Punjab News: Good news has come for the car owners of Punjab

Punjab News: पंजाब के गाड़ी मालिकों के लिए अच्छी ख़बर आ गई

पंजाब राजनीति
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Punjab News: ये ख़बर पंजाब के उन गाड़ी मालिकों और ड्राइवरों के लिए खुशखबरी है, जिनके पास स्मार्ट कार्ड की बजाय कागज की बनी हुई रजिस्ट्रेशन कॉपी है। ट्रांसपोर्ट विभाग में लंबे समय से बंद पड़े वाहनों की आरसी की बैकलॉग एंट्री अब फिर से शुरू हो गई है। इसके बाद वे लोग अब कार्यालय जाकर अपने कागजात की पुष्टि करवाने के बाद आरसी ऑनलाइन करवा सकेंगे। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि लोग चालान से बचेंगे और आरसी को डिजिटल लॉकर में रख सकेंगे।

आरसी की बैकलॉग एंट्री शुरू करके ट्रांसपोर्ट विभाग ने आम नागरिकों को अपने वाहनों की ऑनलाइन करवाने का एक और मौका दिया है। यदि किसी आपके वाहन की आरसी का स्मार्ट कार्ड नहीं है, लेकिन उसकी जगह कागज की रजिस्ट्रेशन कॉपी है, तो ट्रांसपोर्ट विभाग की वेबसाइट पर इसका रिकॉर्ड जांचें। यदि वहां रिकॉर्ड नहीं दिखायी देता तो खुद विभाग की वेबसाइट पर जाकर आरसी पर दिए गए विवरण भरकर वाहन का रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद विभाग नए सॉफ्टवेयर वाहन फोर पर वाहन का रिकॉर्ड रजिस्टर्ड कर देगा। इसके बाद सारी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद वाहन की आरसी ऑनलाइन कर दी जाएगी।  बता दे कि यदि बिनयाकार को आरसी कॉपी की बजाय स्मार्ट कार्ड जारी करवाना चाहता है तो उसे 570 रुपए की फीस ऑनलाइन देनी पड़ेगी। इसके बाद क्षेत्रीय ट्रांसपोर्ट प्राधिकारी का कार्यालय वाहन मालिक को स्मार्ट कार्ड जारी करेगा। दरअसल इससे पहले भी लोगों को अपने वाहन की बैकलॉग एंट्री करवाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था, अब इस समस्या को हल करने के लिए, प्रशासन ने यह सुविधा प्रदान की है।

यह दस्तावेज़ जरूरी हैं: बिनयाकार के नाम पर रजिस्टर्ड वाहन की आरसी की कॉपी, दफ्तर का रिकॉर्ड (रजिस्ट्री की कॉपी) जिसमें बिनयाकार की मालिकाना जानकारी हो, वाहन की भौतिक जांच रिपोर्ट और उक्त रजिस्ट्रेशन नंबर जो वाहन पर लगाया गया है।

यह होगा लाभ: वाहन की आरसी ऑनलाइन होने पर भी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाई जा सकती है। दरअसल जिनके पास पुरानी आरसी थी, वे अपने वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं लगा सकते। जबकि हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट का चालान भी 2 हजार रुपये है। इसके अलावा ऑनलाइन आरसी के कारण इसे डिजिटल लॉकर और ईएम परिवाहन सेवा ऐप में भी रखा जा सकता है।(सौ. पंजाब केसरी)