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Punjab: CM Mann ने किसानों को दिया महत्वपूर्ण सुझाव, गवर्नर ने कही ये बातें..

पंजाब
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Punjab कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित अंतरराष्ट्रीय कृषि सम्मेलन में CM Mann और गवर्नर गुलाब चंद कटारिया पहुंचे।

Punjab News: सीएम भगवंत मान ने पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (Punjab Agricultural University) में आयोजित अंतरराष्ट्रीय कृषि सम्मेलन (International Agriculture Conference) में जलवायु परिवर्तन और इसके कारण उत्पन्न चुनौतियों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन ने कृषि क्षेत्र (Agricultural Sector) को गंभीर रूप से प्रभावित किया है, और इसे देखते हुए फसल विविधीकरण को बढ़ावा देना अब आवश्यक हो गया है। वहीं सम्मेलन में पंजाब के गवर्नर गुलाब चंद कटारिया (Governor Gulab Chand Kataria) भी शामिल हुए। पढ़िए पूरी खबर…
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सीएम भगवंत मान (CM Bhagwant Mann) ने कहा है कि जलवायु परिवर्तन के खतरों को देखते हुए, राज्य में फसल विविधीकरण के लिए किसानों को वैज्ञानिकों की मार्गदर्शन की जरूरत है, जिससे वे अपनी कृषि पद्धतियों को अधिक लचीला और पोषक तत्वों से भरपूर बना सकें।

उन्होंने कहा कि कृषि में परिवर्तन लाकर राज्य को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से बचाया जा सकता है और साथ ही किसानों को आर्थिक रूप से भी मजबूत किया जा सकता है।

सीएम मान ने मंगलवार को पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (PAU), लुधियाना में ‘जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा संक्रमण के मद्देनजर कृषि-खाद्य प्रणालियों में बदलाव’ विषय पर 4 दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कृषि सम्मेलन के पहले दिन ये बातें कही हैं।

कम पानी की खपत वाली फसलों पर दिया जोर: सीएम मान

उन्होंने किसानों से कम पानी की खपत वाली फसलों की खेती करने के लिए कहा। टिकाऊ खेती विधियों में नेतृत्व के लिए पंजाब कृषि विश्वविद्यालय की सराहना भी की। उन्होंने वैज्ञानिकों और नीति निर्माताओं से जलवायु-अनुकूल खेती के तरीकों का पता लगाने का भी आग्रह किया। पंजाब के बहुमूल्य प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षित करने के लिए कम पानी की खपत वाली फसलों की आवश्यकता पर जोर दिया।

गवर्नर गुलाब चंद कटारिया ने कही ये बातें

पंजाब के गवर्नर गुलाब चंद कटारिया (Governor Gulab Chand Kataria) ने किसानों के लिए समर्थन की वकालत की और इसमें दोषारोपण के बजाय समाधान पर ध्यान केंद्रित करने की बात की। उन्होंने कहा कि किसानों को फसल अवशेषों (पराली) के प्रबंधन के लिए वैकल्पिक उपाय उपलब्ध कराए जाने चाहिए। इसके साथ ही, टिकाऊ फसलें और अतिरिक्त मशीनरी भी किसानों को प्रदान की जानी चाहिए, ताकि वे पर्यावरण पर असर डालने से बच सकें।

गवर्नर कटारिया ने यह भी कहा कि उद्योगों को आर्थिक स्थिरता बनाए रखते हुए पर्यावरणीय प्रभाव कम करने के लिए सौर ऊर्जा और कचरा प्रबंधन रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। इस प्रकार, सशक्त योजनाओं और नीतियों के जरिए राज्य की कृषि और उद्योगों को पर्यावरणीय दृष्टिकोण से अधिक टिकाऊ बनाया जा सकता है।

जानिए एक्सपर्ट ने का क्या है कहना?

अमेरिका के डॉ. जॉन पर्किन्स (Dr. John Perkins) ने कृषि क्षेत्र पर जलवायु बदलावों के वैश्विक प्रभाव की जानकारी दी। उन्होंने टिकाऊ समाधानों को आगे बढ़ाने के लिए नए, दूरदर्शी इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत पर जोर दिया।

भारतीय पारिस्थितिकी सोसाइटी (IES) के अध्यक्ष डॉ. अशोक धवन (Dr. Ashok Dhawan) ने सोसाइटी की उपलब्धियों पर और खाद्य सुरक्षा, उत्पादकता और पर्यावरण संतुलन के लिए सम्मेलन के फोकस पर बात की।