अगर आपके बच्चे को अभी तक कोरोना वैक्सीन नहीं लगी है, तो भी आपको घबराने की जरूरत नहीं है। एक स्टडी के मुताबिक बच्चों की इम्यून पावर ज्यादा होने से कोरोना उन्हें ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा पाता। हालांकि फिर भी आपको पूरी तरह से सतर्क और सावधान रहना है।
भारत में अभी 15-18 साल के बच्चों के लिए वैक्सीनेशन प्रोग्राम शुरू हुआ है। छोटे बच्चों के लिए अभी भी देश में कोई वैक्सीन मौजूद नहीं है। बावजूद इसके आप छोटे एहतियात अपनाकर अपने मासूम को कोरोना से बचा सकते हैं। इसके लिए आपको इन लक्षणों को जानना बेहद जरूरी है
1. खांसी और गले में खराश
खेलने कूदने और बदलते मौसम की वजह से बच्चे अक्सर एलर्जी का शिकार हो जाते हैं, खांसी, गले में खराश कोरोना के शुरुआती लक्षणों में से एक है। ऐसे में बच्चे को फौरन डॉक्टर की सलाह के बाद ही दवाएं शुरु करनी चाहिए।
2. नाक से पानी आना
कई बच्चों में नाक बहने जैसे लक्षण भी दिखते हैं। जिससे बच्चे नाक में खुजली, नाक का बंद होना या सूंघने की शक्ति का जाने का भी अनुभव करते हैं।
3. थकान और बदन में दर्द
शरीर के अलग अलग हिस्सों में दर्द कोरोना के अहम लक्षणों में से एक है। डॉक्टर का भी सुझाव है कि वायरस के कारण होने वाली सूजन छोटे बच्चों में भी इसी तरह के लक्षण पैदा कर सकती है। जिससे बच्चे थके-थके, और नींद से भरे नजर आते हैं। और चिड़चिड़े या फिर रोने जैसा व्यवहार करते हैं। अगर आपको भी अपने बच्चे में ऐसा कुछ लक्षण दिखे तो फौरन डॉक्टर की सलाह लें।
4. बुख़ार
जब बच्चे कोविड-19 से संक्रमित होते हैं, तो उन्हें तेज बुखार होता है। वैसे तो बुख़ार आने के और भी कई कारण हो सकते हैं, लेकिन कोरोना होने पर बुख़ार के साथ ठंड लगना, शरीर में दर्द और थकावट हो सकती है। बच्चों के ज़्यादातर मामलों में बुख़ार 2 से 3 दिनों तक रहता है। लेकिन कई बार ये लंबा खींच जाता है। ऐसे हालात में डॉक्टर की सलाह बेहद जरूरी है।
5. उल्टी/दस्त और पेट में दर्द
गंभीर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल के लक्षण भी कोविड संक्रमण से जुड़े हुए हैं। बच्चों में दस्त, पेट में दर्द, मुंह में छाले जैसे हो सकते हैं। इसकी वजह से बच्चों को भूख लगना बंद हो सकती है, कमज़ोरी, पेट ख़राब, या खाना निगलने में दिक्कत आ सकती है।
6. त्वचा पर लाल चकत्ते
कई मामलों में त्वचा संबंधी लक्षण भी कोविड-19 संक्रमण से जुड़े पाए गए। बच्चों में गंभीर संक्रमण भले ही न हो, लेकिन उनमें शुरुआती दिनों में होने वाली सूजन के संकेत देखे जा सकते हैं। उनकी त्वचा का लाल होना, फफोले, चकत्ते, खुजली हो सकती है, साथ ही आंखों का लाल होना, आंखों में खुजली या फिर सूजन के रूप में देखा जा सकता है। अगर बच्चे के होंठ हल्के नीले दिखें या त्वचा का रंग बदलता दिखे, तो फौरन डॉक्टर को दिखाएं।
थोड़ी सी सावधानी रखकर आप भी अपने बच्चे को कोरोना से बचा सकते हैं।
बेवजह बच्चों को घर से ना निकलने दें
बच्चों को बेवजह घर से बाहर न निकलने दें। उन्हें मास्क लगाने और हाथों को बार-बार साबुन-पानी से धोते रहने को कहें। उन्हें साफ-सफाई और हाइजिन के बारे में जरूर बताएं। बाहर से आते ही उन्हें हाथ-पैर और मुंह अच्छी तरह से धोने को कहें।
बच्चों की डाइट पर भी दें ध्यान
बच्चों में कोरोना संक्रमण का खतरा कम करने के लिए उन्हें रोजाना गुनगुना पानी पीने को दें। और साथ ही रात में सोने से पहले उन्हें हल्दी वाला दूध पिलाएं, क्योंकि इससे वायरल संक्रमण से लड़ने में मदद मिलती है। बच्चों को ठंडी चीजें जैसे आइसक्रीम, कोल्डड्रिंक बिल्कुल भी नहीं खाने दें। इसकी जगह पर उन्हें खट्टे फलों का सेवन करने को कहें, इससे इम्यूनिटी मजबूत होती है। साथ ही उन्हें जितना हो सके हरी और ताजी सब्जियां खिलाएं।
इंडियन काउंसिल फ़ॉर मेडिकल रिसर्च यानी आईसीएमआर ने फ़रवरी 2021 की अपनी सीरो रिपोर्ट में कहा था कि 25.3 फ़ीसदी बच्चों में वायरस के एंटीबॉडी मौजूद थे। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो 25.3 फ़ीसद बच्चों को कोरोना संक्रमण हो चुका है.
हाल में ब्रिटेन (Britain) में किए गए एक स्टडी में पाया गया कि लगभग चार प्रतिशत छोटे बच्चों और किशोरों में संक्रमित होने के एक महीने से अधिक समय बाद तक कोरोना के लक्षण देखे गए। इन लक्षणों में थकान, सिरदर्द और सूंघने की शक्ति का चले जाना शामिल था। अधिकतर लक्षण दो महीने बाद खत्म हो गए। खांसी, सीने में दर्द और ब्रेन फॉग (याद करने की शक्ति कम हो जाना या ध्यान केंद्रित न कर पाना) अन्य दीर्घकालिक लक्षणों में से हैं जो कभी-कभी बच्चों में भी पाए जाते हैं, और हल्के संक्रमण या कोई प्रारंभिक लक्षण नहीं होने के बाद भी हो सकते हैं.
Disclaimer: (लेख में सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं। किसी भी सुझाव के लिए डॉक्टर की सलाह जरूर लें।)
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