Jyoti Shinde,Editor
राजस्थान विधान सभा चुनाव 2023 के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी ने विपक्षी दलों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। भारतीय जनता पार्टी ने पार्टी में संगठनात्मक बदलाव करते हुए मंगलवार को एक प्रमुख हिंदू जाट चेहरे और पूर्व राज्य कांग्रेस प्रमुख सुनील जाखड़ को अपनी पंजाब ईकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया।
राजधानी दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उन्हें औपचारिक नियुक्ति पत्र सौंपा । सुनील जाखड ने अश्वनी शर्मा का स्थान लिया । इसके पहले अश्वनी शर्मा ने पूर्व निर्धारित अपने तीन वर्ष के कार्यकाल को पूरा किया ।
कार्यभार संभालते ही जाखड़ ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि पंजाब में विपक्ष नहीं के बराबर है । उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस इतनी ही मजबूत होती तो आम आदमी पार्टी की शरण में ना जाती । उन्होंने कहा कि भाजपा पंजाब और पंजाबियों के अधिकारों की रक्षा के लिए रचनात्मक और मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाएगी।
जाट वोट बैंक पर जाखड़ परिवार की पकड़
भाजपा लगातार जाट वोट बैंक को साधने की कोशिश में जुटी है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे जाट राजघराने धौलपुर की महारानी हैं। पिछले कुछ महीनों से पार्टी नेतृत्व वसुंधरा को कार्यक्रमों एवं निर्णयों में महत्व देने लगा है। दो दिन पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री सीआर चौधरी को पार्टी की राजस्थान इकाई में महामंत्री बनाया गया। कार्यकाल पूरा होने पर पिछले महीने प्रदेशाध्यक्ष पद से हटाए गए सतीश पूनिया को विधानसभा में प्रतिपक्ष का उप नेता बनाया गया है। साथ ही अन्य जाट नेताओं को पार्टी के कार्यक्रमों में पहले से अधिक महत्व दिया जाने लगा है।
राजस्थान के जाट नेताओं का मानना है कि सुनील भले ही पंजाब में पैदा हुए हो, चाहे वहीं की राजनीति की हो, लेकिन उनके पिता की राजस्थान के जाटों में मजबूत पकड़ थी। ऐसे में सुनील को उसी नजरिए से यहां की राजनीति में देखा जाता है।