Haryana: हरियाणा में विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) के बाद नई सरकार के गठन को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं। भाजपा (BJP) ने तीसरी बार सरकार बनाने का दावा किया है, और पार्टी की ओर से इसके लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री (Chief Minister Mohan Yadav) मोहन यादव को पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। सबसे अहम बात यह है कि अमित शाह, जो आमतौर पर इस तरह की भूमिका में नजर नहीं आते, को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। इससे सियासी हलचल बढ़ गई है और संकेत मिल रहे हैं कि हरियाणा में भाजपा (BJP) कुछ बड़ा करने की तैयारी में है।
शपथ ग्रहण की तारीखों में बदलाव और सियासी खींचतान
चुनावी नतीजे घोषित होने के बाद, पहले 12 अक्टूबर को दशहरे (Dussehra) के दिन शपथ ग्रहण की बात की जा रही थी, लेकिन फिर तारीख बदलकर 15 अक्टूबर (15 October) कर दी गई। इसके बाद भी तारीख टलती रही और अब 17 अक्टूबर (17 October) को नायब सिंह सैनी (Nayab Singh Saini) के नेतृत्व में नई सरकार के गठन की तारीख तय हुई है। इस देरी के चलते भाजपा को आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा, लेकिन अब पार्टी ने अपनी रणनीति को स्पष्ट कर दिया है।
नायब सिंह सैनी का मुख्यमंत्री बनना तय
चुनाव के दौरान अमित शाह (Amit Shah) और पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने नायब सिंह सैनी (Nayab Singh Saini) को मुख्यमंत्री पद के लिए प्रोजेक्ट किया था। पार्टी ने उनके चेहरे पर ही चुनाव लड़ा और अब उनका सीएम (CM) बनना लगभग तय है। हालांकि, इस बीच कई और नाम भी चर्चाओं में थे, जिनमें पूर्व मंत्री अनिल विज (Anil Vij) और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह (Indrajeet Rao) प्रमुख थे। अनिल विज ने चुनाव के दौरान अपनी सीएम पद की महत्वाकांक्षा साफ जाहिर की थी, जबकि राव इंद्रजीत सिंह के बारे में कहा जा रहा था कि वे भी सीएम पद के दावेदार हो सकते हैं। हालांकि, राव इंद्रजीत ने इन अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि वे पार्टी के साथ खड़े हैं।
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अमित शाह की उपस्थिति के सियासी मायने
अमित शाह (Amit Shah) को हरियाणा में सरकार गठन की प्रक्रिया के लिए पर्यवेक्षक बनाए जाने को सियासी रूप से बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। उनके आने का सीधा संदेश यह है कि पार्टी में कोई भी बगावत या असंतोष को जगह नहीं दी जाएगी। शाह का नाम जोड़ना यह भी सुनिश्चित करता है कि नायब सिंह सैनी (Nayab Singh Saini) के नेतृत्व में सरकार गठन की प्रक्रिया बिना किसी अड़चन के पूरी हो।
अहीरवाल बेल्ट का फैक्टर और मोहन यादव की भूमिका
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव (Chief Minister Mohan Yadav) जिन्होंने हरियाणा चुनाव में भाजपा के लिए जमकर प्रचार किया था, की भूमिका भी अहम रही है। अहीरवाल बेल्ट में भाजपा की सफलता में उनका बड़ा योगदान माना जा रहा है, और अब उन्हें अमित शाह के साथ पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त किया गया है।
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निष्कर्ष
हरियाणा में नई सरकार के गठन को लेकर सियासी समीकरणों के बीच अब तस्वीर साफ होती नजर आ रही है। नायब सिंह सैनी (Nayab Singh Saini) का मुख्यमंत्री बनना तय हो गया है और अमित शाह की मौजूदगी यह सुनिश्चित करेगी कि पार्टी के अंदर कोई बगावत या असंतोष की गुंजाइश न रहे। 17 अक्टूबर (17 October) को शपथ ग्रहण समारोह के साथ हरियाणा की नई सरकार की शुरुआत होगी, जिस पर पूरे देश की नजरें टिकी हुई हैं।