Punjab विधानसभा अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवां ने केंद्रीय बजट को निराशाजनक बताया है।
Punjab: आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पंजाब विधानसभा अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवां (Kultar Singh Sandhwan) ने केंद्रीय बजट को निराशाजनक बताया है। उन्होंने कहा कि समाज के सभी वर्गों को यह निराश करने वाला है। संधवां ने कहा कि केंद्रीय बजट में देश के अहम स्थान रखने वाले पंजाब को पूरी तरह से उपेक्षित रखा गया है। उन्होंने कहा कि पंजाब के किसान और यहां की कृषि को पूरी तरह से अनदेखा कर दिया गया है। वहीं मोदी सरकार के बजट को लेकर इंडी गठबंधन ने भी नाराजगी दिखाई और संसद के बाहर प्रदर्शन किया। जिसमें कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी, टीएमसी समेत घटक दल मौजूद थे।
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‘आप’ नेता ने कहा कि देश भर में कृषि जगत को लेकर ऐसे निराशाजनक दृष्टिकोण ठीक नहीं। कुलतार सिंह संधवां (Kultar Singh Sandhwan) ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया गया बजट महज औपचारिकता है। यह दस्तावेज किसी भी पक्ष से सकारात्मक उपायों को आगे बढ़ाने वाला नहीं दिखता।
संधवां ने कहा कि पंजाबियों ने देश के लिए अपना खून बहाया है और उनकी कुर्बानियां पूरे देश के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। यह पंजाब ही था जिसने उस कठिन समय में हरित क्रांति के माध्यम से देश का पेट भरा था लेकिन बजट में प्रदेश के किसानों को अनदेखा किया गया।
वित्त मंत्री पर भी साधा निशाना: संधवां
उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल में कीमतों में हुई वृद्धि के बोझ को कम करने के लिए कोई प्रभावी और कारगर उपाय नहीं किए हैं। मध्यम वर्ग तो निराश हुआ ही है लेकिन वेतनभोगी वर्ग को भी करों में कोई छूट नहीं दी गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह शासन केवल कॉरपोरेट क्षेत्रों को लाभ देने पर केंद्रित है, जबकि ईमानदारी से कर अदा करने वाले लोगों को कोई लाभ नहीं दिया गया है।
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उर्वरक सब्सिडी कटौती पर जताई चिंता: हरपाल सिंह चीमा
पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा (Harpal Singh Cheema) ने भी 2024-25 के केंद्रीय बजट की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि इसमें महिलाओं, गरीबों और किसानों की चिंताओं की अनदेखी की गई है। उन्होंने यह भी कहा कि बजट में पंजाब के हितों की पूरी तरह से अनदेखी की गई है।
वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा (Harpal Singh Cheema) ने उर्वरक सब्सिडी में 36 प्रतिशत की कटौती को लेकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में 25 हजार करोड़ रूपये के मुकाबले वित्त वर्ष 2024-25 में 16 हजार करोड़ रूपये के बजट का प्रावधान रखा गया है। इस भारी कटौती से न केवल देश के किसानों पर बोझ बढ़ेगा बल्कि पंजाब की अर्थव्यवस्था पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।