Up News: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने आवासीय व व्यावसायिक निर्माण कराने के लिए मानचित्र (Map) स्वीकृत को लेकर नियमों में बड़ा फेरबदल कर दिया है। अब निर्माण (Construction) का शुल्क 1 माह में नहीं जमा करने पर नक्शा निरस्त होगा। पढ़िए पूरी खबर…
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उत्तर प्रदेश में मकान और दुकान (House and Shop) का नक्शा पास करने की नियमावली में बड़ा बदलाव किया गया है। शासन स्तर से मानचित्र पॉलिसी में बदलाव करते हुए शुल्क जमा कराए जाने से लेकर आपत्तियों के निस्तारण के लिए समय सीमा तय कर दी गई। अब आवेदन किए गए मानचित्र पर प्राधिकरण से लगाई गई। आपत्ति का 15 दिन में निस्तारण कराना होगा।
वहीं मानचित्र शुल्क भी एक माह में जमा करना होगा। अब तक इसके लिए कोई भी अंतिम तिथि निर्धारित नहीं थी। जिसके चलते महीनों तक मानचित्र लंबित पड़े रहते थे। सुनियोजित विकास की जिम्मेदारी प्राधिकरण की होती है।
विकास प्राधिकरण महायोजना-2021 के अनुसार
अलीगढ़ (Aligarh) विकास प्राधिकरण महायोजना-2021 के अनुसार मानचित्र स्वीकृत करता है। किसी भी भवन निर्माण के लिए आवेदक को ऑनलाइन आवेदन करना होता। जिसके बाद प्राधिकरण के अलग-अलग पटलों पर इसकी जांच होती है। कोई भी आपत्ति लगने पर आवेदन को इनका निस्तारण कराना होता है। इसके बाद मानचित्र स्वीकृति का आदेश जारी कर संबंधित आवेदक को फीस जमा करने के निर्देश दिए जाते हैं।
15 दिन का समय निर्धारित किया गया
अब तक मानचित्र स्वीकृति के बाद फीस जमा (Fee Deposit) करने की कोई भी अंतिम तिथि निर्धारित नहीं थी। इसके चलते महीनों-महीनों तक मानचित्र लंबित पड़े रहते थे। अब ऐसा नहीं होगा। अब आपत्ति निस्तारण के लिए भी 15 दिन का समय निर्धारित किया गया है। अगर आर्किटेक्ट व आवेदक इस अवधि में निस्तारण नहीं करते हैं तो फिर अपने आप ही नक्शा निरस्त हो जाएगा।
बिल्डरों पर प्रभाव पड़ेगा
शासन स्तर से मानचित्र स्वीकृति पॉलिसी में किए गए बदलाव का सबसे ज्यादा असर बिल्डरों (Builders) पर आएगा। बता दें कि बड़े बिल्डर किश्तों में मानचित्र स्वीकृति का शुल्क जमा करते हैं। अब नई पॉलिसी के अनुसार 1 महीने में पूरी फीस जमा करनी होगी।
शासन स्तर से भवन निर्माण (Building Construction) व विकास उपविधि में भी संशोधन किया गया है। इसके अनुसार 12 मीटर चौड़े मार्ग पर भी अब गेस्ट हाउस के नक्शे पास हो सकेंगे। अब तक 22 मीटर चौड़े मार्ग पर ही स्वीकृति होती थी।
1 माह में पूरा शुल्क जमा करना होगा
वीसी एडीए अतुल वत्स (Atul Vats) के मुताबिक शासन द्वारा मानचित्र स्वीकृति व शुल्क जमा करने के लिए नई पॉलिसी बनाई गई है। जिसके अनुसार मानचित्र स्वीकृत होने के 1 माह में पूरा शुल्क जमा करना होगा। वहीं स्वीकृति से पहले जो भी आपत्ति लगेंगी, उसका निस्तारण 15 दिन में करना होगा।