Punjab: पंजाब, जहां से भारत का अन्न भंडार भरता है, जहां के किसान और उनका संघर्ष केवल उनकी पहचान नहीं बल्कि अस्तित्व का प्रतीक भी है। किसानों ने अपने हक के लिए समय समय पर संघर्ष भी किया है। जब किसानों को सहारा देने की सबसे ज्यादा जरूरत थी, तब पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान (CM Bhagwant Singh Mann) ने खुद को एक सच्चे किसान समर्थक नेता के रूप में साबित किया। पंजाब (Punjab) के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान, जिनकी राजनीति में किसान हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्धता और संघर्ष की झलक दिखाई देती है। उन्होंने हमेशा ही किसान हित की बात की है।
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जब जब किसानों को विरोध करने के लिए लोग सड़क पर उतरे, सीएम मान (CM Mann) ने उन्हें सहारा दिया। किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान एक मजबूत और प्रभावी आंदोलन का नेतृत्व किया। यह संघर्ष न केवल पंजाब, बल्कि समूचे देश में किसानों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रेरणादायक बन गया।
तीन कृषि कानून और सीएम भगवंत सिंह मान की भूमिका
भारत में 2020 में लागू किए गए तीन कृषि कानूनों (Three Agricultural Laws) में पहला था- कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) अधिनियम -2020, दूसरा कानून था- कृषक (सशक्तीकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार अधिनियम 2020 और तीसरा कानून था- आवश्यक वस्तुएं संशोधन अधिनियम 2020। इन तीनों कानूनों को लेकर किसानों के बीच भारी असंतोष और विरोध पैदा किया। यह कानून विशेष रूप से छोटे और मंझले किसानों के लिए लाभकारी नहीं थे, जो अपने उत्पादों की बिक्री में बाजार के नियंत्रण और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के अभाव से परेशान थे।
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पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान (CM Bhagwant Singh Mann), जिन्होंने हमेशा किसानों के अधिकारों की रक्षा की बात की, उन्होंने इन कानूनों का जमकर विरोध किया और उनका विरोध पंजाब में एक आंदोलन का रूप ले लिया। 2021 में जब दिल्ली की सीमाओं पर किसान धरना दे रहे थे, भगवंत सिंह मान ने खुले तौर पर इन कानूनों के खिलाफ अपने समर्थन की घोषणा की और किसानों के संघर्ष को मजबूती से आगे बढ़ाया।
किसान आंदोलन के साथ सीएम भगवंत सिंह मान
सीएम भगवंत सिंह मान (CM Bhagwant Singh Mann) ने किसानों के संघर्ष को न केवल शब्दों से, बल्कि हर संभव तरीके से अपना समर्थन दिया। मुख्यमंत्री बनने से पहले ही सीएम भगवंत सिंह मान ने इन कानूनों के खिलाफ आवाज बुलंद की थी और किसानों के आंदोलन में शामिल हुए थे। सीएम भगवंत मान का मानना था कि पंजाब के किसानों की जीविका और उनका अधिकार इन कानूनों से प्रभावित हो रहे थे। कृषि प्रधान राज्य पंजाब में जहां किसान की हालत पहले से ही दयनीय थी, भगवंत सिंह मान ने किसानों के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया। उनका यह संघर्ष केवल राजनीतिक नहीं था, बल्कि यह एक सामाजिक और सांस्कृतिक आंदोलन था, जो किसानों के भविष्य और उनकी समृद्धि की रक्षा के लिए था।
मान सरकार ने केंद्र सरकार से कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग
पंजाब की सत्ता संभालने के बाद सीएम भगवंत सिंह मान ने सबसे पहले राज्य विधानसभा में इन कृषि कानूनों को खारिज करने का प्रस्ताव पेश किया। यह एक साहसी कदम था, जो यह बताता है कि उनका नेतृत्व किसानों के हित में हर संभव प्रयास करेगा। उनके नेतृत्व में पंजाब की मान सरकार ने केंद्र सरकार से इन कानूनों को रद्द करने की मांग की और किसान नेताओं के साथ तालमेल बढ़ाया।
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सीएम मान (CM Mann) ने पंजाब में किसान विरोधी क़ानूनों को लागू न होने देने का भी निर्णय लिया। इस संघर्ष में पंजाब सरकार ने दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन को सक्रिय समर्थन दिया और आंदोलनकारी किसानों के साथ एकजुटता दिखाई। भगवंत सिंह मान ने इसे अपनी प्राथमिकता बनाई कि किसानों के कानूनी अधिकारों की रक्षा की जाए और उनकी आर्थिक स्थिति को बेहतर किया जाए।
और बन गए पंजाब के लोकप्रिय मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान (CM Bhagwant Singh Mann) ने हमेशा से ही किसानों के साथ अपने व्यक्तिगत जुड़ाव और संवेदनशीलता जाहिए की है। सीएम मान स्वयं किसानों का दर्द समझते हैं, और उन्होंने अपनी जिंदगी में खेतों में भी काम किया है। यह बात उनके संघर्ष को और भी प्रामाणिक बनाती है। सीएम ने हमेशा अपने भाषणों में कहा है कि किसान की मेहनत और पसीने से भारत की समृद्धि है, और यह विचार उनके नेतृत्व का प्रमुख आधार बन गया।
किसानों के साथ उनका सच्चा जुड़ाव और उनके संघर्ष को सही दिशा देने के लिए उन्होंने कई बार किसानों के मुद्दों पर राज्य और केंद्र सरकार के बीच मध्यस्थता करने का भी काम किए। उनकी ईमानदारी और निष्ठा ने पंजाब में उन्हें एक मजबूत और भरोसेमंद और लोकप्रिय मुख्यमंत्री बना दिया।
केंद्र सरकार को रद्द करना पड़ा कानून
पंजाब की मान सरकार (Mann Sarkar) ने किसानों के खिलाफ केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए कानूनों का विरोध जारी रखा। और इसी का परिणाम है कि किसानों के दबाव और संघर्ष के चलते केंद्र सरकार को इन कानूनों को रद्द करना पड़ा। यह एक ऐतिहासिक जीत थी, जो भगवंत सिंह मान की दृढ़ इच्छाशक्ति और किसानों के प्रति उनके समर्थन की बेमिसाल कहानी बन गई।
सीएम भगवंत सिंह मान की यह उपलब्धि न केवल पंजाब के किसानों के लिए, बल्कि देशभर के किसानों के लिए एक प्रेरणा बनी। भगवंत सिंह मान के संघर्ष ने यह साबित किया कि एक ईमानदार, सच्चे और किसानों के हितैषी नेता ही समाज में बदलाव ला सकते हैं।
किसानों की भलाई के लिए मान सरकार द्वारा उठाए गए बडे़ कदम
मुख्यमंत्री के रूप में भगवंत मान (Bhagwant Mann) ने यह साबित कर दिया कि पंजाब में किसानों के लिए नीतियां बनाई जाएं जो उन्हें सशक्त बनाएं। उन्होंने किसानों के हित में कई बड़े फैसले लिए, जिनका लाभ आज पंजाब के किसानों को मिल रहा है। आइए सीएम भगवंत सिंह मान की किसानों के लिए बड़ी योजनाओं को जानते हैं।
लोन माफी योजना
सीएम भगवंत सिंह मान (CM Bhagwant Singh Mann) ने छोटे और सीमांत किसानों को कर्ज से राहत दिलाकर उनके आर्थिक बोझ को हल्का किया।
फसल बीमा योजना
किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा प्रदान करने के लिए फसल बीमा को सुदृढ़ किया।
जल प्रबंधन
पंजाब के किसानों की सबसे बड़ी समस्या है पराली प्रबंधन। लेकिन इस मामले को भी सीएम भगवंत सिंह मान ने बड़े आसानी से हल किया। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने पराली जलाने के विकल्प उपलब्ध कराए और किसानों को आर्थिक सहायता दी जिससे पर्यावरण के साथ-साथ उनकी खेती भी सुरक्षित रहे।
न्यूनतम समर्थन मूल्य पर प्रतिबद्धता
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने पंजाब में फसलों की खरीद को सुनिश्चित किया और एमएसपी को बनाए रखने के लिए केंद्र पर दबाव बनाया।
पंजाब के सीएम भगवंत सिंह मान का किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ संघर्ष उनके नेतृत्व की एक महत्वपूर्ण मिसाल है। सीएम मान ने न केवल अपने राज्य के किसानों के अधिकारों की रक्षा की, बल्कि भारतीय किसानों की आवाज को सड़क से लेकर संसद तक पहुंचाया। उनके संघर्ष ने यह साबित कर दिया कि अगर नेतृत्व सच्चा और किसानों के प्रति संवेदनशील हो, तो किसी भी संघर्ष में जीत हासिल की जा सकती है। उनके इस प्रयासों ने किसानों के हित में एक नई दिशा दी, और वे न केवल पंजाब, बल्कि समूचे देश के किसानों के लिए एक आदर्श नेता बन गए हैं।