Rapido बाइक से सफर करने वालों के लिए बड़ी और जरूरी खबर
Rapido: अगर आप भी रैपिडो बाइक से सफर करते हैं तो यह खबर जरूर पढ़ लीजिए। आपको बता दें कि ओला, उबर (Uber) और रेपिडो (Rapido) जैसी राइड-शेयरिंग कंपनियां (Ride-Share Companies) भारत में खूब चल रही है। इन कंपनियों की लोकप्रियता का कारण इनके किराए में पारदर्शिता और अच्छी सुविधा। कई बार ऑटो ड्राइवर (Auto Driver) अपनी मनमर्जी से किराया लेने लगते थे, जिससे यात्रियों का काफी समस्या होती थी।
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इन ऐप्स ने लोगों को सही किराए चुनने का विकल्प दिया और कैशलेस पेमेंट (Cashless Payment) का विकल्प देकर ट्रांसपेरेंसी का एक भरोसेमंद सिस्टम भी उपलब्ध कराया। इसी कारण से कम समय में ये राइड ऐप्स बड़े शहरों में काफी फेमस हो गए। लेकिन कई बार ये ऐप्स भी ऐसे किराये ले लेते हैं जो बिल्कुल भी वाजिब नहीं होते है।
जलभराव का बहाना बनाकर लिए ज्यादा पैसे
सोशल मीडिया पर इसी तरह की एक पोस्ट तेजी से शेयर हो रही है। चेन्नई (Chennai) के एक रैपिडो यूजर (Rapido User) का कहना है कि कंपनी से जुड़े एक ड्राइवर ने 21 किमी की दूरी का सफर करने के बदले उससे 1000 रुपये ले लिए, जबकि ऐप में किराया 350 रुपये दिखा रहा था। यूजर का आरोप है कि ड्राइवर ने जलभराव का बहाना बनाकर उससे ज्यादा पैसे मांगे।
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एजे स्किल डेवलपमेंट एकेडमी (AJ Skill Development Academy) के संस्थापक और सीईओ अशोक राज राजेंद्रन के आरोप के मुताबिक उनके रैपिडो ड्राइवर ने 21 किमी की दूरी के लिए शुरुआत में 1000 रुपये की मांगे, जबकि ऐप पर किराया मात्र 350 रुपये ही दिखा रहा था। हैरानी की बात तो यह है कि जब उन्होंने इस अतिरिक्त शुल्क की शिकायत की, लेकिन कंपनी ने बिना जवाब दिए चैट बंद कर दी।
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लिंक्डइन पर पोस्ट करते हुए अशोक राज राजेंद्रन ने लिखा कि उन्होंने मद्रास सेंट्रल रेलवे स्टेशन से चेन्नई के थोरईपक्कम तक 21 किमी के सफर के लिए एक रैपिडो राइड बुक की थी। बुकिंग के समय ऐप पर किराया 350 रुपये दिखाई दे रहा था, लेकिन ड्राइवर ने 1000 रुपये की मांग की। ड्राइवर ने इस बढ़े हुए किराए का कारण इलाके में जलभराव को बताया।
राजेंद्रन के अनुसार उन्होंने किराए को कमकर 800 रुपये करने में बात की, लेकिन यह भी ऐप पर दिखाए गए किराए से दोगुने से भी ज्यादा था। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी साफ किया कि चेन्नई के उस इलाके में कोई जलभराव नहीं था।
जानिए क्या दी कंपनी ने प्रतिक्रिया
यूजर ने कंपनी के चैटबॉट (Chatbots) का स्क्रीनशॉट भी शेयर किया है, जिसमें कंपनी ने दावा किया है कि चुने हुए ड्रॉप लोकेशन और वास्तविक ड्रॉप लोकेशन में अंतर के कारण अतिरिक्त किराया लिया गया है। वहीं यूजर का कहना है कि यह अंतर केवल 100 मीटर का था, जिसका मतलब है कि मात्र 100 मीटर की दूरी के लिए उन्हें 100 प्रतिशत अतिरिक्त किराया चुकाना पड़ा।