उद्भव त्रिपाठी, ख़बरीमीडिया
Landslide in Himachal: हिमाचल प्रदेश में रविवार से ही मौसम का कहर जारी है। प्रदेश में अब तक 13 और लोग अपनी जान गवां बैठे हैं। राजधानी शिमला में नगर निगम के स्लाटर हाउस समेत सात भवन जमींदोज हो गए हैं। इसमें दो लोगों की दबने के कारण मौत हो गई। बाढ़-बारिश से अब तक 60 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है।
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राजधानी के ही समरहिल में भूस्खलन से जमींदोज हुए शिवबावड़ी मंदिर के मलबे से पांच और शव निकाले गए हैं। इस घटना में अब मरने वालों की संख्या 13 जा पहुंची है। इसके अलावा कुल्लू के आनी में 3 और किन्नौर के पांगी गांव के दुनंग कंडे (काशंग नाला) में दो जबकि चंबा में एक मौत हुई है।
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दो दिन में 64 लोगों की मौत
प्रदेश में दो दिन के भीतर ही 64 लोग आपदा से दम तोड़ चुके हैं। वहीं पौंग बांध से पानी छोड़ने से कांगड़ा जिले का इंदौरा और फतेहपुर क्षेत्र पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं। यहां वायुसेना के हेलिकाप्टर से 1,000 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है। दोनों क्षेत्रों में काफी नुकसान हुआ है। कुल्लू जिले के आनी उपमंडल की पोखरी पंचायत के रगेली गांव में दो मकान भूस्खलन की चपेट में आ गए। इससे एक ही परिवार के तीन लोग मलबे में दबने के कारण मौत हो गई। घर से करीब दस किलोमीटर दूर तीनों के शव मिले हैं।
किन्नौर जिले के कल्पा खंड के पांगी गांव के दुनंग कंडे (काशंग नाला) में चट्टानों की चपेट में आने से दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। चंबा जिले के चुवाड़ी स्थित कलम खड्ड में दोस्तों के साथ नहाने उतरे 14 वर्षीय युवक की पानी के तेज प्रवाह में बहने से मौत हो गई।
ज्वालामुखी के साथ अधवानी पंचायत के क्रशर में फंसे 67 लोगों को एनडीआरएफ (NDRF) की टीम ने सुरक्षित निकाल लिया है। एनडीआरएफ का रेस्क्यू अभियान लगभग एक दिन तक चला। खुंडियां तहसील के अंबाड़ा गांव में 20 परिवार बेघर हो गए हैं। सड़कें बंद होने से कुल्लू में ईंधन और रसोई गैस की किल्लत हो गई है। जिले में सेब का तुड़ान भी रुक गया है।
आज मौसम साफ, कल से फिर भारी बारिश का येलो अलर्ट
प्रदेश में आज यानी गुरुवार को मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान है। 18 से 20 अगस्त तक दोबारा प्रदेश में भारी बारिश का येलो अलर्ट है। बुधवार को राजधानी शिमला समेत अधिकांश जिलों में मौसम साफ रहा।
1220 सड़कें बंद, दो हाईवे ठप, बिजली गुल, 2000 रूट प्रभावित
हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदा ने जमकर तबाही मचाई है। मंडी, शिमला, कुल्लू, जिला सिरमौर और अन्य प्रभावित क्षेत्रों में 1,220 सड़कें बंद हैं। इससे बुधवार को भी दो हजार से ज्यादा रूट प्रभावित रहे। पेयजल स्रोतों में गाद आने से लोगों के घरों में पानी नहीं जा रहा है। मंडी की सबसे ज्यादा 541 समेत 1,235 पानी की स्कीमें ठप हैं।
25 हजार अधिकारी फील्ड में डटे हैं
इसके अलावा सैंज-लूहरी-औट एनएच-305 और मंडी-कुल्लू-मनाली एनए-3 भी बंद हैं। लोक निर्माण विभाग का दावा है कि दिनभर सड़कों को बहाली करने का काम जारी रहा। लोक निर्माण विभाग और जल शक्ति विभाग ने कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द की हैं। विभाग ने फील्ड में तैनात कर्मचारियों को सड़क बहाल करते समय एहतियात बरतने को कहा है। सड़कें बहाल करने के दौरान पहाड़ियां खिसक रही हैं। जमीन के भीतर से लगातार पानी निकल रहा है। लोक निर्माण विभाग का दावा है कि सड़कों को बहाल करने के लिए 25 हजार अधिकारी और कर्मचारी फील्ड में डटे है। इसके अलावा सात सौ डोजर और जेसीबी लगाई गई हैं।
1,841 ट्रांसफार्मर ठप, कई इलाकों में ब्लैक आउट
हिमाचल प्रदेश में आई तबाही के कारण 1,841 ट्रांसफार्मर बंद होने से कई क्षेत्रों में बिजली गुल है। पेड़ गिरने से बिजली के तार टूट गए हैं। कई ट्रांसफार्मर भी क्षतिग्रस्त हुए हैं।