RBI: अगर आपका भी बैंक खाता है और आप यह सोचते हैं कि बैंक खाते में पैसा रखना सेफ है या नहीं तो यह खास खबर आपके ही लिए है। आपको बता दें हम सभी अपनी मेहनत की कमाई से कुछ बचत कर बैंकों में जमा करते हैं जिससे समय पर यह पैसा काम आएगा। लेकिन कभी-कभी होता ऐसा भी होता है कि बैंक (Bank) ही डूब जाता है या दीवालिया हो जाता है। ऐसे में जमाकर्ता की परेशानियां बढ़ जाती हैं।
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इन्हीं सब चीजों को देखते हुए कहा जाता है कि लोगों को अपना पैसा जमा करने से पहले ही देखना चाहिए कि सामने वाला बैंक सुरक्षित है या फिर नहीं। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इसी साल की शुरूआत में डोमेस्टिक सिस्टमिकली इम्पॉर्टेंट बैंक (Domestic Systemically Important Banks/D-SIBs) के नाम से एक लिस्ट निकाली है। आपको बता दें कि केंद्रीय बैंक की इस लिस्ट में देश के सबसे सुरक्षित बैंकों के नामों को शामिल किया गया है।
आरबीआई द्वारा जारी की गई सबसे सुरक्षित बैंकों की सूची में एक सरकारी और 2 प्राइवेट बैंकों के नाम शामिल हैं। इसमें एक पब्लिक सेक्टर का स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) का नाम है और इसके साथ ही प्राइवेट सेक्टर के 2 बैंक इस लिस्ट में शामिल हैं। इनमें एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) और आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) का नाम शामिल हैं।
1 अप्रैल 2025 से ये हो जाएगा बदलाव
आपको बता दें कि आने वाले 1 अप्रैल से आईसीआईसीआई बैंक (ICICI) की स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है लेकिन बाकी दोनों बैंक का लेवल बढ़ा है यानी और हाई बकेट में चले गए हैं। बता दें कि घरेलू सिस्टम के लिए अहम बैंकों को एडीशनल कॉमन इक्विटी टियर-1 (CET1) मेंटेन करना होता है।
रिजर्व बैंक के द्वारा जारी किए गए एक बयान के अनुसार स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) को रिस्क-वेटेड एसेट्स के फीसदी के रूप में अतिरिक्त 0.80 फीसदी CET1 के रूप में रखना होगा। तो वहीं एचडीएफसी बैंक को अतिरिक्त 0.40 फीसदी और आईसीआईसीआई बैंक को अतिरिक्त 0.20 फीसदी मेंटेन करना होगा। लेकिन ये लेवल 1 अप्रैल 2025 से मेंटेन करना है। अभी स्टेट बैंक के लिए यह सरचार्ज 0.60 फीसदी और एचडीएफसी बैंक (HDFC) के लिए 0.20 फीसदी है।
क्या हैं D-SIBs
आपको बता दें कि ये ऐसे बैंक होते हैं जो सिस्टम के लिए इतने खास होते हैं कि जिनके डूबने पर पूरे फाइनेंशियल सिस्टम को काफी परेशानी होती है और अस्थिरता आ सकती है। इस प्रकार के बैंकों इतने महत्वपूर्ण हैं कि इन्हें कुछ हुआ तो खुद सरकार इन्हें बचाने की कोशिश करती है।
बैंकों की क्या है जिम्मेदारी
बैंक में आपके द्वारा जमा किया गया पैसा पूरी तरह सेफ नहीं है। मान लीजिए किसी बैंक में चोरी या डकैती हो गई या किसी दूसरी आपदा में नुकसान हो गया तो बैंक आपके पूरे पैसों की कोई गारंटी नहीं देता है। ऐसे में यह जानना आवश्यक हो जाता है कि बैंकों पर आखिर कितनी रकम लौटाने की जिम्मेदारी होती है। आपको इससे ज्यादा पैसे नहीं दिए जाएंगे। भले ही आपने खाते में कितनी भी रकम जमा न किये हों।
बैंक डूबने पर मिलेगा इतना पैसा वापस
आपको बात दें कि डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन एक्ट 1961 की धारा 16 (1) के अनुसार बैंक में किसी भी रूप में जमा आपके पैसों पर सिर्फ 5 लाख रुपये तक ही गारंटी होती है। इससे ज्यादा का पैसा जमा है तो बैंक के नुकसान होने की स्थिति में आपका भी पैसा डूबेगा। रिजर्व बैंक (RBI) का डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) आपके जमा पैसों की गारंटी लेता है, लेकिन ध्यान रहे कि यह पैसा 5 लाख से ज्यादा न हो।
FD हो या खाता मिलेगी सिर्फ 5 लाख रुपये की गारंटी
आपको बता दें कि चाहे आप FD करवाएं हो या आपका नार्मल खाता हो बैंक आपको 5 लाख तक की रकम की गारंटी देता है। आपके अलग-अलग खाते में कितना भी पैसा जमा हो, सब मिलाकर उस पर 5 लाख तक की ही गारंटी मिलेगी।
दूसरी ओर अगर आपके साथ फ्रॉड हो जाता है, तो बैंक आपको पूरा 100 फीसदी पैसा देता है। बस इसके लिए कुछ नियम व शर्तें हैं जिन्हें आपको पूरा करना होता है।
क्या है पूरा पैसा वापस पाने का तरीका
अगर आपके साथ कभी बैंकिंग फ्रॉड हो जाता है तो आपको इसकी सूचना सबसे पहले बैंक को देनी चाहिए। नियम कहता है कि अगर आप ठगी होने के 3 दिनों के अंदर बैंक को सूचना देते हैं तो आपको 100 फीसदी पैसे वापस मिलने की संभावना होती है। बस इसमें आपको ध्यान रखना होता है कि अगर आपकी गलती या किसी लापरवाही के कारण से आपके साथ ठगी हुई है, तो ऐसी स्थिति में आपको बैंक पैसे वापस नहीं करेगा।
इतने समय में वापस मिलता है पैसा
नंबर 1
अगर आपने बैंक को सही समय पर जानकारी देते हैं तो नियमों के अनुसार आपको 10 दिनों के अंदर बैंक पैसे लौटाने का दावा करता है। हालांकि, ये पैसे आपके अकाउंट में शेडो क्रेडिट होंगे, जिन्हें आपके खाते में आने में 90 दिनों का टाइम भी लग सकता है।
नंबर 2
अगर आप बैंक को अपने साथ हुए फ्रॉड की जानकारी 4 से 7 दिनों के अंदर करते हैं, तो रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के अनुसार तब भी बैंक आपको आपके पैसे वापस करवा सकता है। लेकिन इस स्थिति में आपको पूरे 100 फीसदी पैसे वापस नहीं मिलते हैं।
नंबर 3
अगर आपके साथ ठगी हुई है और किसी कारण अगर आप 7 दिन बाद बैंक को सूचना देते हैं तो आपको पैसे मिलने की संभावना बहुत कम होती है। इस स्थिति में बैंक बोर्ड ही ये तय करता है कि आपको पैसे लौटाएं जाएंगे या फिर नहीं।