Pope Francis: कैथोलिक ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस (Pope Francis) का सोमवार सुबह 88 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वेटिकन न्यूज के अनुसार, स्थानीय समयानुसार सुबह 7 बजकर 35 मिनट पर उन्होंने अंतिम सांस ली। पोप के निधन की पुष्टि कार्डिनल केविन फेरेल (Cardinal Kevin Farrell) ने की। पोप फ्रांसिस के निधन के बाद अब नए पोप का चुनाव किया जाएगा। कार्डिनल मिलकर नए पोप का चुनाव करेंगे। पढ़िए पूरी खबर…

आपको बता दें कि पिछले 5 हफ्तों से पोप फ्रांसिस (Pope Francis) फेफड़ों के संक्रमण से जूझ रहे थे और उन्हें 14 फरवरी को रोम के जेमेली अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान उनका निमोनिया और एनीमिया का इलाज चल रहा था। वेटिकन द्वारा जारी रिपोर्ट में बताया गया था कि उनके ब्लड टेस्ट में किडनी फेल होने के लक्षण और प्लेटलेट्स की कमी भी सामने आई थी। लेकिन इलाज के बाद उन्हें कुछ समय के लिए डिस्चार्ज भी किया गया था।

पीएम मोदी ने कहा- ‘मुझे गहरा दुख हुआ’
पीएम नरेंद्र मोदी ने पोप फ्रांसिस को श्रद्धांजलि अर्पित की है। PM मोदी ने ‘X’ पर लिखा-परम पूज्य पोप फ्रांसिस के निधन से मुझे गहरा दुख हुआ है। दुख और स्मरण की इस घड़ी में, वैश्विक कैथोलिक समुदाय के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं। पोप फ्रांसिस को दुनिया भर के लाखों लोग हमेशा करुणा, विनम्रता और आध्यात्मिक साहस के प्रतीक के रूप में याद रखेंगे। छोटी उम्र से ही उन्होंने प्रभु ईसा मसीह के आदर्शों को साकार करने के लिए खुद को समर्पित कर दिया था। उन्होंने गरीबों और वंचितों की लगन से सेवा की। जो लोग पीड़ित थे, उनके लिए उन्होंने आशा की भावना जगाई।
कौन होते हैं ‘पोप’?
ईसाई धर्म, विशेषकर रोमन कैथोलिक चर्च में, पोप को सर्वोच्च धार्मिक पद माना जाता है। ‘पोप’ शब्द का अर्थ ‘पिता’ होता है, इसलिए उन्हें ‘होली फादर’ भी कहा जाता है। वे वेटिकन सिटी के राष्ट्राध्यक्ष होते हैं और दुनियाभर के कैथोलिक ईसाइयों के आध्यात्मिक नेता होते हैं। पोप जीवनभर ब्रह्मचर्य का पालन करते हैं और विवाह नहीं करते।
पोप फ्रांसिस का जन्म 17 दिसंबर 1936 को अर्जेंटीना के फ्लोरेंस शहर में हुआ था। पोप बनने से पहले वे ‘जॉर्ज मारियो बर्गोग्लियो’ के नाम से जाने जाते थे। वे सोसाइटी ऑफ जीसस (जेसुइट्स) के सदस्य थे और अमेरिका महाद्वीप से पोप बनने वाले पहले व्यक्ति थे।

1000 सालों में वे पहले गैर-यूरोपीय थे पोप
पोप फ्रांसिस (Pope Francis) को साल 2013 में रोमन कैथोलिक चर्च का 266वां पोप चुना गया था। वे पोप बेनेडिक्ट सोलहवें के उत्तराधिकारी बने। बीते 1000 सालों में वे पहले गैर-यूरोपीय पोप थे। उनके दादा-दादी इटली के तानाशाह बेनिटो मुसोलिनी से बचने के लिए अर्जेंटीना चले गए थे। उन्होंने दर्शनशास्त्र और धर्मशास्त्र में मास्टर डिग्री ली थी और साल 1998 में ब्यूनस आयर्स के आर्कबिशप बने। 2001 में पोप जॉन पॉल द्वितीय ने उन्हें कार्डिनल नियुक्त किया था।
पोप फ्रांसिस के जीवन के महत्वपूर्ण क्षण
- जॉर्ज मारियो बर्गोग्लियो का जन्म 17 दिसंबर, 1936 को हुआ था।
- 1969 में जेसुइट ऑर्डर में पुजारी नियुक्त किया गया था।
- 1973-79 तक वे अर्जेंटीना में शीर्ष नेता थे।
- 1992 में ब्यूनस आयर्स के सहायक बिशप और 1998 में शहर के आर्कबिशप बने।
- 2001 में पोप जॉन पॉल द्वितीय द्वारा कार्डिनल बनाया गया था।
- मार्च 2013 में एक कॉन्क्लेव में पोप चुना गया था।
- 1000 वर्षों में पहले गैर-यूरोपीय पोप थे।
- उन्होंने पोप के कई पारंपरिक दिखावे को त्याग दिया।
- अपोस्टोलिक पैलेस में भव्य पोप अपार्टमेंट के बजाय आधुनिक वेटिकन गेस्ट हाउस में रहना पसंद किया।
- फ्रांसिस ने इटली के बाहर 47 यात्राएं कीं।
- 65 से अधिक राज्यों और क्षेत्रों का दौरा किया।
- 465,000 KM से अधिक की यात्रा की।
कौन होता है पोप के बाद दूसरा सबसे बड़ा धर्मगुरु?
कैथोलिक चर्च में पोप (Pope) के बाद सबसे बड़ा धार्मिक पद कार्डिनल्स का होता है। ये पोप के सलाहकार होते हैं और उनकी अनुपस्थिति में जिम्मेदारियां निभाते हैं। यही कार्डिनल्स पोप के उत्तराधिकारी के चयन में भी अहम भूमिका निभाते हैं।
नए पोप के चयन की प्रक्रिया
पोप फ्रांसिस (Pope Francis) के निधन के बाद नए पोप के चयन की प्रक्रिया शुरू होगी, जिसे ‘पैपल कॉन्क्लेव’ कहा जाता है। यह प्रक्रिया पिछले करीब 800 वर्षों से चली आ रही है और पूरी तरह लोकतांत्रिक होती है। इस प्रक्रिया में कार्डिनल्स वोटिंग के जरिए नए पोप का चुनाव करते हैं। मतदान तब तक चलता है जब तक योग्य उत्तराधिकारी का चुनाव नहीं हो जाता।

