ सुपरटेक ईको विलेज 2 के लिए है।अथॉरिटी के अधिकारी सौम्या श्रीवास्तव जी ने तत्काल निर्देशित किया की IRP को पत्र लिखकर इसपर ज़बाब मांगा जाए।
अथॉरिटी अधिकारियों ने निवासियों को आश्वस्त किया की उपरोक्त मुद्दों पर गंभीरतापूर्वक कार्यवाही होगी।उन्होंने STP और तमाम कमियों के निरीक्षण के लिए टीम भेजने के लिए निर्देशित किया तथा सुपरटेक को भी सख्त हिदायत दी की इन समस्याओं के निवारण का तत्काल प्रबंध करें । अधिकारियों ने निवासियो से 28 मार्च को प्रोग्रेस रिव्यू मीटिंग करने का वादा किया है एवम बिल्डर को उपरोक्त समस्याओं के हल पर तैयारी कर आने को निर्देशित किया है।
निवासियों द्वारा हर स्तर पर प्रयास किया जा रहा है।अगर जल्द निवारण नहीं हुआ तो निवासी चक्का जाम और कोर्ट में जाने की बात पर अड़े है।