Punjab की Maan सरकार प्रदेश के विकास के लिए लगातार कार्य कर रही हैं।
Punjab News: पंजाब की मान सरकार (Maan Government) प्रदेश के विकास के लिए लगातार कार्य कर रही हैं। पंजाब में 1 अक्टूबर से धान की कटाई का मौसम औपचारिक रूप से शुरू होने वाला है। ऐसे में पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Punjab Pollution Control Board) ने राज्य के 8 जिलों और 663 गांवों को पराली जलाने वाले हॉटस्पॉट (Hotspot) के रूप में चिन्हित किया है। जहां पिछले साल पराली जलाने (Stubble Burning) के 23,410 मामले दर्ज किए गए थे। इसके लिए मान सरकार इस बार बहुत पहले से ही सतर्क हो गई है। साथ ही 11,624 गांवों में हजारों अधिकारी तैयार किए जाएंगे। पढ़िए पूरी खबर…
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आपको बता दें कि पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Punjab Pollution Control Board) ने राज्य के 8 जिलों और 663 गांवों को पराली जलाने वाले हॉटस्पॉट के रूप में चिन्हित किया है। इन जिलों में संगरूर, फिरोजपुर, बठिंडा, मोगा, बरनाला, मानसा, तरनतारन और फरीदकोट शामिल हैं, जहां पिछले साल पराली जलाने के 23,410 मामले दर्ज किए गए थे। इसके लिए मान सरकार इस बार बहुत पहले से ही सतर्क हो गई है। साथ ही 11,624 गांवों में हजारों अधिकारी तैयार किए जाएंगे।
इस लिए खेतों में लगाते हैं आग
PPCB के अध्यक्ष ने कहा कि एसडीएम, तहसीलदार और अन्य अधिकारी व्यक्तिगत रूप से इन गांवों का दौरा करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि इन गांवों में कोई आग की घटना न हो। इसके अलावा, धान की कटाई का मौसम शुरू होने से पहले पराली जलाने के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए सूचना, शिक्षा और संचार गतिविधियां भी चलाई जाएंगी। धान की कटाई के बाद रबी की फसल गेहूं की बुवाई का समय बहुत कम होता है, इसलिए किसान अगली फसल की बुवाई के लिए फसल अवशेषों से जल्दी से जल्दी छुटकारा पाने के लिए अपने खेतों में आग लगा देते हैं।
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5 हजार नोडल अधिकारी किए जाएंगे तैनात
पंजाब सरकार (Punjab Government) ने वास्तविक समय में जमीनी स्तर पर आग की घटनाओं की रिपोर्ट करने के लिए राज्य भर में कई विभागों के 8 हजार कर्मचारियों को लगाया है। इस वर्ष, राज्य भर के 11,624 गांवों में लगभग 5 हजार नोडल अधिकारी, 1,500 क्लस्टर समन्वयक और 1,200 फील्ड अधिकारी तैनात किए गए हैं। इन अधिकारियों को पराली जलाने की घटनाओं के सत्यापन के बाद पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (PPCB) और पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर (PRSC) द्वारा विकसित एक्शन टेकन रिपोर्ट (ATR) नामक मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से दैनिक कार्रवाई रिपोर्ट साझा करनी होगी।