Jyoti Shinde,Editor
खटकड़ कलाँ 28 सितम्बर: आज शहीद भगत सिंह की 116वीं जन्म शताब्दी है। इस ख़ास मौके पर पंजाब के सीएम भगवंत सिंह मान उनके पैतृक गांव खटकड़ कलां पहुंचे और उनको श्रद्धांजलि दी। इस दौरान अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि आज के दिन अंग्रेजों के राज को खत्म करने के लिए भगत सिंह ने जन्म लिया। अंग्रेजों ने सोचा भी नहीं था कि आज के दिन एक ऐसा बच्चा पैदा होगा जब उनकी जड़ को हिला कर रख देगा।
देश में पंजाब को अग्रणी राज्य बनाने का संकल्प लेते हुए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज राज्य के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित बनाकर शहीद भगत सिंह के सपने साकार करने का प्रण लिया। बैठक की शुरुआत में मुख्यमंत्री ने शहीद भगत सिंह के पारिवारिक सदस्यों हरजिन्दर पाल सिंह गिल, बलदेव सिंह नसराला, रविन्दर सिंह, गुरजीत सिंह और हरभजन सिंह ढट्ट को सम्मानित किया। आज यहाँ शहीद भगत सिंह के जन्म दिवस के अवसर पर राज्य स्तरीय समागम के दौरान अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार शहीद भगत सिंह के सपने साकार करने के लिए यत्नशील है।
उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित बनाएगी कि राज्य के किसी भी बाशिन्दे को अपना वतन छोडक़र विदेश ना जाना पड़े। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में राज्य सरकार द्वारा पहले ही कई बड़े कदम उठाए जा रहे हैं, और इसके लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जायेगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि नौजवानों के विदेश जाने के रुझान को रोकने के लिए राज्य सरकार पूरी निष्ठा भावना से जुटी हुई है।
मुख्यमंत्री ने स्कूल सिलेबस में अपेक्षित बदलाव करने का भी ऐलान किया, जिससे हमारी नौजवान पीढ़ी को महान गुरू साहिबानों, संतों-महात्माओं, पीरों-पैगम्बरों और शहीदों के जीवन, विचारधारा और शिक्षाओं संबंधी अवगत करवाया जा सके। उन्होंने कहा कि राज्य के नौजवानों को इन पवित्र आत्माओं से प्रेरणा लेनी चाहिए और इसी कारण स्कूलों के सिलेबस में उचित बदलाव करने की ज़रूरत है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इससे हमारी आने वाली पीढिय़ों में राज्य की महान विरासत का प्रसार करने में मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का समागम कोई साधारण समागम नहीं है बल्कि दुनिया के महान इन्कलाबी के जन्म दिन के जश्नों का दिन है। उन्होंने कहा, ‘‘जिस उम्र में नौजवान अपने माँ-बाप से तोहफों की माँग करते हैं, उस उम्र में शहीद भगत सिंह ने ब्रिटिश हुकूमत से अपनी मातृभूमि को आज़ाद करवाने की माँग की।’’ भगवंत सिंह मान ने कहा कि आज का दिन हरेक भारतीय के जीवन में बहुत महान दिन है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद भगत सिंह बहुत पढ़ते थे, जिस कारण वह हमेशा लोगों के कल्याण के लिए चिंतित रहते थे। उन्होंने कहा कि इस महान नायक ने देश को ब्रिटिश हुकूमत के चंगुल से आज़ाद करवाने में बेमिसाल योगदान दिया। भगवंत सिंह मान ने लोगों को याद करवाते हुए कहा, ‘‘जब हमारे महान राष्ट्रीय नायक और शहीद, अंग्रेज़ों के ज़ुल्म के खि़लाफ़ जंग लड़ रहे थे तो उसी समय के दौरान कुछ गद्दार साम्राज्यवादी शक्तियों के हक में खड़े रहे थे। इन जैसे गद्दारों को आज कोई याद भी नहीं करता।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बड़े दुख की बात है कि शहीद-ए-आज़म के सपने आज भी अधूरे हैं क्योंकि भ्रष्टाचार, परिवारवाद और गरीबी ने अभी भी जड़ें जमाई हुई हैं। उन्होंने कहा कि अंग्रेज़ों के शासन के बाद सत्ता संभालने वाले लोगों ने अंग्रेज़ों की अपेक्षा अधिक बेरहमी से खजाने को लूटा। भगवंत सिंह मान ने कहा कि उनको यह सुनकर बड़ा दुख होता है कि जब कुछ लोग यह कह देते हैं कि अब की अपेक्षा तो अंग्रेज़ों का शासन अच्छा था। उन्होंने कहा कि इस धारणा को बदलने की ज़रूरत है।
मुख्यमंत्री ने लोगों को देश को अग्रणी बनाने के लिए जाति, धर्म और नसल की छोटी सोच से ऊपर उठने का आह्वान किया, जो सही मायनों में शहीद भगत सिंह और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों को सच्ची श्रद्धाँजलि होगी, जिन्होंने अपनी मातृभूमि के ख़ातिर अपनी जान न्योछावर कर दी। भगवंत सिंह मान ने नौजवानों को शहीद भगत सिंह के सपनों वाला देश बनाने के लिए बढ़-चढक़र आगे आने का न्योता दिया।
मुख्यमंत्री ने अफ़सोस के साथ कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि आज कुछ लोग शहीदों के बलिदानों पर सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि शहीदों के देश के प्रति योगदान पर सवाल उठाने का किसी को हक नहीं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि शहीद भगत सिंह द्वारा अपने वतन के ख़ातिर दिए गए बेमिसाल बलिदान के लिए इन गद्दारों से एन.ओ.सी. लेने की ज़रूरत नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी को शहीदों के सपने साकार करने के लिए प्रयास करने चाहिएं। उन्होंने कहा कि राज्य की पुरातन शान को बहाल करना समय की ज़रूरत है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि शहीद भगत सिंह व्यक्ति नहीं बल्कि एक संस्था थे और हमें देश की तरक्की के लिए उनके दिखाए रास्ते पर चलना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद भगत सिंह के बेमिसाल बलिदान नौजवानों को देश सेवा के लिए प्रेरित करता रहेगा। उन्होंने कहा कि देश को अंग्रेज़ों के दमनकारी शासन से मुक्त करवाने के अलावा शहीद भगत सिंह ने भ्रष्टाचार और गरीबी मुक्त भारत की कल्पना की थी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि देश अभी भी इन समस्याओं से जूझ रहा है।
मुख्यमंत्री ने नौजवानों को शहीद भगत सिंह के दिखाए गए रास्ते पर चलने के लिए प्रण करने का न्योता दिया। उन्होंने कहा कि हम सभी को यह संकपल लेना चाहिए कि हम अच्छे भविष्य की खोज में इधर-उधर जाने की बजाय यहाँ रहकर अपनी व्यवस्था में सुधार करेंगे। भगवंत सिंह मान ने लोगों को आश्वासन दिया कि राज्य सरकार पंजाब को फिर से रंगला पंजाब बनाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद भगत सिंह की विचारधारा पर चलते हुए राज्य सरकार ने अब तक अपने नौजवानों को 36000 से अधिक सरकारी नौकरियाँ दी हैं। उन्होंने कहा कि इस पवित्र धरती से मुख्यमंत्री के तौर पर प्रण लेने के बाद हमारी सरकार ने सभी सरकारी कार्यालयों में से मुख्यमंत्री की तस्वीरें हटाकर शहीद भगत सिंह और डॉ. बी.आर. अम्बेदकर की तस्वीरें लगाईं।
भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य भर में अति-आधुनिक स्कूल और अस्पताल खोले जा रहे हैं और लोगों के घरों के बिजली बिल ज़ीरो आ रहे हैं। इसके अलावा पिछले 18 महीनों के दौरान राज्य में कई अन्य लोक-हितैषी और विकास समर्थकीय पहलें की गई हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के इतिहास में पहली बार पंजाब को धान के आगामी सीजन के लिए 37 हज़ार करोड़ रुपए की कैश क्रेडिट लिमिट (सी.सी.एल.) प्राप्त हो गई है। उन्होंने कहा कि खऱीद के लिए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से 42 हज़ार करोड़ की सी.सी.एल. की माँग की थी। भगवंत सिंह मान ने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार धान के एक-एक दाने की खऱीद सुनिश्चित बनाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार राज्य के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि उन्होंने उत्तरी ज़ोनल कौंसिल की हाल ही में हुई बैठक के दौरान एस.वाई.एल., चंडीगढ़ और राज्य से सम्बन्धित अन्य मसले ज़ोरदार ढंग से उठाए हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी राज्य के हितों की रक्षा की जायेगी, जिसके लिए सरकार पहले ही समर्पित भावना से काम कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले पंजाब के नेताओं ने राज्य के हितों की अपेक्षा अपने हितों को अधिक प्राथमिकता देकर कई मुद्दों पर लोगों की पीठ में छुरा घोंपा है। उन्होंने कहा कि सतलुज-यमुना लिंक (एस.वाई.एल.) नहर की योजना के लिए पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को गुरूग्राम में प्लॉट मिला, जहाँ आज उनका होटल है। भगवंत सिंह मान ने यह भी कहा कि अपने आप को पंजाब के पानियों का रक्षक बताने वाले पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कपूरी में एस.वाई.एल. नहर के लिए काट लगाने के लिए समकालीन प्रधानमंत्री को चाँदी की कही भेंट की थी।
मुख्यमंत्री ने गढ़शंकर के नज़दीक शहीद भगत सिंह के ननिहाल घर में संग्रहालय, पुस्तकालय और अन्य स्मारकों के निर्माण का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि शहीद भगत सिंह के पैतृक गाँव में संग्रहालय को अपग्रेड किया जा रहा है, जिसका काम चल रहा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस महान शहीद की विरासत से आने वाली पीढिय़ों को अवगत करवाने के लिए यह समय की ज़रूरत है।
इससे पहले सांस्कृतिक मामले एवं पर्यटन मंत्री अनमोल गगन मान ने आदरणीय गणों का स्वागत किया।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री अनमोल गगन मान, चेतन सिंह जौड़ामाजरा, बलकार सिंह, ब्रम शंकर जिम्पा, हरभजन सिंह ई.टी.ओ., डॉ. बलजीत कौर और कुलदीप सिंह धालीवाल, विधान सभा के डिप्टी स्पीकर जय कृष्ण रोड़ी, लोक सभा सदस्य सुशील कुमार रिंकू और अन्य भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के विशेष प्रमुख सचिव कुमार अमित, डायरैक्टर पर्यटन रविन्द्र कुमार शर्मा, एस.बी.एस. नगर के डिप्टी कमिश्नर नवजोत पाल सिंह रंधावा और अन्य शख्सियतें उपस्थित थीं।