Second Hand Car खरीदने से पहले यह खबर जरूर पढ़िए
Noida News: अगर आप भी सेकंड हैंड कार (Second Hand Car) खरीदने की सोच रहे हैं तो यह खबर जरूर पढ़ लीजिए। आपको बता दें कि सेकंड हैंड कार खरीदते समय आपकी एक छोटी सी लापरवाही लाखों रुपए का नुकसान करा सकती है। जिस सेकंड हैंड गाड़ी (Second Hand Car) को आप खरीदने जा रहे हैं वह गाड़ी चोरी की भी हो सकती है। नोएडा सेक्टर 63 (Noida Sector 63) थाने की पुलिस ने एक ऐसे ही गैंग का पर्दाफाश किया है। यह गैंग चोरी की गाड़ियों के चेचिस और इंजन नंबर बदलकर उसे CARS-24 ऐप पर बेच देते थे और गाड़ी पर किसी और गाड़ी की नंबर प्लेट लगाते थे। इस प्रकार सड़क पर एक ही नंबर की दो गाड़ियां दौड़ने लगती थीं।
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नोएडा की सेक्टर 63 थाना पुलिस ने कार को चोरी कर क्लोनिंग करने वाली एक गैंग का खुलासा किया है। नोएडा पुलिस ने 4 आरोपियों को चोरी की 7 लग्जरी गाड़ियों सहित गिरफ्तार कर लिया है। बरामद की गई गाड़ियों की कीमत करीब 1 करोड़ 20 लाख रुपये बताई जा रही है। आरोपियों ने CARS-24 ऐप पर लोगों को चोरी की कारों की ब्रिकी की थी। पुलिस पकड़े गए आरोपियों के अन्य साथियों की तलाश करने में जुटी है।
जानिए कार क्लोनिंग क्या है
आपको बता दें कि कार क्लोनिंग (Car Cloning) एक अवैध प्रक्रिया है। जिसमें अपराधी कानूनी रूप से रजिस्टर्ड वाहन की पहचान चुरा लेते हैं या उसकी नकल कर लेते हैं। यह ज्यादातर चोरी किए गए वाहनों की पहचान छिपाने के लिए किया जाता है। अपराधी रजिस्ट्रेशन प्लेट चुराते हैं या फिर सेम प्लेट बनवाकर किसी दूसरे वाहन पर लगा देते हैं। वहीं आरोपी चोरी की कार का चेसिस नंबर और इंजन नंबर में भी बदलाव करते हैं। एक बार क्लोन बना लेने के बाद आरोपी उस चोरी के वाहन को बेचने या अन्य अपराधों में उपयोग करते हैं।
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अगर आपकी कार क्लोन की गई है तो क्या करें
अगर आपको शक है कि आपकी कार की क्लोनिंग हुई है और आप पर किसी अपराध का आरोप लगाया गया है, तो पहले उस व्यक्ति या संगठन से संपर्क करें जिसने जुर्माना जारी किया है। उन्हें अपनी स्थिति समझाएं जिससे वे आपके मामले को आगे न बढ़ा सकें। इसके तुरंत बाद स्थानीय पुलिस को सूचना दें और सभी आवश्यक जानकारी दें। जिससे पुलिस मामले की जांच कर कार्रवाई कर सकें।
सेकंड हैंड कार ख़रीदते समय बरतें सावधानियां
अगर आप पुरानी कार खरीदने की सोच रहे हैं तो खुद को धोखाधड़ी से बचाने के लिए कुछ बातो का ध्यान जरूर रखना चाहिए। कार खरीदते समय विक्रेता से कार का रजिस्टर्ड नंबर, ब्रांड और मॉडल पूछें और ऑनलाइन सेवा से इनकी पुष्टि करें। साथ ही यह भी चेक करें कि वाहन के रजिस्ट्रेशन नंबर, चेसिस नंबर और इंजन नंबर आदि सभी गाड़ी के कागजों से मेल खाते हों। कार खरीदते समय हमेशा विक्रेता से फोटो पहचान पत्र जैसे ड्राइविंग लाइसेंस, आधार कार्ड, वोटिंग कार्ड या पासपोर्ट आदि दिखाने के लिए जरूर कहें। पहचान पत्र पर दिया गया पता कार के विक्रेता के पते से मिलना चाहिए। गाड़ी खरीदने के तुरंत बाद गाड़ी को अपने नाम कराना चाहिए। अगर कार नाम नहीं हो रही है तो इसकी शिकायत पुलिस से करें।