AajTak Rajgarh News: राजगढ़ जिसे मध्यप्रदेश के पूर्व CM और दिग्गज कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) का गढ़ माना जाता है, लेकिन इस लोकसभा सीट पर वर्तमान में बीजेपी (BJP) का कब्जा है। लेकिन इस बार के चुनाव में यहां बहुत कुछ बदल सकता है। क्योंकि 33 साल बाद अपना गढ़ वापस लेने के लिए दिग्विजय सिंह एक बार फिर से इसी लोकसभा सीट से मैदान में हैं।
मध्य की यह लोकसभा सीट तीन जिलों के हिस्सों को मिलाने से बनती है। इस लोकसभा सीट (Lok Sabha seat) में राजगढ़ (Rajgarh) जिले को पूरी तरह से शामिल किया गया है जिसमें गुना और आगर मालवा जिले के कुछ हिस्सों मौजूद है।
राजगढ़ की जनता दिग्विजय सिंह के सिर जीत का सेहरा बांधेगी या एक बार फिर बीजेपी (BJP) को जीत दिलाएगी इसी सवाल का जवाब जानने के लिए आजतक की टीम सीनियर एंकर अंजना ओम कश्यप (Anchor Anjana Om Kashyap) के साथ अपने हेलिकॉप्टर से निकल पड़ी राजगढ़।
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आजतक की टीम जब राजगढ़ पहुंची तो यहां दर्शकों की लंबी भीड़ थी। सवालों का सिलसिला शुरू हुआ तो जवाब आने लगे।
अंजना ने सबसे पहले महिला से सवाल किया ..किसकी सरकार चाहिए..जवाब मिला..हमें ऐसी सरकार चुनना है जो आम लोगों के बारे में कुछ करें। तो दूसरी महिला ने कहा कि हमारे क्षेत्र को विकास की जरूरत है यह एक पिछड़ा क्षेत्र है। कृषि के लिए भी यहां बहुत काम हो सकता है।
सवाल पत्रकारों से भी पूछा गया तो उन्होंने जवाब दिया कि दिग्विजय सिंह बड़ा नेता हैं तो यहां बीजेपी नाम बहुत ज्यादा प्रभावशाली नहीं दिख रहा है, लेकिन राम मंदिर को लेकर बीजेपी प्रचार कर रही है। लाड़ली बहना योजना भी असरदार है।
वहीं एक दूसरे व्यक्ति ने कहा कि राजा साहब 33 साल बाद आए हैं उसका उनको लाभ मिलेगा। बीजेपी कई मोर्चों पर कमजोर है। एक ने कहा कि यहां मुकाबला मोदी लहर और कांग्रेसियों के भगवान दिग्विजय सिंह के बीच में है। यहां काफी कड़ा मुकाबला है।
सवाल बीजेपी नेता से भी पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यहां की सीट बीजेपी जीत रही है। दिग्विजय सिंह यहां की जनता के लिए कोई काम नहीं किए हैं। 10 साल सीएम रहे दिग्विजय सिंह लेकिन यहां सड़क नहीं, पानी नहीं, बिजली नहीं, सूखाष शिक्षा नहीं लेकिन बीजेपी सांसद ने यहां विकास की झड़ी लगा दी है।
कांग्रेस नेता ने इसपर पलटवार करते हुए कहा कि जिला अस्पताल से लेकर बस स्टैंड, कॉम्प्लेक्स, रोड़ समेत बहुत काम राजा दिग्विजय सिंह ने बहुत काम किया।
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जानिए राजगढ़ को
राजगढ़ जिला राज्य का छोटा-सा जिला है लेकिन एक साफ-सुथरा है। राजगढ मे नेवज नदी बहती है, जिसे शास्त्रों में निर्विन्ध्या कहा गया है। राजगढ़ जिले में स्थित नरसिंहगढ़ के किले को कश्मीर ए मालवा कहा जाता है। यह जिला मालवा पठार के उत्तरी छोर पर पार्वती नदी के पश्चिमी तट पर स्थित है।
राजगढ़ में 18.68 फीसदी अनुसूचित जाति के लोग हैं और 5.84 अनुसूचित जनजाति के हैं। चुनाव आयोग के आंकड़े के अनुसार 2014 के चुनाव में इस सीट पर 15,78,748 मतदाता थे। साल 1962 में यहां पर हुए पहले चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार भानुप्रकाश सिंह को जीत मिली। उन्होंने कांग्रेस के लिलाधर जोशी को हराया था। कांग्रेस को इस सीट पर पहली बार जीत 1984 में मिली, जब दिग्विजय सिंह ने बीजेपी के जमनालाल को मात दी थी। राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत विधानसभा की 7 सीटें आती हैं। चचौड़ा, ब्यावरा, सारंगपुर, राघोगढ़, राजगढ़, सुसनेर, नरसिंहगढ़ और खिलचीपुर यहां की विधानसभा सीटें हैं।
2019 का जनादेश
बीजेपी के रोडमल नागर ने जीत दर्ज करते हुए 8,23,824 वोट हासिल किए तो वहीं कांग्रेस की मोना सुस्तानी को 3,92,805 वोट मिले।
2014 का जनादेश
2014 के चुनाव में बीजेपी के रोडमल नागर ने कांग्रेस अंलाबे नारायण सिंह को मात दिया था। इस चुनाव में नागर को 5,96,727(59.04 फीसदी) वोट मिले थे और अंलाबे नारायण को 3,67,990(36.41 फीसदी) वोट मिले थे। दोनों के बीच हार जीत का अंतर 2,28,737 वोटों का था। तो वहीं इस चुनाव में तीसरे स्थान पर बसपा रही थी। उसको 1.37 फीसदी वोट मिले थे।