Greater Noida: ग्रेटर नोएडा के लोगों के लिए बड़ी और सावधान करने वाली खबर सामने आ रही है। आपको बता दें कि ग्रेटर नोएडा में अवैध निर्माण करने वालों लोगों को अब अंधेरे में ही रहना होगा, क्योंकि अवैध निर्माण करने वालों को बिजली का कनेक्शन (Electrical Connection) नहीं दिया जाएगा। इसको लेकर प्राधिकरण सीईओ (Authority CEO) एनजी रवि कुमार की अध्यक्षता में मीटिंग हुई। जिसमें डीएम मनीष वर्मा (DM Manish Verma) सहित जिला प्रशासन, बिजली वितरण कंपनी एनपीसीएल व यूपीपीसीएल और पुलिस विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे।
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नोएडा-ग्रेटर नोएडा में अधिसूचित क्षेत्र में अवैध निर्माण (Illegal Vonstruction) को प्राधिकरण द्वारा अभियान चलाकर खत्म किया जा रहा है। अवैध निर्माण को ढहाने के साथ ही कालोनी काटने वालों के खिलाफ केस भी दर्ज किया जा रहा है। अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई को और प्रभावी बनाने के लिए सीईओ की पहल पर सोमवार को प्राधिकरण में मीटिंग हुई।
अवैध निर्माण करने वालों को नहीं मिलेगी बिजली
इस मीटिंग में फैसला लिया गया कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र में अवैध निर्माण करने वालों को बिजली का कनेक्शन नहीं दिया जाएगा। बिजली कनेक्शन के लिए आवेदनों को एनपीसीएल या यूपीपीसीएल (UPPCL) ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को भेजेंगे। प्राधिकरण से एनओसी (NOC) मिलने पर ही बिजली का कनेक्शन मिलेगा। बिजली कनेक्शन के आवेदनों पर फैसला लेने के लिए हर शुक्रवार को शाम चार बजे प्राधिकरण में संयुक्त समिति बैठक करेगी, जिसमें प्राधिकरण के संबंधित अधिकारियों के साथ ही एनपीसीएल और यूपीपीसीएल, एसडीएम और एसीपी शामिल होंगे।
अवैध निर्माण करने वालों के खिलाए होगी कार्रवाई
साथ ही जहां जहां भी अवैध निर्माण किए गए हैं, उन इलाकों को चिंहित कर उनके खिलाफ नियमित रूप से कार्रवाई करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। आवेदकों की सुविधा के लिए जल्द ही एक पोर्टल भी बनाया जाएगा, जो सिंगल विंडो प्रणाली की तर्ज पर काम करेगा। इसी पोर्टल पर उपभोक्ता ऑनलाइन आवेदन भी कर पाएंगें। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने अपील की है कि भूमाफियाओं के बहकावे में आकर लोग अपनी गाढ़ी कमाई न दें। अधिसूचित एरिया में किसी भी निर्माण को बख्शा नहीं जाएगा।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) की सख्ती के बाद नोएडा प्राधिकरण हिंडन और यमुना के डूब क्षेत्र में कब्जा और अवैध निर्माणों को हटाने के लिए अभियान चलाने की तैयारी है। इसके लिए संयुक्त जिम्मेदारी तय होगी। जिलाधिकारी ने संबंधित विभागों से भी डूब क्षेत्र में हुए अतिक्रमण के साथ अब तक हुई कार्रवाई की जानकारी मांगी है।